मुख्यमंत्री कर रहे हैं स्वेच्छानुदान के नाम पर जनता के पैसों से चहितों को लाभांवित - आम आदमी पार्टी

मुख्यमंत्री कर रहे हैं स्वेच्छानुदान के नाम पर जनता के पैसों से चहितों को लाभांवित - आम आदमी पार्टी
मुख्यमंत्री कर रहे हैं स्वेच्छानुदान के नाम पर जनता के पैसों से चहितों को लाभांवित - आम आदमी पार्टी

जीविकोपार्जन के लिए सम्पन्न लोगों को अनुदान की क्या आवश्यकता ? - तरुणा साबे

स्वेच्छानुदान के नाम पर चहितों को लाभ पहुंचाना समाज़ के वास्तविक ज़रूरत लोगों के हक़ पर डाका डालने जैसा - आप

 

जगदलपुर / छत्तीसगढ़ । छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय से पत्र क्रमांक एफ/104/2022/1/एक-सीएम (सी) दिनांक 20 जुलाई 2022 अनुसार बस्तर ज़िले में स्वेच्छानुदान मद से कई लोगों को जीविकोपार्जन और उपचार में मदद के नाम पर वितरण करने का आदेश जारी हुआ है। इस हेतु कुल 14 लाख 45 हज़ार रुपये भी 21 जुलाई को बस्तर ज़िला कलेक्टर के आधिकारिक बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है।

आम आदमी पार्टी द्वारा ऊक्त सूची का निरीक्षण करने के उपरांत दावा किया गया हैकि इसमें अधिकतर ऐसे नाम शामिल हैं जिन्हें जीविकोपार्जन करने और उपचार के लिए किसी सरकारी मदद की आवश्यकता नही है। आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य व वर्तमान में राष्ट्रीय परिषद की सदस्य तरुणा साबे ने कहा हैकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वेच्छानुदान के नाम पर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि बस्तर में वास्तविक रूप से सरकारी मदद की आस देख रहें हजारों लोग हैं जहां सरकार के 4 वर्ष बीतने के पश्चात भी सुविधा नही पहुंचा सके हैं। मुख्यमंत्री को कोई अधिकार नही हैकि स्वेच्छानुदान के नाम पर सरकारी खजाने से चहेतों को लाभ पहुंचाए।

● आम आदमी पार्टी ने किया 
कलेक्टर से हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन की मांग

इस आशय का ज्ञापन आज आम आदमी पार्टी द्वारा तरुणा साबे के नेतृत्व में ज़िलें के प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में कलेक्टर चंदन कुमार को सौंपा गया है। ज्ञापन के साथ आम आदमी पार्टी द्वारा वह सूची में संलग्न की गई है जिसपर नगर के कई संभ्रांत लोगों का नाम अंकित है। पार्टी द्वारा कहा गया हैकि जिन लोगोंके पास चार पहिया वाहन और स्मार्ट फ़ोन हैं वे किस प्रकार जीविकोपार्जन हेतु अनुदान के लिए पात्र हो गए जबकि बस्तर में आज भी सड़क किनारे बेघर जीवन बिताने कई लोग मज़बूर हैं। क्या इन वास्तविक ज़रूरतमंद लोगों पर मुख्यमंत्री और ज़िला प्रशासन की नज़र नही पड़ती ?


आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया हैकि मुख्यमंत्री के गुणगान करने वाले पत्रकारों और नेताओं को ख़ुश करने के लिए उनके द्वारा सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया गया है। आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री द्वारा स्वेच्छानुदान के नाम लर सरकारी खज़ाने से अपने चहेतों को ख़ुश कर  हैं। लेकिन बस्तर में हजारों की संख्या में जीविकोपार्जन और उपचार के लिए मदद की आस लगाए लोग बैठे हुए हैं जिनकी सुध लेने की प्रशासनिक तंत्र के पास फुरसत नही है।

नवनीत सराठे ने कहा हैकि आम जनता सब देख रही है और इसी तरह के भ्रष्टाचार से ऊब चुकी है इसलिए 2023 में सत्ता परिवर्तन का मूड बना चुकी है। वर्तमान प्रशासनिक तंत्र द्वारा निष्पक्ष जांच नही की जाती है तब राज्य में आम आदमी की सरकार बनने पर इस तरह के बंदरबांट की जांच होगी।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से तरुणा साबे के साथ ,आप नेता नवनीत सराठे,फूलमति कुड़ियाम,शिवा स्वर्णकार, चन्द्रिका सिंह,सोनुकश्यप,शंकर कश्यप,बोटी बघेल  समेत अन्य कार्यकर्ता सामिल रहे।