CG:बेमेतरा जिले की बड़ी खबर:साजा विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ रविन्द्र यादव व्याख्याता को हुई सजा...फर्जी अंकसूची से नौकरी करने वाले व्याख्याता को 03 वर्ष कारावास की सजा..आरोपी यादव व्याख्याता वर्तमान बालक उ.मा.वि. थानखम्हरिया..पढिए पूरा खबर

CG:बेमेतरा जिले की बड़ी खबर:साजा विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ रविन्द्र यादव व्याख्याता को हुई सजा...फर्जी अंकसूची से नौकरी करने वाले व्याख्याता को 03 वर्ष कारावास की सजा..आरोपी यादव व्याख्याता वर्तमान बालक उ.मा.वि. थानखम्हरिया..पढिए पूरा खबर
CG:बेमेतरा जिले की बड़ी खबर:साजा विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ रविन्द्र यादव व्याख्याता को हुई सजा...फर्जी अंकसूची से नौकरी करने वाले व्याख्याता को 03 वर्ष कारावास की सजा..आरोपी यादव व्याख्याता वर्तमान बालक उ.मा.वि. थानखम्हरिया..पढिए पूरा खबर

संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:शिक्षा विभाग में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर के फर्जी अंकसूची एम.ए. संस्कृत के आधार पर व्याख्याता पद प्राप्त करने वाले रविन्द्र कुमार यादव लम्बे समय तक 2009 से सेवा देता रहा । उसके पश्चात् फर्जी प्रमाण पत्र का खुलासा तत्कालीन छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के अध्यक्ष नारद सिंह ठाकुर विकास खण्ड साजा को हुई । जिसमें उसने जानकारी प्राप्त होते ही 2011 से शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को उक्त फर्जी प्रमाण पत्र में व्याख्याता पद प्राप्त शिक्षक की जॉंच कर उचित कार्यवाही के लिए शिकायत पत्र संबंधित विभाग के सचिव संचालनालय लोक शिक्षण रायपुर, जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा को भेजा । जिस पर लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ द्वारा फर्जी की जॉंच हेतु जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग को जॉंच अधिकारी बनाया । जॉंच अधिकारी ने दस्तावेजों के आधार पर संबंधित आरोपी व्याख्याता को जवाब तलब किया । ज्ञात हो जिस समय प्रमोशन प्राप्त किया उस समय गुरू घासीदास विश्व  विद्यालय का दो प्रमाण पत्र (अंकसूची) एम.ए. पूर्व अनुक्रमांक 46137 वर्ष 2005-06 एवं एम.ए. अंतिम अनुक्रमांक 64023 वर्ष 2006-07 का फर्जी अंकसूची जमा कर व्याख्याता पद प्राप्त करने में सफल हो गया

जब उक्त अनुक्रमांक सी.एम.डी. महाविद्यालय बिलासपुर का बताया गया था जबकि उक्त वर्षों में उपरोक्त अनुक्रमांक का सीरिज गुरू घासीदास विष्वविद्यालय द्वारा उक्त महाविद्यालय को जारी ही नहीं किया गया था । तदोपरांत रविन्द्र यादव ने जॉंच अधिकारी को पहले अंकसूची में त्रुटि होने की बात कहकर दो नये प्रमाण पत्र सुधार कर दो प्रमाण पत्र जॉंच अधिकारी के समक्ष जमा किये । जिसमें एम.ए. पूर्व अनुक्रमांक 96248 वर्ष 2005-06 एवं एम.ए. अंतिम अनुक्रमांक 75433 वर्ष 2006-07 का नया जमा किया । यह कि जॉंच अधिकारी ने रविन्द्र यादव द्वारा जमा किये गये चारो अंकसूचियों को गुरू घासीदास विश्वविद्यालय को सत्यापन के लिए भेजा । सत्यापन में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय ने अपने अभिलेख के अनुरूप नहीं पाते हुए उक्त व्याख्याता के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज कर एक प्रति विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने का पत्र लिखा । तत्पष्चात् जॉंचोपरांत जॉंच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में फर्जी होना पाया और लोक षिक्षण संचालनालय को इसकी सूचना दी । जिसमें लोक षिक्षण संचालनालय ने उक्त आरोपी व्याख्याता को आरोप पत्र भी जारी किया । जिसमें उन्होंने अपने पत्र में सिविल सेवा आचरण अधिनियम का गंभीर श्रेणी का अपराध होना व शासन की छवि धूमिल करने का प्रयास मानकर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करने का आदेष जॉंच अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग को दिया । तदुपरांत जॉंच अधिकारी ने तत्कालीन विकास खण्ड षिक्षा अधिकारी साजा को संबंधित व्याख्याता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने का आदेष दिया । जिस पर वि.खं.षि.अधि. ने थाना जाकर एफ.आई.आर. करने थाना साजा को पत्र लिखा परन्तु उस वक्त थाना साजा ने भी एफ.आई.आर. करने से इंकार कर दिया और लिखित का पावती देने से भी इंकार कर दिया । इसकी जानकारी वि.खं.षि.अधि. साजा द्वारा जॉंच अधिकारी को भेज दी गई । जिसमें जॉंच अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक बेमेतरा को एफ.आई.आर. लिखने हेतु थाना साजा को आदेष देने संबंधी पत्र लिखा । जिस पर प्रारंभिक जॉंच करने के पश्चात् धारा 420, 467, 468, 471 द.प्र.सं. के तहत पुलिस थाना साजा ने संबंधित व्याख्याता पर एफ.आई.आर. दर्ज किया उसके पश्चात् थाना साजा द्वारा प्रकरण दर्ज कर माननीय न्यायालय प्रथम श्रेणी साजा में अपराधिक प्रकरण क्र. 788/2016 अपराध क्र. 390/2106 संस्थित दिनांक 16.12.2016 पेष हुआ । जिसमें माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत आरोपी रविन्द्र कुमार यादव व्याख्याता वर्तमान बालक उ.मा.वि. थानखम्हरिया को धारा 420 द.प्र.सं. के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रूप्या अर्थदण्ड धारा 467 द.प्र.सं. के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रूप्या अर्थदण्ड, धारा 468 द.प्र.सं. के तहत तीन सश्रम कारावास व दो हजार रूप्या अर्थदण्ड, धारा 471 में दो वर्ष सश्रम कारावास, दो हजार रूप्या अर्थदण्ड एवं उपरोक्तानुसार आरोपी की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी का आदेष सम्मानीय न्यायालय प्रथम श्रेणी साजा ने अपने 30.05.2022 के निर्णय में पारित किया है ।