छत्तीसगढ़ में यहां हैं स्किन बैंक, आग से झुलसे मरीजों को मिलती है नई त्वचा
आग में झुलसे मरीजों के लिए स्किन बैंक वरदान के समान है. स्किन बैंक एक ऐसा बैंक है, जहां मृत व्यक्ति की त्वचा को संरक्षित किया जाता है और उसका उपयोग दूसरे जले हुए लोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है. इस बैंक में व्यक्ति की मृत्यु के 6 घंटे के भीतर त्वचा का दान किया जा सकता है.




रायपुर। आग में झुलसे मरीजों के लिए स्किन बैंक वरदान के समान है. स्किन बैंक एक ऐसा बैंक है, जहां मृत व्यक्ति की त्वचा को संरक्षित किया जाता है और उसका उपयोग दूसरे जले हुए लोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है. इस बैंक में व्यक्ति की मृत्यु के 6 घंटे के भीतर त्वचा का दान किया जा सकता है. राजधानी रायपुर के दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में त्वचा बैंक बनाया गया है. छत्तीसगढ़ का पहला स्किन बैंक अगस्त 2022 में भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल के एडवांस बर्न केयर डिपार्टमेंट में सेल का पहला स्किन बैंक शुरू हुआ.
स्किन बैंक की सहायता से इन मामलों में मरने वाले लोगों की संख्या में 50 प्रतिशत तक कि कमी आ सकती है. 80 प्रतिशत से ज्यादा जले मरीज में खुद की स्किन कम होने के कारण स्किन बैंक से प्राप्त स्किन लगाने से उनकी जान बचने की संभावना बढ़ जाएगी. वर्तमान में देश में 16 स्किन बैंक हैं, जहां किसी व्यक्ति की त्वचा मृत्यु के छह घंटे के भीतर दान की जा सकती है.
वैसे तो किसी भी मृत व्यक्ति की त्वचा का दान हो सकता है, लेकिन 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 80 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों की त्वचा नहीं ली जाएगी. मृत व्यक्तियों का मौत के छह घंटे के अंदर ही त्वचा दान की जा सकेगी. लेकिन एचआईवी, हेपेटाईटिस बी, सी, स्किन कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से संक्रमितों की त्वचा दान में नहीं ली जाएगी.