Shimla of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के शिमला की वादियाँ देख रह जायेंगे मंत्रमुग्ध, अप्रतिम सुंदरता, हिलती जमीन और जलप्रपात मोह लेगी आपका मन...

Shimla of Chhattisgarh: Seeing the valleys of Shimla of Chhattisgarh, you will be mesmerized, unmatched beauty, shaking land and waterfall will fascinate your mind... Shimla of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के शिमला की वादियाँ देख रह जायेंगे मंत्रमुग्ध, अप्रतिम सुंदरता, हिलती जमीन और जलप्रपात मोह लेगी आपका मन...

Shimla of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के शिमला की वादियाँ देख रह जायेंगे मंत्रमुग्ध, अप्रतिम सुंदरता, हिलती जमीन और जलप्रपात मोह लेगी आपका मन...
Shimla of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के शिमला की वादियाँ देख रह जायेंगे मंत्रमुग्ध, अप्रतिम सुंदरता, हिलती जमीन और जलप्रपात मोह लेगी आपका मन...

Shimla of Chhattisgarh :

 

नया भारत डेस्क : छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में स्थित 'मिनी तिब्बत' यानी मैनपाट की वादियों की अप्रतिम सुंदरता और रमणीक स्थल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने लगे हैं। श्रीनगर, शिमला, मनाली जैसे परिचित हिल स्टेशनों की श्रेणी में यह स्थान तेजी से शामिल हो रहा है। इस वनाच्छादित पर्यटन स्थल पर रात में टेंट में रहने का रोमांच मिलता है तो तिब्बती फसल टाऊ के खेतों को निहारने और सेल्फी खींचने का सुख भी। खूबसूरत जलप्रपात और वर्षाकाल में रुई के फाहों की तरह गालों को छूकर निकलते बादल मन मोह लेते हैं। गर्मियों में दोपहर में भी बहती ठंडी हवा में हरियाली निहारना एक अलग ही अनुभूति है। (Shimla of Chhattisgarh)

आदिवासी और तिब्बती जीवनशैली देखें

पठार में तिब्बती फसल टाऊ की खेती हजारों हेक्टेयर में की जाती है। इसके फूल पर्यटकों को बरबस ही आकर्षित करते हैं। यहां की आदिवासी और तिब्बती जीवनशैली से भी पर्यटक परिचित होते हैं। यहां की विशेष पिछड़ी जनजाति माझी-मझवार अध्ययन का विषय है। वहीं, खूबसूरत छोटी-छोटी आंखों वाले तिब्बती समुदाय के लोग भी पर्यटकों को रोमांचित करते हैं। यहां सात अलग-अलग तिब्बती कैंप भी भ्रमण योग्य हैं। तिब्बती व्यंजनों का भी स्वाद लिया जा सकता है। बौद्धमठ, मंदिर भी यहां दर्शन के लिए हमेशा खुले रहते हैं। (Shimla of Chhattisgarh)

यहां चावल, दाल, सब्जी, चटनी के साथ पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी लिया जा सकता है। मैनपाट की वादियों में ठंड ही नहीं अब हर मौसम में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है। कश्मीर, शिमला, और मनाली की तरह खूबसूरत जगहों में से एक मैनपाट है। मैनपाट वर्षाकाल में जितना सुंदर नजर आता है, उससे भी ज्यादा आकर्षक ठंड में हो जाता है। वर्षाकाल में रुई के फाहों की तरह अपने इर्द-गिर्द अगर बादलों को देखना हो या फिर मानसूनी बादल आप पर लिपटकर आपको भिगो जाए तो आश्चर्य न करिएगा, यह मैनपाट ही है। (Shimla of Chhattisgarh)

प्रकृति की अद्वितीय रचना मैनपाट घने वनों से आच्छादित छत्तीसगढ़ का सबसे खूबसूरत भूभाग है। इसे देखने हर किसी को मैनपाट तक आना ही होगा। गर्मी में दोपहर की ठंडी हवा खूब सुकून देती है। तिब्बती शरणार्थियों को बसाने के लिए मैनपाट की आबोहवा को चुना गया। यहां तिब्बती शरणार्थियों की एक बड़ी आबादी न सिर्फ गुजर-बसर करती है, बल्कि अपनी पूरी प्राकृतिक क्षमताओं के साथ मैनपाट को उसी तरह अपनाए हुए हैं जिस तरह मैनपाट ने तिब्बत की तरह उन्हें स्वीकारा है। (Shimla of Chhattisgarh)

प्राकृतिक रूप से पूरा मैनपाट का पठार सिक्किम की खूबसूरत वादियों की तरह है। यहां पहुंचते ही हर सैलानी रोमांचित हो उठता है। यहां पहुंचते ही जगह-जगह लगे बोर्ड मुस्कुराइए आप मैनपाट में हैं, इस शब्द को चरितार्थ भी करते हैं। निश्चित रूप से यहां आकर आपको मुस्कुराना ही होगा। शीतल हवा लोगों को सुकून देती है, वहीं मानसून शुरू होते ही यहां बादलों की अठखेलियां हर किसी को भाने लगती हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं और मैनपाट के पठार और कई दर्शनीय स्थलों में पहुंचकर रोमांचित होते हैं। यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने के कारण रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। (Shimla of Chhattisgarh)

