सच तो यह है कि बिना परिश्रम के कुछ भी संभव नहीं है, लेकिन यदि भाग्य साथ न दे तो आपकी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी, कर्म और धर्म दोनों हों तो सब कुछ संभव है।

The truth is that nothing is possible without hard work,

सच तो यह है कि बिना परिश्रम के कुछ भी संभव नहीं है, लेकिन यदि भाग्य साथ न दे तो आपकी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी, कर्म और धर्म दोनों हों तो सब कुछ संभव है।
सच तो यह है कि बिना परिश्रम के कुछ भी संभव नहीं है, लेकिन यदि भाग्य साथ न दे तो आपकी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी, कर्म और धर्म दोनों हों तो सब कुछ संभव है।

NBL,26/04/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: The truth is that nothing is possible without hard work, but if luck is not with you, then all your hard work will go in vain, if there is both karma and dharma, everything is possible.

हम इंसान अपने आप को तरक्की के राह पर ले जाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं, और उसे हम कर्म कहते हैं, लेकिन श्री कृष्ण भगवान ने गीता में कहा है, कर्म करते रहो फल की इच्छा मत करो, क्योकि आपके कर्म का फल मै देता हूँ, आप व्यर्थ की चिंता मत करो, इसका मतलब आप कितना भी मेहनत कर लो कितना भी धन लगा लो बहुत कुछ अतिरिक्त और धन पाने के लिए, लेकिन आपके भाग्य साथ नहीं दिया तो आपके कड़ी मेहनत और आपके लगाए धन सब बेकार हो जाती है, इसके लिए आपको मेहनत भी करना पड़ेगा और मेहनत के साथ साथ आपके शुभ धर्म का होना भी बहुत जरूरी है, ताकि आपको अपने कर्म का फल मिल सके बिना रुकावट के साथ इसलिए आपके कर्म में शुभ धर्म का होना अनिवार्य है, क्योकि जो ईश्वर का स्मरण करते हुए अपने कर्म करता है, उसका भाग्य कभी भी खराब नहीं होता है।

हम इंसान जब अपने किस्मत से बहुत सारा धन पा रहे होते हैं, कुछ ही कर्म से और कुछ धन लगा कर तो हम इंसान उस अपार सफलता से हम इंसान घमण्ड करने लग जाते हैं, इसलिए आप अक्सर देखते होंगे, उस किस्मत से पाए धन ज्यादा दिन साथ नहीं देता क्योकि उस धन में धर्म का समावेश नही होता, इसलिए वह धन आपके अंदर अहंकार, निर्दयी, पापी, मानवता हिंन व्यक्ति बना देता है वह मुफ्त के किस्मत का धन, यहाँ तक धर्म को भी चुनोंती देता है, ईश्वर की शक्ति को भी कुछ भी नहीं मानते वह उस धन की शक्ति को ही अपना सबसे बड़ा शक्ति मानते हैं, आजकल बहुत से लोगों के मुख से सुनते भी होंगे आप धन दौलत रुपिया पैसा खुदा नहीं है लेकिन खुदा से कम भी नहीं है, धन दौलत से सब कुछ खरीदा जा सकता है, इतना घमंड होता है, धनवानो में यहाँ तक पाप को पुण्य में बदलने का ताकत रखता है, धन दौलत ये मानसिकता लोगों के मनो में घर कर लिया है, आज कल आप जो भी देख रहे है पुण्य का काम करते हुए उसमे ना ही शुभ धर्म होता है ना ही शुभ कर्म से कमाए हुए धन होता है, लूट खसोट बेईमानी से कमाए हुए धन का उपयोग धर्म में लगा रहे हैं, और इसी धन से देश में राजनेता भी बन रहे हैं, इसलिए यह किस्मत का धन कुछ ही समय तक साथ देता है, बाद में इस पाप व किस्मत से कमाए धन का प्रभाव धीरे धीरे समाप्त होते हुए उस धनवान व्यक्ति या उस धनवान राजनेता का पतन होना शुरू हो जाता है। 

