Success Story: मजदूर के पापा करता था फैक्टरी मे मजदूरी, बेटे ने खड़ी कर दी 55,000 करोड़ की कंपनी, कभी लोन लेकर करनी पड़ी थी शादी...
Success Story: The laborer's father used to work as a laborer in the factory, the son set up a company worth Rs 55,000 crore, sometimes had to take a loan to get married... Success Story: मजदूर के पापा करता था फैक्टरी मे मजदूरी, बेटे ने खड़ी कर दी 55,000 करोड़ की कंपनी, कभी लोन लेकर करनी पड़ी थी शादी...




Success Story :
नया भारत डेस्क : आज हम आपको जिस व्यक्ति की सफलता की कहानी बताने जा रहे है उसका नाम जयंती कनानी है। वे गुजरात के एक युवा उद्यमी है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि गरीबी में गुजारा करके भी सफलता हासिल की जा सकती है। कहते हैं हिम्मते मर्दा तो मदद ए खुदा यानी मेहनत करने वालों का ईश्वर हमेशा साथ देते हैं. दुनिया के हर कामयाब आदमी ने यह साबित किया है. मजदूर पिता के बेटे जयंती ने महज 6000 रुपये में पहली नौकरी की. जयंती का मन नौकरी में नहीं लगा तो 2017 में अपने 3 दोस्तों के साथ मिलकर पॉलीगॉन की शुरुआत की. लेकिन, आज जयंती कनानी 55,000 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं. एक अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर जयंती कनानी ने अपना स्टार्टअप शुरू किया और इतनी सफलता मिली कि अब वे दूसरों को जॉब दे रहे हैं. (Success Story)
6000 रुपये मिली थी पहली सैलरी -
एक वक्त था जब जयंती कनानी का परिवार अहमदाबाद में एक छोटे-से फ्लैट में रहता था. उनके पिता एक डायमंड फैक्ट्री में काम करते थे. पिता ने मजदूरी करके बेटे जयंती को पढ़ाया. परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के बीच किसी तरह से जयंती कनानी ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई पूरी की. चूंकि घर के हालात ऐसे नहीं थे कि वह आगे पढ़ सकें इसलिए, जयंती कनानी ने अपनी पढ़ाई पूरी करते ही काम करना शुरू कर दिया. (Success Story)
पढ़ाई के बाद जयंती कनानी की नौकरी लग गई, जहां पहली सैलरी के तौर पर उन्हें सिर्फ 6,000 रुपये मिलते थे. चूंकि इन पैसों से परिवार का गुजारा करना मुश्किल था इसलिए वे एक्सट्रा इनकम के लिए जॉब के बाद भी घर से कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करते थे. (Success Story)
नौकरी के दौरान आया बिजनेस का आइडिया -
जॉब और पार्ट टाइम इनकम के बाद भी जयंती कनानी ज्यादा पैसे नहीं कमा पाए. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उनकी शादी हुई तो उन्हें इसके लिए कर्ज तक लेना पड़ा. जयंती के करियर में अहम मोड उस वक्त आया जब एक कंपनी में डेटा एनालिस्ट के तौर पर काम करने के दौरान उनकी मुलाकात संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन से हुई. खास बात है कि तीनों का मकसद एक ही था पैसा कमाना और इसके लिए वे कुछ बड़ा करना चाहते थे. (Success Story)
फिर क्या था इन तीनों ने मिलकर 2017 में पॉलीगॉन की शुरुआत की. शुरुआत में इसका नाम मैटिक रखा गया. महज 6 साल में कंपनी को जबरदस्त सफलता मिली. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की मौजूदा वैल्यू अब 55,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. पॉलीगॉन को अमेरिका के मशहूर निवेशक और शार्क टैंक जज मार्क क्यूबन से भी फंडिंग मिली है. (Success Story)