SURYA GRAHAN : चैत्र नवरात्रि से कुछ घंटे पहले सूर्य ग्रहण, कैसे होगी घटस्‍थापना और पूजा-पाठ?

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SURYA GRAHAN : चैत्र नवरात्रि से कुछ घंटे पहले सूर्य ग्रहण, कैसे होगी घटस्‍थापना और पूजा-पाठ?
SURYA GRAHAN : चैत्र नवरात्रि से कुछ घंटे पहले सूर्य ग्रहण, कैसे होगी घटस्‍थापना और पूजा-पाठ?

Surya Grahan 2024 Date Time: साल 2024 के ग्रहण लगने का सिलसिला शुरू हो चुका है. होली पर पहला चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब जल्‍द ही साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण बीते कई सालों का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण रहेगा. यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लग रहा है और 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं. इस तरह चैत्र प्रतिपदा से कुछ घंटे पहले लग रहा यह सूर्य ग्रहण क्‍या घटस्‍थापना और मां दुर्गा की पूजा-पाठ पर असर डालेगा, यह जानने की जिज्ञासा सभी में है. इस लेख के जरिए जानते हैं सूर्य ग्रहण कब से कब तक है और घटस्‍थापना का मुहूर्त क्‍या है. 

वर्ष 2024 का दूसरा ग्रहण सूर्य पर पड़ने वाला है, जो संवत 2080 का अंतिम ग्रहण होगा. यह ग्रहण चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या अर्थात सोमवार 8 अप्रैल को होगा जिसे खग्रास सूर्य ग्रहण की संज्ञा दी गयी है. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार ग्रहण का स्पर्श भारतीय समय को देखते हुए रात्रि 10 बजकर 09 मिनट पर होगा और मोक्ष रात्रि एक बजकर 26 मिनट पर होगा. सबसे खास बात यह है कि यह ग्रहण नॉर्थ साउथ पैसिफिक, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आर्कटिक समुद्र, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक समुद्री क्षेत्र में तो दिखेगा, किंतु भारत में कहीं भी नहीं दिखेगा. भारत में न दिखने के कारण ग्रहण से संबंधित वेध, सूतक, स्नान, दान-पुण्य, कर्म यम नियम आदि नहीं माने जाएंगे. 

नवरात्रि घटस्‍थापना पर नहीं होगा कोई असर 

भारत में सूर्य ग्रहण न दिखने के कारण ग्रहण का कोई भी नियम नहीं माना जाएगा. ऐसे में अगले दिन यानी 9अप्रैल को प्रातः उठ कर अपने घर पर विधि विधान से घटस्थापना कर मां दुर्गा की आस्था और श्रद्धा के साथ पूजन करें. नववर्ष के स्वागत में मुख्य द्वार पर आम के पत्तों और फूलों की बंदनवार लगाएं फिर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामना भी दें।

चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना शुभ मुहूर्त 2024 

चैत्र प्रतिपदा के दिन घटस्‍थापना करने का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल की सुबह 06:02 से सुबह 10:16 के बीच तक है. इसके बाद घटस्‍थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर 12:45 के बीच रहेगा. इस दौरान मां दुर्गा की पूरे भक्तिभाव और विधि-विधान से पूजा करने से अपार लाभ होगा.