कामगार सभा के नेतृत्व में 09 दिनों के हड़ताल के बाद कंपनी प्रबंधन ने टेके घुटने




मेडिकल कॉलेज/अस्पताल के सफ़ाई कर्मचारियों को वर्षो से रुका वेतन मिलने के बाद काम आरंभ
05 शर्तों पर बनी सहमति, हड़ताल ख़त्म कर कर्मचारी लौटे काम पर - डॉ. अरुण पांडेय्
जगदलपुर / छत्तीसगढ़ । मेडिकल कॉलेज/अस्पताल के सफ़ाई कर्मचारियों द्वारा बिना वेतन दिए वर्षो से काम करवाने के बाद काम से बेदख़ल करने से आक्रोशित होकर हड़ताल की घोषणा कर दी गई थी। कामगार सभा के नेतृत्व में लगातार 09 दिनों तक कामबंदी करके हड़ताल पर सैकड़ो कर्मचारियों के बैठने के बाद आख़िरकार कॉल मी सर्विस कंपनी प्रबंधन ने अपने घुटने टेक दिए और सेवा से बेदख़ल किए सभी कर्मचारियों का वर्षो से रुका वेतन उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया है।
कामगार सभा के प्रमुख संरक्षक डॉ. अरुण पाण्डेय् ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया हैकि हालांकि कंपनी प्रबंधन द्वारा महज़ 7000 रुपये मासिक के अनुसार ही वेतन अभी दिया गया है जबकि कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 9540 रुपये आना चाहिए। अंतर राशि का शीघ्र1 भुगतान करने, साप्ताहिक अवकाश इस सप्ताह से आरंभ करने, नियुक्ति पत्र परिचय पत्र जारी करने जैसी विभिन्न शर्तो पर सहमति बनने के बाद 14 मई से हड़ताल समाप्त करके काम आरंभ कर दिया गया है, लेकिन बाकी के भुगतान के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
वर्षो से बकाया भुगतान एकमुश्त मिलने पर कर्मचारियों ने जताया जनसभा का आभार
कोविड संक्रमण के समय से सेवा देने वाकई महिला कर्मचारियों को अब तक वेतन नही दिया गया था। कंपनी प्रबंधन के समक्ष अनेकों निवेदन प्रार्थना के बाद भी वेतन ना मिलने पर स्थानीय परपा थाना में शिकायत लेकर पहुंचे कर्मचारियों की एफआईआर तक दर्ज़ नही की गई। तब कर्मचारियों ने जनसभा के नेतृत्व में ज़िला श्रम अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर उक्त संबन्ध में शिक़ायत दर्ज़ कराई थी। जिस कारण द्वेषवश कंपनी प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को बिना वेतन दिए सेवा से बेदख़ल कर दिया गया था। इस बात से आक्रोशित कर्मचारियों द्वारा सामूहिक हड़ताल करते आंदोलन किया गया। अब 09 दिनों के आंदोलन पश्चात प्रबंधन द्वारा एकमुश्त वेतन कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर होने के बाद चेहरे में मुस्कुराहट आई उन्होंने इसके लिए जनसभा व संगठन से जुड़े नेताओं का आभार व्यक्त किया हैं।