देश में आज आंतकवादी गतिविधिया बढ़ती ही जा रही है, फिर भी सरकार इन तक पहुंचने और इनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने में असफल क्यो?

Terrorist activities are increasing in the country today,

देश में आज आंतकवादी गतिविधिया बढ़ती ही जा रही है, फिर भी सरकार इन तक पहुंचने और इनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने में असफल क्यो?
देश में आज आंतकवादी गतिविधिया बढ़ती ही जा रही है, फिर भी सरकार इन तक पहुंचने और इनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने में असफल क्यो?

NBL, 02/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Terrorist activities are increasing in the country today, yet why the government failed to reach out to them and take strict action against them?

आतंकवादी समूहों का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आतंक पैदा करना होता है और वे लोगों को निरंतर इसी डर और खौफ के साथ देखना पसंद करते हैं तथा इस उद्देश्य पुरा करने के लिए वो समय-समय पर विभिन्न छोटी-बड़ी आतंकवादी गतिविधियां करते रहते है, और देश व राज्य सरकार को चैलेंज करते रहते हैं, पढ़े विस्तार से...

परन्तु विडमबना यह है कि इन आतंकवादी समूहो द्वारा किये गये बम धमाको और आंतकवादी गतिविधियो के बावजूद भी, ज्यादेतर समय सरकार इन तक पहुंचने और इनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने में असफल साबित हुई है।

पूर्व की भारत सरकार से अभी बेहतर है, वर्तमान भारत सरकार जो इन आतंकवादी संगठन को कुछ हद तक काबु में किया हुआ है जो देश के अंदर बम बारुद व जान माल की नुकशान ना के बराबर हो रहा है जो देशवासियो के लिए बेहतर है। 

भारत में आतंकवाद का कारण...

भारत में व्यापक प्रसार आतंकवाद के कई कारण हैं। भारत में मुख्य रूप से चार प्रकार के आतंकवाद हैं। इसमें धार्मिक आतंकवाद, नार्को आतंकवाद, वामपंथी आतंकवाद और एथनो-राष्ट्रवादी आतंकवाद शामिल हैं। विभिन्न आतंकवादी संगठनो से जुड़े आतंकवादी अलग-अलग कारणों से एक जुट हो सकते हैं, परन्तु उनके अधीन चल रहे सभी आतंकवादी संगठनो का मुख्य उद्देश्य समान ही होता है और यह आम जनता के बीच बड़े स्तर पर भय और दहशत पैदा करने के लिए सदैव तैयार रहते है।

भारत विभिन्न धर्मों की भूमि है। विभिन्न धर्मों के लोग बड़े पैमाने पर देश में शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं, वहीं कई ऐसी धार्मिक चरमपंथी संगठन भी हैं जो उनके बीच दरार पैदा करना चाहती हैं। ये समूह अपने धर्म की शिक्षाओं के बारे में झुठा दावा करती हैं और यह साबित करने का प्रयास करती हैं कि उनका धर्म दूसरों के धर्म से श्रेष्ठ है। अतीत में इन समूहों द्वारा किए गए कई हिंसक आंदोलनों ने देश की शांति और सद्भाव को भंग भी किया है और इस प्रकोप के कारण कई लोग को नुकसान भी हुआ है, जिसमे कई लोगो को अपनी जीवन भी गवाना पड़ा हैं।

राजनीतिक परिदृश्य. .. 

सरकार तथा देश की राजनीतिक व्यवस्था से असंतुष्ट लोग आतंकवादी समूह का गठन करते हैं। भारत में वामपंथी उग्रवादियों को नक्सलवाद के नाम से जाना जाता हैं। अतीत में नक्सलवादीयों ने देश की राजनीतिक व्यवस्था से निराश होकर कई आतंकवादी हमले भी किए हैं। उन्होंने सशस्त्र विद्रोह के साथ सरकार को उखाड़ फेकने का लक्ष्य बनाया है, जिससे वह स्वंय की सत्ता का निर्माण कर सके, और कुछ देश के अंदर राजनितिक दल पार्टी व इनमें कार्य करने वाले नेता व कार्यकर्ता  इन आतंकवादी संगठन को पनाह देने के लिए आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है, इसे देश के प्रति कोई सम्मान व मानवीय मूल्यों का कोई व्यवहार व मानवता से कोई लेना देना नहीं होता। 

सामाजिक-आर्थिक असमानता...भारत अपने सामाजिक-आर्थिक असमानता के लिए जाना जाता है। जहां अमीर और अमीर होते जा रहे हैं तथा गरीब और गरीब। ये गरीब वर्ग के बीच असमानता की भावना पैदा करता है। जिसके कारण ये ऊपरी वर्ग के लोगों को नष्ट करने के लिए आतंकवादी संगठनो में शामिल हो जाते हैं। वे ज्यादातर सत्ता लोगों तथा उच्चवर्गीय इलाकों को लक्ष्य बना कर आतंकवादी हमले करते हैं।

अर्थव्यवस्था पर संकट... 

