CG - पिता के अंतिम संस्कार से पहले भिड़े दो भाई, इस बात लेकर दो भाईयों में हुई जमकर मारपीट, पिता का शव छोड़ पहुंचे थाने, फिर जो हुआ.....

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से बड़ी खबर सामने आई है। यहां बुजुर्ग पिता की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने से पहले दो बेटे संपत्ति के बंटवारे को लेकर भिड़ गए। दोनो भाईयों के बीच जमकर मारपीट हुई।

CG - पिता के अंतिम संस्कार से पहले भिड़े दो भाई, इस बात लेकर दो भाईयों में हुई जमकर मारपीट, पिता का शव छोड़ पहुंचे थाने, फिर जो हुआ.....
CG - पिता के अंतिम संस्कार से पहले भिड़े दो भाई, इस बात लेकर दो भाईयों में हुई जमकर मारपीट, पिता का शव छोड़ पहुंचे थाने, फिर जो हुआ.....

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से बड़ी खबर सामने आई है। यहां बुजुर्ग पिता की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने से पहले दो बेटे संपत्ति के बंटवारे को लेकर भिड़ गए। दोनो भाईयों के बीच जमकर मारपीट हुई। पिता का अंतिम संस्कार करने के बजाय लहूलुहान दोनों भाई कोतवाली थाने पहुंच गए।

बता दे कि अंबिकापुर के चांदनी चौक मायापुर निवासी गिरिवर सोनी की देर रात मौत हो गई। गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार करने की तैयारी चल रही थी। घर के बाहर अर्थी सजाई गई, लेकिन पिता का अंतिम संस्कार करने से पहले घर में विवाद शुरू हो गया।

गिरिवर सोनी के दो बेटे चमरू सोनी और विजय सोनी संपत्ति के बंटवारे को लेकर आपस में भिड़ गए। दोनों भाईयों ने डंडे और ईंट पत्थर से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। जिससे दोनों भाई लहूलुहान हो गए। विवाद के बाद दोनों भाई कोतवाली थाने पहुंच गए

विवाद के बाद दोनों भाई कोतवाली थाने पहुंच गए। इसकी सूचना मिलने पर समाज के लोग भी कोतवाली थाने पहुंचे । थाना प्रभारी मनीष सिंह परिहार सहित समाज के लोगों ने समझाइश दी कि पहले पिता के शव का अंतिम संस्कार करें, उसके बाद भी पुलिस कार्रवाई हो सकती है। जिसके बाद दोनों भाई पिता के शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए। घर से दोपहर में पिता के अंतिम संस्कार की तैयारी पूरी की गई।

गिरवर सोनी के दोनों बेटों के बीच संपत्ति का विवाद लंबे समय से चल रहा है। दोनों का परिवार अलग-अलग रहता है। एक के साथ पिता रहते थे। पैतृक संपत्ति का पूरी तरह बंटवारा नहीं हुआ है। चमरू सोनी का मायापुर में कार श्रृंगार की दुकान है। वहीं, विजय सोनी ज्वेलर्स का काम करते हैं।

कोतवाली थाना प्रभारी और समाज के वरिष्ठ लोगों की समझाइश के बाद दोनों भाई ने पिता के शव का अंतिम संस्कार किया। मोहल्लेवासी और समाज के लोगों ने किसी तरह उन्हें रोका और विवाद शांत कराया। शंकरघाट मुक्तिधाम में गिरिवर सोनी का अंतिम संस्कार किया गया।