365 दिन में 1 दिन भी कवर्धा जिले के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक का नहीं हो पाया सम्मान, कूड़ा करकट और गंदगी से बजबजाता रहा स्मारक चिन्ह सुध लेने वाला कोई नहीं।

365 दिन में 1 दिन भी कवर्धा जिले के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक का नहीं हो पाया सम्मान, कूड़ा करकट और गंदगी से बजबजाता रहा स्मारक चिन्ह सुध लेने वाला कोई नहीं।
365 दिन में 1 दिन भी कवर्धा जिले के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक का नहीं हो पाया सम्मान, कूड़ा करकट और गंदगी से बजबजाता रहा स्मारक चिन्ह सुध लेने वाला कोई नहीं।

कवर्धा/ पंडरिया/देश प्रदेश व जिले में आज बहुत ही धूमधाम से 15 अगस्त मनाया जा रहा है, कवर्धा जिले में भी भारी उत्साह देखने को मिला लेकिन इसी बीच जिले के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी पूरनलाल ओझा जी जोकि पंडरिया नगर व कवर्धा जिले के निवासी थे जिनकी याद में बने स्मारक स्तंभ का घोर अपमान करने का मामला सामने आया है। 

 

 

आपको बतला दे की पंडरिया नगर पंचायत के पुराने बाजार में स्थित जिले के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने अनेक यातनाएं सहकार आजादी की लड़ाई लड़ी व अपना सर्वोच्च निछावर कर दिया ऐसे वीर सपूतों के नाम से बने स्मारक जो की पंडरिया नगर पंचायत से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित है जहां कूड़ा करकट और गंदगियों का अंबार है पूरे साल इस स्थान का ऐसा ही हाल रहता है आज 15 अगस्त के दिन ना ही वहां तिरंगा फहराया गया न नहीं उनके सम्मान का ख्याल रखा गया आप गलती से भी वहां चले गए तो उसे स्थान पर इतनी गंदगी है कि आप वहां 1 मिनट भी नहीं रुक पाएंगे गंदगी व बदबू से आपका दम घुट जाएगा स्मारक स्तंभ 

अपनी अंतिम सांसे ले रही है इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है मजे की बात तो यह है कि नगर पंचायत पंडरिया स्थानीय प्रशासन जिला प्रशासन को पता ही नहीं है कि जिले में कोई स्वतंत्रता सेनानी भी था व उनके नाम से कोई स्मारक स्तंभ लगा हुआ है छत्तीसगढ़ प्रदेश जिला व नगर को शर्मसार कर देने वाली घटना आज 15 अगस्त के दिन सामने आयी है नेता व अधिकारी मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन धरातल पर जमीनी सच्चाई कुछ और ही है स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक स्तंभ के अपमान को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है क्या प्रदेश सरकार जिला प्रशासन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करेगी या छोटी बात समझ कर भूल जाएगी।