साजा जैन श्री संघ ने तप साधिका सु श्राविका श्रीमति नंदा देवी जी पारख(जैन) जो 108 तपस्या किये जिनका अभिनंदन स्वागत किये




संजूजैन:7000885784
बेमेतरा:साजा मुख्यालय में आज जैन श्री संघ द्वारा जैन भवन में दोपहर 2 बजे साजा पहुंचे तप साधिका सु श्राविका श्री मति नंदा.देवी पारख जो 108 तपस्या की पूर्णत:की ओर अग्रसर है जिनका अभिनंदन स्वागत संघ की ओर से किया गया
बता दे कि जैन धर्म में तप का विशेष महत्व है। तप का असली अर्थ है त्याग। यूं तो कई लोग अपनी मांगें मनवाने के लिए अनशन या भूख हड़ताल करते हैं, वो सभी सांसारिक आकांक्षाओं को लेकर कार्य करते हैं, उनका उपदेश कर्म निर्जरा का नहीं होता है,
लेकिन जैन धर्म सांसारिक आंकाक्षाओं रहित कर्म निर्जरा के लिए तपस्या करते हैं। बिना किसी लाभ-हानि की कामना के लिए केवल अपने उत्थान के लिए तपस्या करते हैं। तपस्या शरीर बल से नहीं आत्म बल से की जाती है। तपस्या में स्वयं से लड़ना पड़ता है। तपस्या हमारे मन को पवित्र बनाती है। तप मानव का असली आभूषण है
इस अभिनंदन में ऋषभचंद सांखला,
पुरनमल बागरेचा,पुखराज दुग्गड,अमरचंद बाघरेचा,कमलकिशोर छाजेड़,जैन श्री संघ अध्यक्ष कमलेशजी सांखला,उपाध्यक्ष धरम चंद छाजेड़ ज्ञानचंद्रदुग्गड़, जितेन्द्र दुग्गड़,सचिव छगनलाल गोलेछा,
सहसचिव श्री मुकेश जी छाजेड़ कोषाध्यक्ष मुकेशजी बोरा एवं समस्त जैन.समाज.उपस्थित थे