8 अफसरों को शो कॉज : 8 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी...कलेक्टर बैठक में दिखाये कड़े तेवर…दो टूक कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं…ये है मामला....

Show cause to 8 officers: Show cause notices issued to 8 officers... Tough attitude shown in collector's meeting कलेक्टर संजीव झा ने समीक्षा बैठक में आज सख्त तेवर दिखाये। राज्य शासन की महत्वपूर्ण फ्लेगशीप योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होने जनहितकारी योजनाओं का क्रियान्वयन गंभीरतापूर्वक और समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिये है।

8 अफसरों को शो कॉज : 8 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी...कलेक्टर बैठक में दिखाये कड़े तेवर…दो टूक कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं…ये है मामला....
8 अफसरों को शो कॉज : 8 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी...कलेक्टर बैठक में दिखाये कड़े तेवर…दो टूक कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं…ये है मामला....

Show cause to 8 officers: Show cause notices issued to 8 officers... Tough attitude shown in collector's meeting

कोरबा 08 अगस्त 2022। कलेक्टर संजीव झा ने समीक्षा बैठक में आज सख्त तेवर दिखाये। राज्य शासन की महत्वपूर्ण फ्लेगशीप योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होने जनहितकारी योजनाओं का क्रियान्वयन गंभीरतापूर्वक और समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिये है। साथ ही योजनओं के संचालन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये है। इस दौरान लापरवाही पर वो जमकर अधिकारी-कर्मचारी पर बरसे।

कलेक्टर श्री झा ने जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में गोधन न्याय योजना, नरवा योजना, एनआरएलएम और अमृत सरोवर योजना की विस्तृत समीक्षा की। उन्होने अमृत सरोवर तालाब निर्माण में लापरवाही बरतने पर पांच अधिकारी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। इनमें एसडीओ, ईई आरईएस, कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक एवं सब इंजीनियर शामिल है। कलेक्टर श्री झा ने समीक्षा बैठक में कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वकांक्षी योजना है। इसके सुचारू क्रियान्वयन हेतु सतत मानिटरिंग की जाए। यह ग्राम विकास आधारित योजना है। जिसकी समीक्षा राज्य स्तर से समय-समय पर की जाती है। इसके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।

इस दौरान बैठक में सीईओ जिला पंचायत नूतन कंवर, उप संचालक पशु चिकित्सा एस.पी. सिंह, उप संचालक कृषि श्री अनिल शुक्ला, कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, डीपीएम एनआरएलएम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सर्व जनपद पंचायत तथा अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री झा ने कहा कि जिले के सभी गौठानों में प्रतिदिन गोबर खरीदी नियमित रूप से होना चाहिए। खरीदे गये गोबर की विक्रय पर्ची गोबर विक्रेता को अवश्य प्रदाय की जाए। वर्मी टाकों में गोबर से खाद बनाने की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। गोबर खरीदी की निश्चत समय पर आनलाईन एन्ट्री करायी जाए।

कलेक्टर ने गोबर खरीदी की आनलाईन एन्ट्री में आने वाले तकनीकी समस्याओं की जानकारी ली तथा उन्होने उप संचालक कृषि एवं ईडीएम का निर्देशित किया कि नोडल अधिकारियों को गोधन एप के विषय में सघन प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होने कहा कि गौठान में आने वाले पशुओं के लिए पशु पंजी का संधारण अनिवार्यतः किया जाए।

सभी गौठानों में चरवाहो की व्यवस्था होनी चाहिए। चरवाहे का गोबर विक्रेेता के रूप में पंजीयन अवश्य कराये। गौठान एवं चारागाह की जनपदवार समीक्षा करते हुए उन्होने उप संचालक पशु चिकित्सा को निर्देशित किया कि सभी चारागाहों में नेपियर/चारा लगायी जाए। कलेक्टर कोरबा ने डीपीएम राष्ट्रीय आजीविका मिशन को निर्देशित किया कि जिले के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल सतरेंगा, बुका, मडवारानी, देवपहरी में आदर्श गौठान बनाए जाए। जहा पर स्व सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न आजीविका गतिविधियों में संलग्न करके मल्टी एक्टीविटी केन्द्र के रूप में विकसित किये जाए। सेन्द्रीपाली एवं चिर्रा गौठानों में गोमूत्र से बनाये जा रहे जैविक कीटनाशक निमास्त्र, बम्हास्त्र आदि के उपयोग हेतु किसानों को जागरूक एवं प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन की सक्रिय महिलाओं एवं पशु सखी को निर्देशित किया गया है।

उन्होने मनरेगा के तहत बनाये जा रहे अमृत सरोवर के कार्यो की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि नियमानुसार गुणवत्तापूर्वक कार्य करते हुए 15 अगस्त के पूर्व प्रत्येक जनपद में दो अमृत सरोवर पूर्ण कर लिये जाए। जहां पर 15 अगस्त को ध्वाजारोहण किया जाएगा। अमृत सरोवर तालाबों चरणबद्व तरीके से खुदाई की जावें। मिट्टी तालाबों से दूर फेकी जाए। अमृत सरोवर तालाबों में गुणात्मक आउटलेट एवं इनलेट बनाये जाए। अमृत सरोवर के निर्माण कार्य आदर्श रूप में होना चाहिए। उन्होने नरवा प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि नाले पर बनने वाली विभिन्न संरचनाएं जैसे डाइक, गेबियन आदि का निर्माण गुणात्मक तरीके से किया जाए। ताकि नरवा में 12 माह पानी उपलब्ध रहे। जल स्तर में वृद्वि हो और सिंचाई रकबा बढाया जा सके।