राजस्थान में मिलेगा पर्यटन को प्रोत्साहन, आएंगे देशी-विदेशी पर्यटक




-प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा देने, कला, संस्कृति और परम्पराओं को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए स्पीकर बिड़ला की अध्यक्षता में हुई बैठक
नई दिल्ली। राजस्थान में पर्यटन को प्रोत्साहन देने तथा कला, संस्कृति और परम्पराओं को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिडला ने बड़ी पहल की है। प्रदेश में पर्यटन उद्योग और कला को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में कई योजनाओं पर काम होगा, जिससे बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान आएंगे। इसके लिए स्पीकर बिरला ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार के पर्यटन मंत्रालय की बैठक ली। लोकसभा अध्यक्ष के चैंबर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की उपस्थिति में आयोजित बैठक में स्पीकर बिड़ला ने कहा कि राजस्थान का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां कि परम्परा, संस्कृति और कला का अपना एक आकर्षण है। इसको व्यापक पहचान दिलाने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करने की आवश्यकता है। स्पीकर बिडला ने कहा कि हाल ही में बिहार यात्रा के दौरान उन्होंने पटना में बने म्यूजियम को देखा था, जिसमें कलिंग, मगध तथा अशोक कालीन संपदाओं को बेहद सहेज कर रखा गया है। यह सब चीजें उस समय के गौरव को दर्शाती हैं। राजस्थान का इतिहास भी अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। इसके बारे में भी अधिक से अधिक लोग जानें, इसके लिए जयपुर में भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनाने की आवश्यकता है। इसी तरह उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर आदि क्षेत्रों में हमें समृद्ध आदिवासी संस्कृति देखने को मिलती है। आदिवासियों की परम्पराओं, उनकी वेशभूषा, उनके जीवन से जुड़ी चीजों के बारे में भी पर्यटकों की रूचि रहती है। इनको भी दुनिया में पहचान दिलाने के लिए उदयपुर में ट्राइबल म्यूजियम बनाया जाने की आवश्यकता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि जयपुर में अन्तरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम तथा उदयपुर में ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण होगा। राजस्थान विधान सभा के पुराने भवन में प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली संस्कृति और परम्पराओं की झलक देखने को मिलेगी। राज्य सरकार इसके प्रस्ताव राज्य सरकार तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे। इन्हें जल्द से जल्द स्वीकृति दिलवाने के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान में पर्यटन के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार से जो भी प्रस्ताव आएंगे उन्हें केंद्र सरकार प्राथमिकता से स्वीकृत करने का प्रयास करेगी। बैठक में लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ तथा केंद्र व राज्य पर्यटन मंत्रालय के कई अधिकारी भी उपस्थित रहे।
जैसलमेर में बनेगा स्पेशल ट्यूरिज्म जोन
बैठक में जैसलमेर में डेजर्ट ट्यूरिज्म को प्रोत्साहन देने तथा स्पेशल ट्यूरिज्म जोन स्थापित करने, बेणेश्वर धाम में पेनोरामा विकसित करने तथा मानगढ़ स्थित गोविंद गुरू धाम को भी पर्यटन के नक्शे पर लाने तथा माॅन्यूमेंट मित्र योजना के तहत प्रदेश के स्मारकों के संरक्षण को लेकर चर्चा हुई। स्पीकर बिड़ला ने कहा कि राजस्थान के किले और शेखावटी की हवेलियों की मार्केटिंग करने की और बेहतर तरीके से मार्केटिंग करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए।
बूंदी बनेगा बावड़ियों का शहर
बैठक में हाड़ौती में भी पर्यटन को विकसित करने पर चर्चा हुई। इसके तहत राज्य सरकार जल्द केंद्र सरकार को बूंदी को बावड़ियों के शहर के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजेगी। इसके अलावा झालावाड़ मेें कौल्वी की गुफाओं को बुद्धिस्ट सर्किट से जोड़ने तथा बारां के रामगढ़ क्रेटर को भी अन्तरराष्ट्रीय पटल पर लाने की योजना पर भी काम किया जाएगा।
सितंबर से चलेगी पैलेस ऑन व्हील
राजस्थान से आए अधिकारियों ने बताया कि पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन को लेकर रेल मंत्रालय के साथ कुछ विषयों पर बात करने की आवश्यकता है। लोक सभा अध्यक्ष बिड़ला ने आश्वस्त किया कि इस बारे में रेल मंत्री से बात करेंगे ताकि इस ट्रेन का संचालन सितंबर से प्रारंभ हो सके। इसके अलावा मारवाड़ जंक्शन से कामली घाट के बीच हेरीटेज रेल नेटवर्क विकसित करने में भी केंद्र सहयोग करेगा।
मेलों को दिलाएंगे नई पहचान
पुष्कर फेस्टीवल, बूंदी फेस्टीवल तथा कोटा के दशहरा मेले को नई पहचान दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगे। बैठक में स्पीकर बिरला ने कहा कि राजस्थान के मेलों के प्रति भी पर्यटकों में आकर्षण है। इन मेलों की सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रेंडिंग और मार्केटिंग के लिए विशेषज्ञ एजेसियों का सहयोग लिए जाने की जरूरत है।
जुडेंगे तीनों टाइगर रिजर्व
सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, बूंदी के रामगढ़ टाइगर रिजर्व और कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को भी आपस में जोड़ा जाएगा। इन तीनों टाइगर रिजर्व को समृद्ध बनाने तथा यहां पर्यटकों के लिए अधिक से अधिक सुविधाएं तैयार करने के लिए भी काम होगा।