साहब का शौचालय साफ सुथरा फिर जनता से क्या लेना देना.... देख रेख के अभाव में गंदगी का भेंट चढ़ा जनपद व तहसील के बीच मे बना सार्वजनिक शौचालय...
संदीप दुबे✍️✍️✍️




Nayabharat
संदीप दुबे✍️✍️✍️
भैयाथान - कहने को तो पूरा देश खुले शौचालय से मुक्त है और भारत सरकार इसके लिए हर स्तर से सुविधा प्रदान कर रही है लेकिन क्या सरकारी कार्यालयों में बने जनता के सुविधाओं के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण सिर्फ दिखावा...?
मामला भैयाथान मुख्यालय में जनपद पंचायत व तहसील कार्यालय के बीच मे बनी सामुदायिक शौचालय का है जिसके दोनों तरफ जनपद व राजस्व के कार्यालय है जहां विकासखंड के बड़े बड़े अधिकारी रोज बैठते है जिससे क्षेत्र के जनता के समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा सके और शायद हो भी रहा है । लेकिन अपनी फरियाद लिए आ रहे जनता के सुविधाओ के लिए निर्मित शौचालय का स्थिति बद से बत्तर है आखिर इसके जिम्मेदार कौन हैं । दिन प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपने कामो को लेकर तहसील , जनपद , बैंक व अन्य सरकारी दफ्तरों में आते है और घण्टो देर रुक कर अपना काम करवाते है इन सब को किसी प्रकार की दिक्क्क्त न हो इसके लिए पंचायत के द्वारा सामुदायिक शौचालय का निर्माण सरकारी दफ्तरों के बीच मे कराया गया किंतु वर्तमान स्थिति में जनता को इसका लाभ सिर्फ इसलिए नहीं मिल रहा है क्योंकि ये शौचालय गंदगी की भेंट चढ़ गई जिससे सरकारी कर्मचारी व दफ्तरों में आये सामान्य लोग यहाँ जाने से अच्छा खुले में या अन्य जगह से अपना काम चला रहे ।
लोगो की माने तो तो सीधे कह रहे है कि साहब के शौचालय का साफ सफाई समय समय पर होता है ये तो आम जनता के लिए बना इसके लिए किसी को क्या मतलब , आपको बता दे इस शौचालय की स्थिति बद से बत्तर हो गयी जिससे लोग वहां जाने से कतराते है ऐसे में सवाल यह उठता है कि इसकी जवाबदेही किसकी है ।
मुख्यालय में बने सामुदायिक शौचालय का ये स्थिति तो पंचायतों का क्या होगा हाल...
पंचायत के द्वारा सभी पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है और कहीं कहीं कराया जा रहा है जिसमे पंचायत के लोग व आने जाने वाले नित्य क्रिया से निवृत हो सके लेकिन जनपद मुख्यालय में बने शौचालय का अगर ये स्थिति है तो पंचायतों का क्या होगा हाल इसके जिम्मेदार कौन है या कौन होंगे । क्या ऐसे में सरकारी पैसों का व्यवस्था के नाम पर सिर्फ दुरुपयोग किया जा रहा है या ये भी भृष्टाचार करने का एक जरिया बन गया है ।
एसडीएम , तहसीलदार , सीईओ सहित रोज आते है बड़े बड़े अफसर लेकिन नही पड़ती किसी की नज़र....
ब्लॉक मुख्यालय में सभी बड़े अधिकारियो का रोज आना होता है लेकिन इस शौचालय में शायद ही किसी की नज़र पड़ती हो अगर नज़र पड़ती तो इसकी स्थिती बद से बत्तर नही होती शायद इस शौचालय का निर्माण बड़े बड़े अधिकारीयों के लिए नही सिर्फ फरियादीओ के लिए बनाया गया है जिससे इन अफसरों को कोई लेना देना नही है लेकिन इसकी भी जवाबदेही किसी न किसी की होगी जिससे रोज उपयोग में आने वाली सामुदायिक शौचालय की स्थिति सामान्य व उपयोग लायक हो लेकिन इसकी जानकारी शायद किसी अधिकारी को नही है जिससे ये अपनी इस स्थिति को खुद बयां कर रहा है ।