Success Story:15 की उम्र में शादी और 16 में बच्चा होने के बाद, पिता से उधार लिए पैसों से बनाई 650 करोड़ का ब्यूटी सम्राज्य....
Success Story: After marriage at the age of 15 and having a child at 16, a beauty empire of 650 crores was created with the money borrowed from the father. Success Story:15 की उम्र में शादी और 16 में बच्चा होने के बाद, पिता से उधार लिए पैसों से बनाई 650 करोड़ का ब्यूटी सम्राज्य....




success story of shehnaz hussain :
नया भारत डेस्क : ज़िम्मेदारी हर किसी के ज़िन्दगी में होती है पर कुछ ज़िम्मेदारी के नाम पर सपने को छोड़ देते है तो कुछ सपने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी को। शहनाज हुसैन ब्यूटी इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नाम हैं। उनके नाम के ब्यूटी प्रोडक्ट देश-विदेश में बिकते हैं। 1971 में शहनाज हुसैन ने हर्बल क्लीनिक से अपने कारोबार की शुरुआत की थी। कभी उन्होंने घर के बरामदे से अपने प्रोडक्ट बेचे हैं। बहुत कम उम्र में उनकी शादी हो गई थी। (success story of shehnaz hussain)

शहनाज हुसैन (Shahnaz Husain) को आज भला कौन नहीं जानता। देश-विदेश में उनके हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्टों (Herbal Cosmetic Products) की धूम है। इन प्रोडक्टों को हाथों-हाथ लिया जाता है। शहनाज हुसैन वो महिला उद्यमी हैं जिनका नाम ही ब्रांड बन गया। हालांकि, सफलता का यह रास्ता इतना आसान भी नहीं था। कभी घर के बरामदे से उन्होंने अपने ब्यूटी प्रोडक्ट बेचे हैं। 15 साल की छोटी उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी। घर की तमाम जिम्मेदारियां उन पर पड़ गई थीं। लेकिन, उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह इनसे ऊपर उठकर कुछ करेंगी। इसके बाद में शहनाज हुसैन ने अपने हर्बल और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाकर पूरी दुनिया में धाक जमाई। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से भी उनकी दोस्ती रही है। 2006 में शहनाज हुसैन को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। (success story of shehnaz hussain)
शहनाज हुसैन का सफल आंत्रप्रेन्योर बनने का सफर कभी आसान नहीं था। जब वह 14 साल की थीं तो उनकी एंगेजमेंट हो गई थी। 15 साल में शहनाज की शादी हो गई थी। इस तरह बहुत छोटी उम्र में उन पर जिम्मेदारियों का बोझ पड़ गया था। हालांकि, इस बोझ को उन्होंने कभी हावी नहीं होने दिया। (success story of shehnaz hussain)
शहनाज ने तय कर लिया था कि वह सिर्फ घर में पत्नी और मां की भूमिका तक सीमित नहीं रहेंगी। उन्हें कुछ बड़ा करना है। उनके पिता जस्टिस नासिर उल्ला बेग इलाहाबाद हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे। पिता की मदद से हेलेना रुबिनस्टीन स्कूल में उन्होंने दाखिला लिया। यहां से ब्यूटी टेक्नीक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जर्मनी में इसी से जुड़े कोर्स किए। भारत लौटने पर उन्होंने अपनी कॉस्मेटिक फर्म शुरू की। (success story of shehnaz hussain)
बरामदे से बेचे अपने प्रोडक्ट
शुरुआत में शहनाज ने घर के बरामदे से अपने प्रोडक्ट बेचने की शुरुआत की थी। उन्हें तब इस बात का एहसास भी नहीं था कि उनका स्टार्टअप इतना सफल हो जाएगा। इसके बाद वह सफलता के रथ पर सवार हो गईं। देखते ही देखते वह ब्यूटी इंडस्ट्री का जाना-माना नाम बन गईं। दुनिया के कई मुल्कों में उनके ब्यूटी प्रोडक्टों की बिक्री होने लगी। शहनाज हुसैन के प्रोडक्ट नैचुरल इंग्रीडिएंट्स के लिए जाने जाते हैं। इन्हें बनाने में केमिकल और आर्टिफिशियल फ्रैंगनेंस का इस्तेमाल नहीं होता है। यही उनके प्रोडक्टों की यूएसपी बन गया। (success story of shehnaz hussain)
1971 में खोली पहली हर्बल क्लीनिक
शहनाज हुसैन की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज के सेंट मैरीज कॉन्वेंट इंटर कॉलेज में हुई। जब शहनाज के पति नासिर हुसैन तेहरान में पोस्टेड थे, तभी उन्होंने आयुर्वेद की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने कॉस्मेटिक थिरेपी और कॉस्मेटोलॉजी की भी ट्रेनिंग की। शहनाज ने भारत लौटने पर 1971 में पहली हर्बल क्लीनिक खोली थी। अगले कुछ सालों में उन्होंने 'द शहनाज हुसैन ग्रुप' की स्थापना की। शहनाज को उद्योग के क्षेत्र में कई सम्मान से नवाजा जा चुका है। 2006 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1999 में दिल का दौरा पड़ने से उनके पति का निधन हो गया था। 2008 में उनका बेटा समीर हुसैन भी नहीं रहा। उनकी विरासत को अब बेटी निलोफर आगे लेकर जा रही है। (success story of shehnaz hussain)