Bank Loan : Personal Loan लेने से पहले जान लें ये बातें, बच जाएगा मोटा खर्च....
Bank Loan: Know these things before taking a personal loan, you will save huge expenses.... Bank Loan : Personal Loan लेने से पहले जान लें ये बातें, बच जाएगा मोटा खर्च....




Bank Loan Update :
नया भारत डेस्क : अगर आप भी लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि लोन लेने से पहले आपको लोन के बारे में कुछ जानकारियां पहले से ही होनी चाहिए क्योंकि बैंक लोन प्रोवाइडर (bank loan provider) अगर आपको ये बातें न बताए तो आप उनसे सवाल कर सके । आइए जानते हैं इन सवालों के बारे में खबर के माध्यम से।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए कभी न कभी लोन जरुर लेता हैं लेकिन लोन की जानकारी न होने के कारण उन्हे बैंक लोन भी कई बार मंहगा पड़ जाता हैं । आइए जानते हैं लोन की बेसिक जानकारी (Basic information about loan) के बारे में जिससे आपके पैसे और समय की भरपूर बचत हो सकें। (Bank Loan Update)
मूल्यवान ग्राहकों के लिए उचित ब्याज दर
एक उदाहरण देखते हैं। बैंक से फोन आता है, ''क्या आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं? अपने मूल्यवान ग्राहकों के लिए हम 9 फीसदी की बेहद कम दर पर लोन ऑफर कर रहे हैं। जी हां, फ्लैट 9 फीसदी सालाना।''
झूठे दावों की सच्चाई जानें
यह मैसेज अपने शिकार को फंसाने का चारा है। यह उन बहुत से तरीकों में से एक है जो ग्राहकों को बनाने के लिए रिलेशनशिप मैनेजर (relationship manager) इस्तेमाल करते हैं। बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के एजेंट भोले-भाले ग्राहकों को झूठे दावों और लुभावने वादों से बार-बार फुसलाते हैं। (Bank Loan Update)
रिड्यूसिंग रेट ऑफ इंटरेस्ट
9 फीसदी की दर पर पर्सनल लोन (personal loan) सस्ता लग सकता है। लेकिन, कुछ ग्राहक ही समझते हैं कि ब्याज का फ्लैट रेट ईएमआई के साथ लोन को देखने का सही तरीका नहीं है। हर एक emi मूल रकम को कम करती है। इसलिए ऐसे लोन का मूल्यांकन ब्याज की घटती दर (रिड्यूसिंग रेट ऑफ इंटरेस्ट) पर करना चाहिए। (Bank Loan Update)
रिड्यूसिंग ईएमआई
Reducing Rate of Interest : में जैसे-जैसे लोन की अवधि गुजरती वैसे-वैसे emi भी कम होती जाती है। वहीं, फ्लैट रेट में ऐसा नहीं होता है। अलबत्ता लोन की पूरी अवधि के दौरान एक ही तरह की emi का भुगतान किया जाता है। दोनों में पहली व्यवस्था ग्राहकों के लिए फायदेमंद है। लेकिन, इसका जिक्र कोई भी रिलेशनशिप मैनेजर नहीं करता है। (Bank Loan Update)
फ्लैट रेट का झांसा से बचे
अगर लोन पांच साल का है तो 8 फीसदी फ्लैट रेट 15।7 फीसदी रिड्यूसिंग रेट के बराबर पड़ता है (ग्राफिक देखें)। दुर्भाग्यवश इस बात को बहुत कम ग्राहक समझते हैं। उन्हें कम फ्लैट रेट का झांसा दिया जाता है और वे उसमें आसानी से आ जाते हैं।
जो ग्राहक इस बात को समझते हैं, उनके लिए बैंक स्टाफ के पास दूसरे हथियार होते हैं। लोन प्रोसेसिंग फीस (Loan Processing Fee) इनमें सबसे पसंदीदा होता है। यह छोटी रकम होती है, अमूमन लोन की रकम का 1-2 फीसदी जिसमें 2,000 से 3,000 रुपये की सीमा होती है। लेकिन, ये चार्ज लोन की प्रभावी दरों को बढ़ा देते हैं। (Bank Loan Update)
