CG- नियमितीकरण BREAKING: संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर जोरदार हंगामा...अनियमित कर्मचारियों का कब होगा नियमितिकरण?...मंत्री ने कहा ये.....
Second day of winter session of Chhattisgarh Legislative Assembly, Uproar over regularization of contract employees रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में जोरदार हंगामा हुआ. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आने वाले बजट या अनुपूरक बजट में समाहित करने की कोशिश की जाएगी. शिवरतन शर्मा ने कहा कि 17611 अनियमित और संविदा कर्मचारियों के परिवार का मामला है. इस पर जवाब आना चाहिए.




Second day of winter session of Chhattisgarh Legislative Assembly, Uproar over regularization of contract employees
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में जोरदार हंगामा हुआ. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आने वाले बजट या अनुपूरक बजट में समाहित करने की कोशिश की जाएगी. शिवरतन शर्मा ने कहा कि 17611 अनियमित और संविदा कर्मचारियों के परिवार का मामला है. इस पर जवाब आना चाहिए.
उन्होंने नियमित करने के लिए समय सीमा पूछी. मंत्री ने कहा कि घोषणा पत्र में प्रावधान किया गया था. इसके आधार पर सभी विभागों से शासन स्तर पर जानकारी मंगाई जा रही है. विभाग की तरफ से भी मांग गई है कि इन्हें नियमित करना है. वित्तीय प्रबंधन के हिसाब से शासन विचार कर रहा है. मंत्री सिंहदेव ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है. शासन स्तर पर जन घोषणा पत्र को एक-एक कर पूरा कर रहे हैं. पांच साल पूरा होने के बाद लोगों से मत मांगने जाएंगे, तब वे तय करेंगे.
शिवरतन शर्मा ने पूछा कि समय सीमा बताएंगे क्या. मंत्री ने कहा कि समय सीमा आने वाला बजट या उसमें समाहित नहीं होता तो अनुपूरक बजट में कोशिश करेंगे. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नियमितीकरण की मांग को लेकर कर्मचारी सड़कों पर हैं. सरकार का काम प्रभावित हो रहा है. राज्यपाल के अभिभाषण में सम्मिलित किया है. कर्मचारियों के साथ सरकार वादाखिलाफी कर रही है. इसके बाद विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष से भी जोरदार हंगामा शुरू हो गया. उन्हें शांत कराने के लिए स्पीकर डॉ. चरण दास महंत को आसंदी से तीन बार खड़े होना पड़ा.