सनातन धर्म की अविरल धारा न रुकी है, न रुकेगी और न कोई रोक पाएगा, जिसने मिटाया वह स्वयं मिट गया।
The continuous stream of Sanatan Dharma




NBL,12/10/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. The continuous stream of Sanatan Dharma has not stopped, will not stop, and no one will be able to stop it, the one who wiped it out, he himself perished.
सनातन धर्म का विज्ञान भारत या विदेशी मुल्क के बहुत से क्षेत्रों में अडिग अचल अमर सूक्ष्म से सूक्ष्म रूप व कई रहस्यों के साथ मंदिर के रूप में खड़ी है,पढ़े आगे विस्तार से...
जिसको विदेशी गैर हिंदू धर्म के आक्रांता इसे मिटा नहीं पाए, जबकि यह लोग खुद मिट गया, यही है सनातन धर्म संस्कृति का अपना एक अस्तितत्व जो खुद बया करती है, मै सनातन धर्म संस्कृति कितना पुरातन काल से अमर हूँ, और मेरे सनातन धर्म में से निकल कर मनुष्य अपने लिए नया बनावटी धर्म बनाया जो की वह धर्म भी मै हूँ।
भारत सत सनातन धर्म संस्कृति के जनक माने जाते हैं, और पूरे विश्व के धर्म इनके शाखा है, जो उपर आकाश और धरती को ही देखकर ये लोग उस ईश्वर से फरियाद करते है, और अपने सुखी जीवन के लिए उस महाप्रभु से प्रार्थना करते है, लेकिन ईश्वर की सत्ता से विमुख नहीं है, ये गैर सनातनी धर्म के इंसान फिर भी अंजान बन जाता है कि, हमारे बनाए गए धर्म महान है, जबकि महान ताकत तो आपको वही सनातन धर्म के पाँच तत्व ही दे रहे हैं, भले ही आपके पूजा पद्धति रीति रिवाज अलग बना दिया गया है, लेकिन यही पांच तत्व का आप उपयोग करते हैं, तो आपका धर्म अलग कहाँ है। कुछ स्वार्थी तत्व के लोगों के कारण ही सनातन धर्म में फुट डाल दी गई, पूजा पद्धति से लेकर दैनिक जीवन के लिए जबरदस्ती आडम्बरो का खेल रचाया गया, निजी स्वार्थ के लिए, इन्ही सब कारणों से एक इंसान दूसरे इंसानो के अंदर भेद भाव ऊंच नीच का जाति पाती और इन अधर्मो के द्वारा सुख शांति भंग कर अपने आप को महान बताकर सनातन धर्म संस्कृति के महानता को छुपाकर उनके इन सब अत्याचार को देखते हुए, सनातन धर्म को छोड़कर अन्य नये धर्म का स्थापना कर उस बनावटी धर्म के बनावटी रीति रिवाजों को मानने लगे, यही से हुआ नया बनावटी धर्म का विस्तार। और सनातन धर्म के प्रति लोगों का मोह भंग होना। इन आडम्बरीयो के कारण ही सनातन धर्म का विस्तार रुक सा गया, लेकिन खुद अटल है सनातन धर्म संस्कृति, जो आज भी उन लोगों को बता रहे हैं, जो इनको छोड़ कर नये धर्म को अपना लिया की मै आपके पूर्वजो का सनातन धर्म हूँ। जो अपना गवाह मै खुद हूँ, जो कई सालों तक मै मंदिर के रूप में खड़ा हूँ।
इसलिए नये बनावटी गैर सनातनी धर्म के विस्तार के लिए सनातन धर्म संस्कृति को उजाड़ने के लिए मंदिर मे बैठे देवी देवताओ को तोड़ना व सनातन धर्म के मानने वाले लोगों के उपर अत्याचार करना और इनके आबादी को नष्ट कर अपने धर्म विस्तार आबादी को बढ़ाना ही इन गैर सनातनी का मूल मकसद होते थे। लेकिन यह सनातन धर्म आदि अनादि काल से पुरातन है, इसलिए आज तक इनके अस्तितत्व जँहा का तहाँ खड़ी हुई है, और जो इनसे अलग होकर अन्य धर्म का विस्तार कीया वह आज भी कमजोर है, सनातन धर्म संस्कृति के सामने।
आज भारतवासियों को गर्व है, और खासकर उनको जो हिंदू सत सनातन धर्म से है, उनको और ज्यादा खुशी मिलता है, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन धर्म संस्कृति को नया रूप देता है, इनके पुरानी परम्परा को बरकरार रखने के लिए मोदी सरकार नया विस्तार करते है, अपने डबल इंजन के साथ कल ११/१०/२०२२ को उज्जैन नगरी के राजाओ के राजा महाकाल के आस पास के जगहो मे नया रूप मे विस्तार किया रूप तो नया है लेकिन स्वरूप पुरातन सनातन संस्कृति के अनुसार ही वहा का महाकाल लोक कारिडोर बनाये जा रहे हैं, और कुछ बन चुके है। इतनी भव्यता के साथ बनी हुई जैसे फिल्म मे हम लोग देखते थे, उसे अब हम ओरिजलन अपने आँखों से देख सकते हैं, एक नया अनुभव एक नया ऊर्जा के साथ वाह कितना सुंदर दृश्य मानो स्वर्ग यही उतर आया हो, या यही स्थापित है, वैसी अलौकिक दृश्य तन मन मे ऊर्जा भर देती है, अपने सनातन धर्म के उपर गर्व होता है, कितना अच्छा धर्म है हमारा, सर्वे भवन्तु सुखिनः के साथ सारी विश्व जगत का कल्याण व सुख शांति चाहते हैं, सर्व मानव जीवन के उत्थान के लिए। यही उदारता ही तो हमारे सनातन धर्म को महान बनाती है।