छत्तीसगढ़ की इस दमदार महिला IAS अफसर से थर्राते है भूमाफिया, 8 महीने में एक भी अवैध प्लाट की रजिस्ट्री नहीं, ऐसे कसा शिकंजा....

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा की महिला एसडीएम सुरुचि सिंह भूमाफियाओं से दमदारी से लोहा ले रही हैं। उन्होंने अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भूमाफियाओं पर शिकंजा कस दिया है। आलम यह है कि पिछले दिसंबर से एक भी ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हुई है।

छत्तीसगढ़ की इस दमदार महिला IAS अफसर से थर्राते है भूमाफिया, 8 महीने में एक भी अवैध प्लाट की रजिस्ट्री नहीं, ऐसे कसा शिकंजा....
छत्तीसगढ़ की इस दमदार महिला IAS अफसर से थर्राते है भूमाफिया, 8 महीने में एक भी अवैध प्लाट की रजिस्ट्री नहीं, ऐसे कसा शिकंजा....

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा की महिला एसडीएम सुरुचि सिंह भूमाफियाओं से दमदारी से लोहा ले रही हैं। उन्होंने अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भूमाफियाओं पर शिकंजा कस दिया है। आलम यह है कि पिछले दिसंबर से एक भी ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हुई है, जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से एपू्रव्ड नहीं है। बेमेतरा के लोगों ने उनके शिकायत की थी कि नए जिले बेमेतरा में बिना लेआउट और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति बड़ी संख्या में प्लाटिंग की जा रही है। एसडीएम ने इसकी जांच कराई। जांच में मामला सही पाए जाने पर उन्होंने अवैध प्लाटिंग का खेल करने वाले तीन लोगों के खिलाफ नोटिस थमा दी कि क्यों न उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।

आपको बता दें सुरुचि 2020 बैच की आईएएस हैं। बेमेतरा में 16 साल बाद सरकार ने आईएएस को एसडीएम बनाया है। इससे पहले 2006 और 2007 में अमित कटारिया और ओपी चौधरी एसडीएम रहे। एसडीएम सुरुचि सिंह ने पिछले साल सितंबर में बेमेतरा एसडीएम ज्वाईन किया। चूकि बेमेतरा नया जिला है और अब फोर लेन से सीधे जबलपुर से जुड़ जाने की वजह से बेमेतरा का महत्व काफी बढ़़ गया है। इसको देखते वहां बड़ी संख्या में भूमाफिया सक्रिय हो गए है। धड़ाधड़ प्लाट काटकर बेचे जा रहे हैं...नई कालोनियां बनाई जा रही हैं। लोगों की शिकायतों पर एसडीएम ने अवैध प्लाटिंग करने वाले तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने नोटिस जारी की है। इसको लेकर भूमाफिया उनके खिलाफ लामबंद होते जा रहे हैं। महिला एसडीएम के खिलाफ आंदोलन करने के साथ उन्हें हटवाने की धमकियां दी जा रही हैं।

ऐसे कसा शिकंजा

बताते हैं, सुरुचि ने सबसे पहले पटवारियों को कसा। उन्होंने पटवारियों को आदेश जारी कर अवैध प्लाटों का नकल बिक्री न देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सब रजिस्ट्रार से भी दो टूक कहा कि किसी भी सूरत में बिना लेआउट पास छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री न की जाए। उन्होंने आदेश ही नहीं दिया बल्कि हर महीने वे रिपोर्ट लेती रहीं। जुलाई अंत में रजिस्ट्रार आफिस ने उन्हें लिखित में बताया कि दिसंबर से जुलाई तक एक भी अवैध प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हुई है।