Sleep Talking Problem : नींद में बोलने की आदत को भूलकर भी ना करें नज़रअंदाज, हो सकती है ये परेशानी, जाने इसके लक्षण और बचाव...

Sleep Talking Problem: Do not ignore the habit of talking in sleep even by mistake, this problem can happen, know its symptoms and prevention... Sleep Talking Problem : नींद में बोलने की आदत को भूलकर भी ना करें नज़रअंदाज, हो सकती है ये परेशानी, जाने इसके लक्षण और बचाव...

Sleep Talking Problem : नींद में बोलने की आदत को भूलकर भी ना करें नज़रअंदाज, हो सकती है ये परेशानी, जाने इसके लक्षण और बचाव...
Sleep Talking Problem : नींद में बोलने की आदत को भूलकर भी ना करें नज़रअंदाज, हो सकती है ये परेशानी, जाने इसके लक्षण और बचाव...

Sleep Talking Problem :

 

नया भारत डेस्क : कुछ लोगों को लोगों रात में नींद में बोलने की आदत होती है, लेकिन उन्हें पता नहीं चल पाता है। ये तब पता चलता है जब उन्हें कोई नींद में बोलते देखता है। कुछ लोग इसे मामूली बात समझकर छोड़ देते है, लेकिन दूसरी बीमारियों की तरह इसके पीछे भी कई हेल्थ से जुड़े कारण हो सकते हैं। इस बीमारी को स्लीप डिसऑर्डर कहा जाता है, जो कई लोगों को होता है। (Sleep Talking Problem)

ऐसे लोग रात में बड़बड़ाने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप इस समस्या को अनदेखा करने की बजाय इसके कारणों का पता लगाएं। आखिर ऐसा क्यों होता है और इसके कारण और लक्षण क्या है? किन लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। (Sleep Talking Problem)

नींद में बोलने के क्या हैं कारण

दरअसल नींद में बोलने की आदत कई लोगों को होती है। कुछ लोग नींद में अजीब सी आवाज करते हैं या कुछ बात जैसी करते हैं। इसकी वजह कई बार जैनेटिक भी हो सकती है। अगर फैमिली में किसी को पहले से नींद में बात करने की आदत है तो आपको हो सकती है। वहीं दूसरे मामलों में रात में दौरा पड़ने या फिर मानसिक विकार से ग्रस्त रहने के कारण भी नींद में बोलने की बीमारी हो सकती है। हालांकि इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं। (Sleep Talking Problem)

  • ज्यादा तनाव में रहना
  • डिप्रेशन में चले जाना
  • नींद में कमी आना
  • शराब की लत लगना
  • दवा के साइडइफेक्ट
  • थकान और कमजोरी

नींद में बोलने के अन्य कारण

इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं जैसे सांस लेने के तरीके में अचानक बदल आना। सोते वक्त एकदम डर से उठ जाना, समय पर नींद नहीं आना और कई बार समय पर नहीं उठ पाना। इन कारण से स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है। कई बार दिन में ज्यादा नींद लेने से भी रात को अच्छी और गहरी नींद नहीं आती है। जिससे स्लीप डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है। (Sleep Talking Problem)

किन लोगों को रहता है खतरा

वैसे तो ये समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को रहता है, जो शराब पीते है। जो लोग ज्यादा बीमार रहते हैं या जिन्हें बुखार बना रहता है। जो लोग तनाव में रहते है या किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं ऐसे लोगों को नींद में बोलने की बीमारी हो सकती है। (Sleep Talking Problem)

नींद में बोलने के चरण

पहले और दूसरे चरण में व्यक्ति ज्यादा गहरी नींद में नहीं होता है और उसे अपने शब्द समझ आते हैं। तीसरे और चौथे चरण में व्यक्ति बहुत गहरी नींद में होता है और उसे अपनी बातें समझ और सुनाई नहीं देती है। सुनने वालों को भी ऐसा लगता है जैसे कुछ बड़बड़ा रहा है। (Sleep Talking Problem)

नींद में बोलने की बीमारी का इलाज

  1. दिन में ज्यादा थकान न हो
  2. दोपहर में लंबी नींद न लें
  3. ज्यादा शराब न पिएं
  4. रात में हल्का और हेल्दी खाना खाएं
  5. रोजाना सोने का एक समय निर्धारित करें

नींद में बोलने के क्या हैं कारण

दरअसल नींद में बोलने की आदत कई लोगों को होती है। कुछ लोग नींद में अजीब सी आवाज करते हैं या कुछ बात जैसी करते हैं। इसकी वजह कई बार जैनेटिक भी हो सकती है। अगर फैमिली में किसी को पहले से नींद में बात करने की आदत है तो आपको हो सकती है। वहीं दूसरे मामलों में रात में दौरा पड़ने या फिर मानसिक विकार से ग्रस्त रहने के कारण भी नींद में बोलने की बीमारी हो सकती है। हालांकि इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं।

  • ज्यादा तनाव में रहना
  • डिप्रेशन में चले जाना
  • नींद में कमी आना
  • शराब की लत लगना
  • दवा के साइडइफेक्ट
  • थकान और कमजोरी

नींद में बोलने के अन्य कारण

इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं जैसे सांस लेने के तरीके में अचानक बदल आना। सोते वक्त एकदम डर से उठ जाना, समय पर नींद नहीं आना और कई बार समय पर नहीं उठ पाना। इन कारण से स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है। कई बार दिन में ज्यादा नींद लेने से भी रात को अच्छी और गहरी नींद नहीं आती है। जिससे स्लीप डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है।

किन लोगों को रहता है खतरा

वैसे तो ये समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को रहता है, जो शराब पीते है। जो लोग ज्यादा बीमार रहते हैं या जिन्हें बुखार बना रहता है। जो लोग तनाव में रहते है या किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं ऐसे लोगों को नींद में बोलने की बीमारी हो सकती है।

नींद में बोलने के चरण

पहले और दूसरे चरण में व्यक्ति ज्यादा गहरी नींद में नहीं होता है और उसे अपने शब्द समझ आते हैं। तीसरे और चौथे चरण में व्यक्ति बहुत गहरी नींद में होता है और उसे अपनी बातें समझ और सुनाई नहीं देती है। सुनने वालों को भी ऐसा लगता है जैसे कुछ बड़बड़ा रहा है।

नींद में बोलने की बीमारी का इलाज

  1. दिन में ज्यादा थकान न हो
  2. दोपहर में लंबी नींद न लें
  3. ज्यादा शराब न पिएं
  4. रात में हल्का और हेल्दी खाना खाएं
  5. रोजाना सोने का एक समय निर्धारित करें