भोजली महोत्सव समिति द्वारा इस बार खास अंदाज में मनाएगा त्योहार…स्पर्धा में प्रवेश के लिए बनाए 5 नियम, नकद पुरस्कार बांटेंगे…
Bhojli Mahotsav Samiti will celebrate the festival in a special way this time… 5 rules made for entering the competition,




बिलासपुर:-छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ीया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के सोच के अनुरूप छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक धरोहर भोजली पर्व को बचाए रखने का एक छोटा प्रयास भोजली महोत्सव
अत्यंत हर्ष के साथ समस्त सम्माननीय माताओं-बहनों को सूचित किया जाता है कि भोजली विसर्जन के दिन दिनाँक 31/8/23 गुरुवार को दोपहर 3 बजे से रात्रि 8 बजे तक शनिचरी रपटा चौक चांटीडीह बिलासपुर में भोजली प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया है इस प्रतियोगिता में अधिक से अधिक प्रतिभागी महिलाओं की टोली अपनी भोजली सहित प्रतियोगिता में भाग लेकर इस प्रतियोगिता का लाभ उठाएं। जिसमे आकर्षक पुरुस्कार दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता में कुल 50 अंक निर्धारित किया गया है जो नीचे दर्शित है।
नियम एवं शर्ते निम्नानुसार हैं:-
1.भोजली का रंग परम्परागत हल्का पीला घना एवं ऊंचा होना चाहिए।
2.महिलाओं की टोली की संख्या कम से कम 15 या उससे अधिक होना चाहिए।
3.भोजली की परंपरागत गीत छतीसगढ़ी में होना चाहिए।
4.भोजली गीत छत्तीसगढ़ी में बाजे गाजे एवं नृत्य के साथ होना चाहिए।
5.छत्तीसगढ़ी श्रृंगार वेशभूषा पहनावा के साथ होना चाहिए।
भोजली महोत्सव चांटीडीह के द्वारा शनिचरी रपटा चौक में पहली बार भोजली प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता के आयोजन की जानकारी इस प्रकार है कि 31 अगस्त को दोपहर 3 बजे से रात्रि 8 बजे तक शनिचरी रपटा चौक में भोजली प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया है इस प्रतियोगिता में शहर व आसपास के ग्रामीण अंचल से अधिक से अधिक प्रतिभागी महिलाओं की टोली शामिल होंगी। इस प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार नगद 21,000/- रू. द्वितीय पुरस्कार नगद 17,000/- तृतीय पुरस्कार नगद 15,000/- के साथ शील्ड प्रदान किया जायेगा। तथा चतुर्थ पुरस्कार नगद 12,000/- पंचम पुरस्कार नगद 10,000/- षष्ठम पुरस्कार नगद 7000/- सप्तम् पुरस्कार नगद 5000/- अष्ठम पुरस्कार नगद 3000 /- नवम् पुरस्कार नगद 2000/- दशम् पुरस्कार नगद 1000/- प्रदान किया जायेगा।
यह कार्यक्रम विलुप्त होती हुई छत्तीसगढ़ की भोजली त्यौहार को बचाये रखने
के लिये तथा छत्तीसगढ़ के परंपरा के अनुसार भोजली के दिन ही एक दूसरे के कान के ऊपर
भोजली लगाकर मितान / मितानिन / महाप्रसाद बदने/बनाने की जो प्रथा उसको भी बचाय
रखने के उद्देश्य से इस प्रतियोगिता में आकर्षक इनामों की घोषणा कर लोगों में भोजली
महोत्सव तथा भोजली त्यौहार के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है आने वाले साल में भी इसी
प्रकार इस प्रथा को बनाये रखने के लिए इसी प्रकार का आयोजन किया जायेगा। जिससे
हमारे छत्तीसगढ़ की त्यौहार भोजली जो हमारी धरोहर के रूप में है इसे बचाने के लिये हर
संभव ऐसे आयोजन करेंगे। ताकि भोजली के त्यौहार को लोग बहुत ही उत्साह के साथ
मनाने को तैयार रहेंगे। विलुप्त होती भोजली के त्यौहार को बचाये एवं बनाये रखने के लिये
यह आयोजन रखा गया है।
आयोजक:-भोजली महोत्सव