बेरोजगार युवाओं ने तंबू लगा रखा है जहां लोग रात बिताते हैं। शासकीय मोटल के साथ कई निजी होटल खुल रहे हैं। यहां के पठार में तिब्बती फसल टाऊ की खेती हजारों हेक्टेयर में की जाती है। यह भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। इसके फूलों की मादकता पर्यटकों को बरबस ही आकर्षित करती है। यहां पहुंचने वाले लोग टाऊ फसल में फोटो खिंचाने लंबे समय तक फसल के बीच नजर आते हैं। यहां की आदिवासी और तिब्बती जीवन शैली का अध्ययन भी लोग करते हैं। तिब्बतियों के अलग-अलग कैंप ही अपने आप में पर्यटन के केंद्र हैं। (Shimla of Chhattisgarh)

ऐसे पहुंचें मैनपाट की सुरम्य वादियों में  

देश की राजधानी दिल्ली से हवाई जहाज के माध्यम से सीधे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचा जा सकता है। रायपुर से दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन व चारपहिया के साथ कई लक्जरी बसों से 350 किलोमीटर की यात्रा तय कर अंबिकापुर शहर में आकर टैक्सियों के माध्यम से भी सीधे मैनपाट जाया जा सकता है। अंबिकापुर शहर से मैनपाट 40 किलोमीटर की दूरी पर है। (Shimla of Chhattisgarh)

दिल्ली से सीधे वाराणसी हवाई जहाज से आया जा सकता है। बनारस से भी अंबिकापुर की दूरी 350 किलोमीटर है। वाराणसी से अनेक लक्जरी बसों से या स्वयं के चारपहिया वाहनों के माध्यम से अंबिकापुर फिर मैनपाट की सुरम्य वादियों में पहुंच सकते हैं। ये रास्ता भी अपने आप में पर्यटन है, जहां रोमांचकारी व नयनाभिराम दृश्य का आनंद लेते हुए पहाड़ी रास्ते से गुजरकर आप मैनपाट पहुंचेंगे। (Shimla of Chhattisgarh)

इन स्थानों पर पहुंच होंगे आप रोमांचित

उत्तर छत्तीसगढ़ के ऊंचाई पर बसे मैनपाट पहुंचने के बाद 10 से 22 किलोमीटर के अंदर स्थित कई पर्यटन स्थलों तक पहुंचा जा सकता है। सभी स्थलों तक पहुंचने के लिए अच्छी पक्की सड़कें बन चुकी हैं। यहां के मेहता प्वाइंट, टाइगर प्वाइंट, उल्टा पानी, परपटिया, तिब्बती मठ, मंदिर, तिब्बती कैंप, टांगीनाथ का मंदिर, जलजली जहां जमीन हिलती है। जलपरी, घागी जलप्रपात, लिबरा जलप्रपात पहुंच पर्यटन का खूब आनंद लिया जा सकता है। (Shimla of Chhattisgarh)

यहां ठहरें

यहां पहुंचने के बाद निजी होटल व शासकीय मोटल में ठहरा जा सकता है। परिवार सहित यहां ठहरकर लजीज व्यंजनों का भी आनंद उठाया जा सकता है। यहां सेंटर प्वाइंट, अनमोल, होटल पितांबरा, मौलवी होटल, देव हेरिटेज, अराइज स्काई गार्डेन, हर्ष मेहुल गेस्ट हाउस, कर्मा रिसोर्ट, यादव रिसोर्ट हैं। इसके अलावा युवाओं के नवाचार से खुले मैदान में बनाए गए तंबू में भी रात गुजार सकते हैं। (Shimla of Chhattisgarh)

उल्टा पानी जहां विज्ञान का देखें चमत्कार

मैनपाट में उल्टा पानी ऐसा स्थल है जो विज्ञान का चमत्कार भी दिखाता है। यहां नीचे से पहाड़ की ऊपरी दिशा की ओर पानी बहता है, जिसे देख आप रोमांचित हो जाएंगे। गुरुत्वाकर्षण का अद्भुत नजारा यहां देखने को मिलता है। यही नहीं, उल्टा पानी से लगी सड़क पर चुंबकीय प्रभाव के कारण न्यूट्रल चारपहिया वाहन ढाल में लुढ़कने के बजाए ऊपर की ओर चलने लगते हैं। (Shimla of Chhattisgarh)

जलजली जहां हिलती है धरती

मैनपाट का जलजली जहां पहुंचकर रोमांच का अद्भुत अनुभव होता है। यहां छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी उछलकूद करने लगते हैं। यहां की धरती डोलती है। झूले की तरह धरती हिलने लगती है। यहां उछल-कूदकर खूब मौज मस्ती लोग करते हैं। साल के घने जंगलों के बीच यह जलजली मैनपाट के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। मानसून शुरू होते ही मैनपाट में बादलों का डेरा जम जाता है और अचानक वर्षा शुरू होती है। (Shimla of Chhattisgarh)

बादल जमीन पर नजर आते हैं। चारों ओर घने साल के वृक्षों के बीच सड़क पर वाहनों से गुजरते हुए बादलों के बीच टकराकर जो आनंद मिलता है उसे यहां आकर ही अनुभव किया जा सकता है। खासकर मैनपाट से 22 किलोमीटर दूर परपटिया में वर्षा और ठंड के दौरान घना कोहरा व धुंध खूबसूरत दृश्य निर्मित करता है। गर्मी की शाम आसमान पर लालिमा लिए होती है जिसे पर्यटक अपने कैमरे में कैद करने को आतुर रहते हैं। (Shimla of Chhattisgarh)