आज भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर किसानों की जमीन पर इतनी सारी कंपनियां खड़ी हो रही हैं, अगर सरकार किसानों को उद्योगपति बना दे और उनके द्वारा उगाई गई फसल को दुनिया के बाजारों में बेच दे तो भारत एक विकासशील देश बन जाएगा।
Today in India, in the name of




NBL, 15/09/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Today in India, in the name of infrastructure, so many companies are being established on the land of farmers, if the government turns farmers into industrialists and sells the crops grown by them in the world markets, then India will become a developing country. पढ़े विस्तार से....
अनाज हम इंसानों का एक ऐसा जीवन है जिसके बिना आप जीवित नहीं रह सकते। आप कितने भी अमीर क्यों न हों, आपका पेट अनाज से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से ही भरता है। आप एसी, कूलर पंखे और अपने आराम के अन्य साधनों के बिना रह सकते। लेकिन अनाज के बिना जीवन बिल्कुल भी नहीं जी सकते और इस अनाज का भगवान किसान ही है, जो इसे अपनी मेहनत से पैदा करता है, लेकिन आज भी देश के अंदर इनकी धरती और किसान बदहाल हैं। किसानों की जमीन पर हजारों लाखों कंपनियां बन रही हैं और ये कंपनियां अनाज से भी ज्यादा महंगे उत्पाद बना रही हैं, जिन्हें दुनिया के लोग अपनी सुख-सुविधाओं के लिए खरीद भी रहे हैं, लेकिन जरा सोचो और समझो और अपने मन में गहराई से अध्ययन करो और विचार करो अगर किसान देश में अनाज उगाना बंद कर दे तो हमारा क्या हाल होगा और अगर सभी किसानों की जमीन पर कंपनियां बन जाएंगी तो आप क्या खाएंगे?मैं मानता हूं कि आज आधुनिक युग में हम दुनिया के लोगों को आधुनिक संसाधनों की जरूरत है, लेकिन आधुनिक संसाधनों के पीछे इतना भी मत भागिए कि इन संसाधनों को बनाने के लिए दुनिया के किसानों की जमीन ही बर्बाद कर दीजिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर आज देश में बड़े पैमाने पर बड़ी सड़कें का निर्माण हो रहा है, जबकि सड़कें तो पहले से भी बनी हुई हैं,
लेकिन आज सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है और चंद मुआवजे देकर लाखों किसानों की जमीन छीनी जा रही है, जो कुछ दिन बाद किसानों के पास वह मुआवजा राशि नहीं मिलेगी। जो किसान जीवन भर फसलें उगाकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण और विकास कर रहे थे, लेकिन उन्हीं के विकास के नाम पर सरकार किसानों का विकास छीन रही है, जिससे देश में बहुत बड़ा संकट पैदा होने वाला है। आने वाले समय में अनाज के उत्पादन में कमी आएगी जिसके कारण देश में अनाज की कीमतों में महंगाई होगी और इसका कारण किसान नहीं बल्कि बिचौलिए होंगे। अगर देश में इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान से अध्ययन किया जाए तो बहुत बड़े मामले सामने आते हैं।
आज भारत में कई तरह की राजनीति हो रही है उनमें से एक है किसानों पर राजनीति, इन किसानों की फसल की आय दोगुनी हो जाएगी या दोगुनी हो गई है, जबकि आज भी देश के किसान कर्ज के तले दबे हुए हैं और आत्महत्या की घटनाएं आज भी हो रहे हैं, देश के किसानों की तरक्की की कितनी भी बातें कर लें, लेकिन आम किसान आज भी पूरे संसाधनों के साथ अपना दैनिक जीवन ठीक से नहीं जी पा रहे हैं. अनेक कारणों से आज भी देश के किसान बदहाली का जीवन जी रहे हैं। देश में एक भी रोग-मुक्त, कर्ज-मुक्त किसान नहीं है, जिसे अपने ऊपर दुःख न हो। आज भी देश में किसानों के लिए अच्छी खेती करने के लिए संसाधनों की कमी है, जिससे देश की आधी आबादी किसान परेशान है। किसान अपनी फसल उगाने या सही उपज पाने या उन फसलों की बर्बादी रोकने को लेकर चिंतित रहते हैं। देश के सामान्य वर्ग के किसानों को किसी न किसी रूप में दिक्कत है।