भारत की अर्थव्यवस्था पर आतंकवाद का प्रतिकूल असर देखने को मिलता है। कई भारतीय प्रमुख शहरों पर आतंकवादी हमलों का प्रभाव पड़ा हैं, जिससे संपत्ति और व्यवसायों का नुकसान हुआ है, वहीं ऐसे मामलों में पुनरुत्थान लागत काफी अधिक होता है। उत्पादक कार्यों में उपयोग की जा सकने वाली देश की संपत्ति, आतंकवादी हमलों के कारण होने वाली हानि को भरने में निवेश की जाती है। इसके अलावा, पर्यटन उद्योग में गिरावट, भारत में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों की कमी और भारत में आतंकवाद के परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दरों में वृद्धि, देश की अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालता है।

पूर्व के सरकार के समय की आतंकवादी व नक्सलवादी के द्वारा की किये गए घटना... 

* 1991 पंजाब हत्याकांड

* 1993 बॉम्बे बम धमाके

* 1993 चेन्नई में आरएसएस कार्यलय में बमबारी

* 2000 चर्च बमबारी

* 2000 लाल किला आतंकवादी हमला

* 2001 भारतीय संसद हमला

* 2002 मुंबई बस बमबारी

* 2002 अक्षरधाम मंदिर पर हमला

* 2003 मुंबई बम बमबारी

* 2004 असम में धमाजी स्कूल बमबारी

* 2005 दिल्ली बम विस्फोट

* 2005 भारतीय विज्ञान संस्थान शूटिंग

* 2006 वाराणसी बमबारी

* 2006 मुंबई ट्रेन बमबारी

* 2006 मालेगांव बमबारी

* 2007 समझौता एक्सप्रेस बमबारी

* 2007 मक्का मस्जिद बमबारी

* 2007 हैदराबाद बमबारी

* 2007 अजमेर दरगाह बमबारी

* 2008 जयपुर बमबारी

* 2008 बैंगलोर सीरियल विस्फोट

* 2008 अहमदाबाद बमबारी

* 2008 दिल्ली बम विस्फोट

* 2008 मुंबई हमले

* 2010 पुणे बमबारी

* 2010 वाराणसी बमबारी

* 2011 मुंबई बमबारी

* 2011 दिल्ली बमबारी

* 2012 पुणे बमबारी

* 2013 हैदराबाद विस्फोट

* 2013 श्रीनगर हमला

* 2013 बोध गया बमबारी

* 2013 पटना बम विस्फोट

* 2014 छत्तीसगढ़ हमला

* 2014 झारखंड विस्फोट

* 2014 चेन्नई ट्रेन बमबारी

* 2014 असम हिंसा

* 2014 चर्च स्ट्रीट बम विस्फोट, बैंगलोर

* 2015 जम्मू हमला

* 2015 गुरदासपुर हमला

* 2015 पठानकोट हमला

* 2016 उरी हमला

* 2016 बारामुल्ला हमला

* 2017 भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बमबारी

* 2017 अमरनाथ यात्रा हमला

* 2018 सुक्का हमला

वर्तमान भारत सरकार कश्मीर व भारत के कुछ राज्यो के सरकार मे हो रहा आतंकवादी व नक्सलवादी घटनाओ को रोकने में असफल, क्योकी यह घटना व दुर्घटना देश के विकास व जानमाल के लिए बाधक है, 

देश के हिन्दू व सिक्ख धर्म के लोगों के ऊपर अन्याय हो रहा है, जो आतंकवादी चुन चुन कर मार रहा है, जो हिन्दूस्थान के लिए शर्म की बात है। इनके उपाय सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिए, और आतंकवादी व नक्सलवादी संगठन पर नकेल कसने की पुरजोर कोशिश व अमल में लाने चाहिए।