Bhulan The Maze : CM भूपेश आज फिल्म देखने जायेंगे…कांग्रेस नेताओं व मीडिया संग देखेंगे “भूलन द मेज” जाने क्यों है फिल्म की इतनी चर्चा? क्यों देखें ‘भूलन द मेज’? पढ़ें फिल्म Bhulan The Maze का Review…
Bhulan The Maze : CM Bhupesh will go to see the film today… will watch “Bhulan The Maze” with Congress leaders and media मुख्यमंत्री भूपेश बघेलआज ‘भूलन..द मेज़’ मूवी देखने जायेंगे। संजीव बक्शी की रचना ‘भूलन कांदा’ पर आधारित इस फिल्म की काफी चर्चा है।




Bhulan The Maze : CM Bhupesh will go to see the film today… will watch “Bhulan The Maze” with Congress leaders and media
रायपुर 1 जून 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेलआज ‘भूलन..द मेज़’ मूवी देखने जायेंगे। संजीव बक्शी की रचना ‘भूलन कांदा’ पर आधारित इस फिल्म की काफी चर्चा है।आज होने वाले नव-संकल्प शिविर में कांग्रेसजनों एवं मीडिया के साथ मुख्यमंत्री ये फिल्म होंगे। शाम कांग्रेसजनों एवं मीडियाकर्मियों के साथ मुख्यमंत्री ये फिल्म देखेंगे। 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ की फिल्म (Chhattisgarhi Film) ‘भूलन द मेज’ (Bhulan the Maze) को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था।(Bhulan The Maze Review…)
फिल्म के टाइटल में भूलन शब्द का जिक्र है, इसका मतलब भूलन कांदा से है. यह छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाने वाला एक पौधा है, जिस पर पैर पड़ने से इंसान सब कुछ भूलने लगता है. रास्ता भूल जाता है, वह भटकने लगता है, इस दौरान कोई दूसरा इंसान जब आकर उस इंसान को छूता है तब जाकर फिर से वह होश में आता है. इसी भूलन कांदा पर ”भूलन द मेज” फिल्म बनी है. फिल्म के जरिये आज के सामाजिक, इंसानी, सरकारी व्यवस्था में आए भटकाव को दिखाया गया है. यह फिल्म भूलन कांदा उपन्यास पर आधारित है, इसके लेखक संजीव बख्शी हैं. इस फिल्म की शूटिंग गरियाबंद के भुजिया गांव में हुई थी इसमें एक्टर ओंकार दास मानिकपुरी ने काम किया है. इस फिल्म के टाइटल सॉन्ग का म्यूजिक कैलाश खेर ने दिया है.(Bhulan The Maze Review…)
नहीं भूल पायेंगे भूलन को…
जमीन से जुड़े लोगों को भूलन देखनी ही चाहिए।
किस तरह से गांव के लोग एक परिवार बनकर मुश्किल वक्त में भी खुशी ढूंढ लेते हैं और किस तरह से जिस व्यक्ति को गलत समझा जाता है, फालतू समझा जाता है, वह औरों के लिए प्रेरणा बन जाता है, ऐसी प्रेरणास्त्रोत और उत्साहवर्धित करने वाली फिल्म का नाम है-‘भूलन द मेज’
वैसे तो यह फिल्म छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार संजीव बख्शी द्वारा रचित उपन्यास पर आधारित है, लेकिन जिस नेचुरल पिक्चराइजेशन के साथ इसकी शूटिंग हुई है और फिल्म के प्रत्येक कलाकारों ने अपना बेस्ट दिया है, उससे भूलन नहीं भूलने वाली फिल्म बनकर रह जाती है। इसके लिए फिल्म के सभी स्टारकास्ट और विशेष रुप से फिल्म के निर्देशक मनोज वर्मा को बधाई।(Bhulan The Maze Review)
स्टोरी क्या है?
फिल्म के शुरुआत में ही फिल्म का पूरा इंट्रो दे दिया जाता है। किस तरह से जंगलों में पाए जाने वाले भूलन कांदा से टकराकर व्यक्ति रास्ता भटक जाता है और वहीं-वहीं गोल-गोल घूमते रहता है और दूसरा इंसान उस इंसान को छू न ले तब तक उसे होश नहीं आता।(Bhulan The Maze Review…)
जिसके बाद एक सुंदर गांव को शूटिंग लोकेशन के रूप में लिया गया है। जहां पंच परमेश्वर यानी की पंचायत के सरपंच और पंचों के द्वारा जिस पारंपरिक तरीके से निर्णय लिए जाने का जिक्र है, उसे बखूबी बताया गया है।(Bhulan The Maze Review)
गांव में जमीन को लेकर विवाद आम बात है। ऐसे में अभी भी दूरस्थ ग्रामीण में किस तरह से ग्रामीण अपने इंच-इंच जमीन के लिए लड़ जाते हैं और उसके बाद मामला किस तरह से न्यायालय पहुंचता है। गांव से न्यायालय के सफर में गांववालों की मासूमियत को बखूबी दिखाया गया है। वैसे इस दौरान की एक्टिंग की सारी खूबसूरती और हंसीठिठोली में डूबने आपको फिल्म देखने जाना होगा।
फिल्म के आखिर में न्यायालय परिसर के अंदर सरकारी वकील गुटखा खाकर बहस करते नजर आते हैं, जो हास्यास्पद के अलावा कुछ भी नहीं है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि माननीय न्यायालय के सामने विशेष रूप से अधिवक्ता कितने शालीन और सदाचरण के साथ जाते हैं। इसके अलावा भकला नामक किरदार का ‘हौ’ शब्द बार-बार सुनने पर दर्शक इरिटेट होता है।
टाइटल सॉन्ग बेहतरीन
संगीत बहुत शानदार है, जैसा मैंने आपको पहले बताया। कैलाश खेर ने गाने का टाइटल सॉन्ग गाया है और पार्ट में जब भी आप उनका गाना सुनते हैं, तो सीट पर बैठे-बैठे ही आप उंगलियां और पैर थिरकाते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर फिल्म देखने लायक है। जैसा मैंने पहले कहा अपनी जमीन से जुड़े लोगों के फिल्म अवश्य देखनी चाहिए। वैसे ये हम सबका दायित्व भी है कि इस फिल्म को देखें, ताकि कलाकारों का, प्रोड्यूसर का, निर्देशक का हौसला बढ़े। राज्योत्सव-2021 में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा फिल्म को एक करोड़ का अनुदान देकर सम्मानित किया गया है, फिल्म को उपराष्ट्रपति सम्मानित कर चुके हैं।
इसीलिए भी देखनी चाहिए, क्योंकि फिल्म के प्रत्येक किरदार ने अपना बेस्ट अभिनय किया है, बिल्कुल नहीं भूलने लायक।”(Bhulan The Maze Review…)