संसाधनों की कमी के कारण अन्नदाता किसान अपनी खेती और गाँव छोड़ शहर की तरफ रुख कर रहे है, और शहर में जाकर चौकीदार, व खानाबदोष होकर मंदिरों के सीढ़ियों में भीख मांगने के लिए विवश है, क्योकि गाँव के किसान भाई ज्यादा पढ़े लिखे नही होते हैं और शहर में उनको इसलिए नौकरी नही मिल पाती हैं क्योकि वह कम पढ़े लिखे है और फुटपात में रहने को मजबूर हो जाते हैं, ये हाल है हमारे अन्नदाता किसान भाईयों की देश में और राजनीति करने वाले नेताओं की राजनीतिक हिस्सा बन कर रह गया है अन्नदाता किसान जबकि इन्ही किसानों के दम पर पुरा विश्व के जीव जगत टिका हुआ है।
आज देश में सरकार जमीन से आसमान तक नए-नए उपकरणों के साथ देश को नई दिशा दे रही है, लेकिन गांव के गरीब सामान्य वर्ग के किसानों के लिए नहीं, सिंचाई के लिए नदी-नालों पर बड़े-बड़े बांध बनाए जा रहे हैं नही उनके खेत में पानी लाने के लिए कोई नहर बनाई जा रही है, बल्कि सरकार उनकी उपजाऊ जमीन को बंजर बताकर उनकी जमीन छीन रही है, जबकि सरकार उनकी उपजाऊ जमीन को सूखा प्रभावित क्षेत्र की जमीन बता रही है और उस उपजाऊ जमीन पर बड़ी-बड़ी कंपनियां बना रही है. और इन कंपनियों को पानी देने के लिए नदियों पर बड़े-बड़े बांध बनाए जा रहे हैं, लेकिन किसान गरीब और लाचार हैं। आप सरकार को करोड़ों का लाभ नहीं दे सकते, इसीलिए उनके लिए नदियों पर बड़े बाँध नहीं बनाये जाते, उनकी खेती में मदद करने वाला ईमानदार सरकार आज कोई नहीं है। जल आपूर्ति के लिए कुछ साधन उपलब्ध कराये गये हैं सरकार उसी का वाहवाही लूट रहे हैं सरकार जबकि आज किसान भाई अपने दम पर या सरकारी अनुदानित कार्यक्रमों के माध्यम से अपने खेतों में ट्यूबवेल खोदते हैं और बिजली के माध्यम से अपनी फसलों को पानी देते हैं, लेकिन वह भी उनकी फसलों के लिए अधूरा रह जाता है, क्योंकि सरकार बिजली काट देती है।
वहीं कुछ जगहों पर लो वोल्टेज के कारण किसान परेशान हैं तो कुछ गरीब किसान नदी-नालों से अपने खेतों में पानी की आपूर्ति करते हैं. उनके खेतों में अस्थायी बिजली कनेक्शन को लेकर भी बड़ी समस्या है। उसको भी सरकारी विद्युत विभाग से विद्युत मोटर पंप उठा लेते हैं या फिर डरा-धमका कर कुछ रुपये ऐंठ लेते हैं, अगर सरकार का बिजली विभाग बिजली चोरी करने वाले ताकतवर कंपनी मालिकों के खिलाफ इतनी ताकत दिखाता तो सरकार की आय बढ़ जाती, लेकिन सरकार उनकी गुलाम है और उनकी सरकारी मशीनरी भी और उनकी सरकारी मशीनरी केवल गरीबों पर ही चाबुक चलाती है।
आज भारत में बड़े पैमाने पर मार्ट बना हुआ जो देश के किसानों की उगाई फसलों को चार गुना दामों पर बेची जा रही है, और करोड़ पति अरब पति बन रहे है, और देश के किसान गरीब से और गरीब बन रहे है जबकि सरकार को इन किसानों के लिए मार्ट बनानी चाहिए और इनके फसलों को इंपोर्ट एक्सपोर्ट करने वाले सिस्टम में जोड़नी चाहिए देश के हर एक किसान भाईयों बहनो को फिर देश में नहीं महंगाई दर बढ़ेगी नहीं देश के किसान गरीब रहेंगे और भारत नया विकास शील भारत बन जायेगा। किसानों को भी उद्योगी बनाए उनके फसलों की सही कीमत दिलाने के लिए सिस्टम सिखाए जो
बिचोलिया आज तक अनाज का एक दाना नही उगाया वह बिचोलिया आज इन्ही किसानों के बल बुते पर अरब पति बन रहे है और इनके लालच देश के आवाम को नकली उत्पाद खाने को मजबूर कर रहे हैं, और नाना प्रकार के बीमारियों से देश की जनता लाईलाज बीमारी से ग्रस्त हो रहे है और यह केवल किसानों को उद्यमी बनने से रोकने के कारण हो रही है इसलिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इन किसानों के फसलों की दामो को बढ़ा कर राजनीति ना करे बल्कि इन किसानों के लिए उद्योग का निर्माण करे तो देश के किसानों की जिंदगी भी बेहतर होगी और साथ साथ देश के आवाम की भी शाररिक रोगों में कमी आयेगी।