आज आप जिस भी जगह देखो धर्म के आड़ लेकर धन कमाई जा रही है, कोई प्राइवेट हास्पिटल के माध्यम से तो कोई भगवान के कथा भागवत कर धन कमाने का जरिया बनाये हुए ऐसा आज आप जो भी धर्म के हो उस धर्म के आड़ लेकर लोगों से धन कमा रहे हैं, बहुत से फार्मुला है धन कमाने वाले होशियार इंसान की, लेकिन वह धन ना ही सच्चे धर्म से कमा रहे हैं, ना ही वह किसी मानव हित में काम आ रही है, कोई छोटे मोटे वृद्धा आश्रम बनाकर तो कोई कुछ लोगों को भोजन कराकर या कोई गौशाला बनाकर अपने पाप धर्म से कमाए धन को लोगों को दिखाने के लिए दुकान खोल कर रखे हुए हैं, धर्म के आड़ लेकर मानव जाति को इमोशनल ब्लैकमेल कर रहे हैं, यह होशियार इंसान अपने आगे पीढी के लिए धन की व्यवस्था कर रहे हैं, करोड़ अरबो का धन कमा कर लोगों को धर्म के आड़ लेकर बेवकूफ बना रहे हैं और यह मेरा धर्म है, मेरा किस्मत है, जो करोड़ो लोगो का धन को मै लूट रहा हूँ धर्म के नाम पर उस ईश्वर के नाम पर क्योकि एक चोर कोई चोरी करते हुए पकड़े जाते हैं तो जेल का हवा खाते हैं, और धर्म के आड़ लेकर चोरी करने वाले चोर को समाज सम्मान देते हैं, कितना अच्छे इंसान है जो हमें अपने धर्म का पाठ पढ़ाया और अपने ईश्वर तक पहुँचने का सरल मार्ग बताया इन्ही सब के पीछे एक चोर छिपा है उनको कोई नहीं देख पाता ये धर्म के आड़ लेकर चोरी करने वाले महान धर्म गुरुओ को जो बड़े आसानी से आपके जेब से पैसा निकाल लेते हैं, और यह खेल सभी धर्मो में चल रहा है, एक दूसरे अपने धर्म को महान बताकर। 

जिस दिन आप हम इंसान अपने आप अपने पवित्र धर्म ग्रंथ को पढ़ना शुरू कर देंगे उसी दिन से आपके कर्म धर्म व आपके भाग्य बदलने शुरू हो जायेंगे, आपका धर्म और आपका पवित्र ग्रंथ ही आपका गुरु बन जायेगा आपको गुरू ढूंढने की आवश्यकता नहीं है, जो आजकल के गुरु आपको उलटा सीधा मतलब बताकर धर्म के सार्थक ज्ञान को ही खराब कर रहे हैं, जिससे आज मानव जाति भटक रहे हैं, ईश्वर की सार्थक स्वरूप से जुड़ नही पा रहे हैं, जबकि अपना आपका धर्म का स्वयम से अर्जित ज्ञान आपको सबल बना देगा और सीरियल बाई सीरियल अपने धर्म के एक एक ज्ञान आपके जीवन चरित्र का आत्मरक्षा करेगी और आप दिनों दिन तरक्की कर आगे बढ़ते जायेंगे बस नियमित नियम से रोज अपने धर्म ज्ञान को पढ़ते जाए फिर देखना आपके जीवन में क्या चमत्कार होगा बस आप अपने पवित्र धर्म ग्रंथ को पढ़ने में आलसी मत बनो, जैसे उस लुटेरा गुरु के पास प्रवचन सुनने के लिए तीन घण्टे समय देते हो, उसी तीन घण्टे में से आधा घंटा अपने घर में समय दो अपने धर्म ग्रंथ ईश्वर के लिए। तो आपके धर्म और आपके पवित्र धर्म ग्रंथ खुद आपको स्वयंभू गुरु बना देगा, उसी दिन से ये धर्म के आड़ लेकर आपसे धन लूट रहे चोर लोगों का दुकान दारी बन्द।