एडवांस ईएमआई का भुगतान न करे
एडवांस ईएमआई (advance emi) एक और तरीका है जिसके जरिये प्रभावी ब्याज दर को बढ़ाया जा सकता है। यह आसान ट्रिक है जिससे ग्राहक को मिलने वाले कुल कर्ज को कम कर दिया जाता है। इसके तहत ग्राहक से एडवांस में दो ईएमआई देने के लिए कहा जाता है। 14 फीसदी की दर से दो साल के लिए 5 लाख रुपये के लोन की ईएमआई 24,000 रुपये निकलती है। अगर आप दो ईएमआई अपफ्रंट दे देते हैं तो कुल दिया जाने वाला लोन घटकर 4।52 लाख रुपये रह जाता है। जबकि आपसे 5 लाख रुपये के लिए चार्ज किया जाता है। (Bank Loan Update)
लोन लेने से पहले जाने ये फीचर्स
जब लोग लोन लेते हैं तो मंजूर होने वाली रकम को लेकर इस कदर चिंतित होते हैं कि उन्हें दो ईएमआई का पेमेंट करना बहुत भारी नहीं लगता। वे इसकी चिंता भी नहीं करते। लेकिन, सच यह है कि इन दो emi के पेमेंट से लोन की प्रभावी ब्याज दर 14 फीसदी से बढ़कर 16।6 फीसदी हो जाती है। अगर ग्राहक सवाल करते हैं तो उसका ध्यान यह कहकर भटका दिया जाता है कि फॉर्म में कमी थी, कुछ और document की जरूरत है या बस कुछ और फीचर की बात कह दी जाती है। (Bank Loan Update)
मौखिक वादे से बचे
अगर ग्राहक को महंगी खरीद करने के लिए फुसला लिया जाए तो कमीशन बढ़ जाते हैं। कार लोन इत्यादि में अक्सर ऐसा किया जाता है। कार के साथ रोडसाइड एसिस्टेंस कवर (Roadside Assistance Cover) देने की बात की जाती है। कई एड-ऑन फीचर देने का वादा सिर्फ मौखिक रूप से कर दिया जाता है। (Bank Loan Update)
एप्लीकेशन पर हस्ताक्षर करा लेने पर होता है फोकस
यही वजह है कि लोन के एप्लीकेशन प्रोसेस को तेजी से निपटाया जाता है। लोगों को लोन डॉक्यूमेंट (loan document)में दिए गए क्लॉज को न पढ़ने का समय दिया जाता है न समझने का। नियम और शर्तें तो वैसे भी इतने बारीक फॉन्ट में लिखे जाते हैं कि ग्राहक पढ़ ही न पाए। कुल मिलाकर लोन एप्लीकेशन पर हस्ताक्षर करा लेने पर पूरा फोकस होता है। (Bank Loan Update)
इंश्योरेंस कहीं से भी खरीदा जा सकता
जब आप लोन लेते हैं तो एजेंट कमीशन में भी कमाते हैं। यह कमीशन इंश्योरेंस बेचकर और बढ़ जाता है। ऐसे में होम लोन के साथ धीरे से सिंगल प्रीमियम टर्म प्लान (Single Premium Term Plan)भी बढ़ा दिया जाता है। यह पॉलिसी लोन लेने वाले को कवर करती है और कुछ हो जाने की स्थिति में उसके लोन का भुगतान करती है। देय प्रीमियम को लोन की राशि में जोड़ दिया जाता है ताकि ग्राहक को उसे अपनी जेब से नहीं देना पड़े। बता दें कि होम लोन के साथ इंश्योरेंस की बिक्री पूरी तरह से गैर-कानूनी है। बेशक आरबीआई बैंक को अपने हितों की सुरक्षा करने की अनुमति देता है। इसके लिए एसेट और कर्जदार को बीमित करने पर भी जोर दिया जाता है। लेकिन, यह इंश्योरेंस कहीं से भी खरीदा जा सकता है। बैंक इस बात के लिए जोर नहीं दे सकता है कि इंश्योरेंस उसी से खरीदा जाए। इस नियम के बारे में ग्राहक को कभी नहीं बताया जाता है। (Bank Loan Update)