भरारी धान खरीदी केंद्र को नवलदास मानिकपुरी के रूप में मिला नया प्रभारी एचएन पुरेना ने रात में आ कर दिया आदेश आखिर क्यों प्राधिकृत अधिकारी इस धान खरीदी केंद्र पर लगा रहे हैं अपना पूरा जोर 2014 में अध्यक्ष मैनेजर समेत चार लोगों पर एफ आई आर दर्ज कराने कलेक्टर ने किया था आदेश इन्हीं कारनामों में लीपापोती के लिए लगातार हो रही है यहां उठापटक पढ़ें पूरी खबर

भरारी धान खरीदी केंद्र को नवलदास मानिकपुरी के रूप में मिला नया प्रभारी एचएन पुरेना ने रात में आ कर दिया आदेश आखिर क्यों प्राधिकृत अधिकारी इस धान खरीदी केंद्र पर लगा रहे हैं अपना पूरा जोर 2014 में अध्यक्ष मैनेजर समेत चार लोगों पर एफ आई आर दर्ज कराने कलेक्टर ने किया था आदेश इन्हीं कारनामों में लीपापोती के लिए लगातार हो रही है यहां उठापटक पढ़ें पूरी खबर
भरारी धान खरीदी केंद्र को नवलदास मानिकपुरी के रूप में मिला नया प्रभारी एचएन पुरेना ने रात में आ कर दिया आदेश आखिर क्यों प्राधिकृत अधिकारी इस धान खरीदी केंद्र पर लगा रहे हैं अपना पूरा जोर 2014 में अध्यक्ष मैनेजर समेत चार लोगों पर एफ आई आर दर्ज कराने कलेक्टर ने किया था आदेश इन्हीं कारनामों में लीपापोती के लिए लगातार हो रही है यहां उठापटक पढ़ें पूरी खबर

भरारी धान खरीदी केंद्र में लगातार हो रही उठापटक के बीच एक नई खबर निकल कर सामने आई है यहां दोनों ही पूर्व और वर्तमान धान खरीदी केंद्र प्रभारी प्रबंधक को हटाकर तीसरे को प्रभार दे दिया गया है जिनका नाम नवलदास मानिकपुरी बताया गया है यह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में धान खरीदी केंद्र में कार्यरत हैं इन सब उठापटक के बीच कुछ बातें निकल कर सामने आ रही है जैसे पिछली बार धान खरीदी केन्द्र में खाद वितरण में घोटाला केसीसी वितरण में घोटाला इन सभी घोटालों को छिपाने के उद्देश्य से ही यहां पूरा प्रपंच किया जा रहा है बताया जाता है कि एक किसान जिन की वास्तविक भूमि 70 डिसमिल दिख रहा है जिनको कागजों में हेराफेरी करके तकरीबन 16 एकड़ करके शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया गया है ना सिर्फ केसीसी के माध्यम से बल्कि इसी किसान से 19 सौ बोरी धान खरीदा गया है अब सोचिए 70 डिसमिल जिनकी वास्तविक जमीन है वह इतना धान कहां से लायेगा इनको इतना केसीसी लोन कैसे दिया गया और इनके खाते में बोनस का हीं कितना पैसा आया होगा यही सब वह कारण है जिनके लिए लगातार यहां धान खरीदी केंद्र के प्रभारियों को बदला जा रहा है ताज्जुब की बात तो यह है कि यह सब घोटाला एचएन पूरेना की देखरेख में हुई है क्योंकि यही वह अधिकारी हैं जिनके रहते या यूं कहें की इनके नाक के नीचे यह सब हो रहा था जब यह सब घोटाला हुआ तब यह यहां के प्राधिकृत अधिकारी थे तो क्या ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होनी चाहिए जो घोटाले बाजों को बचाने के लिए घोटाला को छिपाने के लिए लगातार धान खरीदी केंद्र में रोज नए नए आदेश लेकर पहुंच रहे हैं और धान खरीदी केंद्र में अशांति फैला रहे हैं क्या यह अधिकारी सिर्फ आदेश लेकर नई नियुक्तियां कर सकता है नए प्रभारी बना सकता है क्या यह अधिकारी हुए घोटाले को संज्ञान में लेते हुए उसकी जांच नहीं करवा सकता क्या यह अधिकारी घोटाले बाजों को बचाने के लिए ही यहां आया है ?