CG ब्रेकिंग: रेरा की बड़ी कार्यवाही... निजी हाउसिंग प्रोजेक्ट सिटी आफ वैलेंसिया को हाउसिंग बोर्ड को सौंपने का आदेश.....
RERA big action, Order to hand over private housing project City of Valencia to Housing Board




RERA big action, Order to hand over private housing project City of Valencia to Housing Board
रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा भूखण्ड आबंटितियों के हित में नरदहा स्थित निजी हाउसिंग प्रोजेक्ट ’सिटी आफ वैलेंसिया’ को छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को सौंपने का आदेश पारित किया गया है। उक्त प्रोजेक्ट के प्रमोटर आफताब सिद्दकी द्वारा ब्रोशर में दिखाए गए सड़क, बिजली, पानी, सिवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं किए जाने के कारण रेरा द्वारा यह कार्यवाही की गई है। प्रमोटर द्वारा 2010 में नरदहा में 1072 भूखण्डों का हाउसिंग प्रोजेक्ट तैयार कर वहां सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित करने का वादा किया गया था, किन्तु प्रोजेक्ट शुरू होने के पांच साल बाद भी उक्त प्रोजेक्ट में कोई भी विकास कार्य नही किया गया। भूखण्ड आबंटितियों द्वारा रेरा में शिकायत के बाद इस पूरे मामले की सुनवाई की गई और भूखण्ड आबंटितियों के हित में उक्त प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को सौंपने का फैसला किया गया। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड अब इस प्रोजेक्ट को आधिपत्य में लेकर वहां जरूरी मूलभूत सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना दो माह के भीतर रेरा को सौंपेगा।
रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांढ ने बताया कि रायपुर के नरदहा स्थित सिटी ऑफ वेलेंसिया के 130 आबंटितियों द्वारा छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष 2019 में परिवाद प्रस्तुत कर प्रोजेक्ट का विकास कार्य पूरा नही होने की शिकायत की गई थी। इस परिवाद की सुनवाई के दौरान यह तथ्य आया कि इस प्रोजेक्ट के प्रमोटर आफताब सिद्दकी नया पारा, रायपुर ने इस प्रोजेक्ट में कुल 1072 भूखण्डों की सर्वसुविधायुक्त आवासीय कॉलोनी का निर्माण करने के लिए वर्ष 2010 में विकास की अनुमति प्राप्त की थी और उसका एक ब्रोशर के माध्यम से भूखण्डों के विक्रय का प्रचार-प्रसार किया गया था, जिसके फलस्वरूप उनके द्वारा 691 भूखण्डों का विक्रय कर 41 करोड़ 3 हजार रूपए प्राप्त किए थे।
प्रमोटर द्वारा आबंटितियों से प्राप्त राशि का निवेश प्रोजेक्ट के विकास के लिए नही किया गया। यह प्रोजेक्ट 2015 तक पूर्ण हो जाना था, लेकिन निर्धारित समय पूरा होने के 6 वर्षो के बाद भी उक्त प्रोजेक्ट पर कोई भी विकास कार्य नही किया गया। प्रमोटर द्वारा नियमानुसार इस प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन भी नहीं कराया गया था। उक्त प्रोजेक्ट का विकास अवरूद्ध होने के कारण रेरा द्वारा इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ’रिट प्रकरण क्रमांक 940/2017 विक्रम चटर्जी व अन्य विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य के संबंध में जारी निर्देशों के परिपालन में आबंटितियों के हितों के संरक्षण हेतु उक्त प्रोजेक्ट का विकास कार्य पूर्ण कराने को प्राथमिकता देते हुए आदेश पारित किया गया। इस सुनवाई में प्रोजेक्ट के प्रमोटर आफताब सिद्दकी को अपना पक्ष रखने के लिए पूरा मौका दिया गया। भूखण्ड आबंटितियों द्वारा भी प्रोजेक्ट में विकास कार्य छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड से कराने की मांग की गई थी।
रेरा द्वारा पारित आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल उक्त प्रोजेक्ट के विकास के लिए समस्त आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर प्रोजेक्ट विकास की कार्ययोजना दो माह के भीतर रेरा के समक्ष प्रस्तुत करेगा। हाउसिंग बोर्ड नियमानुसार इस प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन भी कराएगा । पारित आदेश में कलेक्टर रायपुर को इस प्रोजेक्ट के हस्तांतरण की आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को प्रोजेक्ट हस्तांतरण के बाद प्रोजेक्ट के विकास तथा बंधक और अविक्रित भूखण्डों के विक्रय का अधिकार होगा।
भूखण्डों का पंजीकृत विक्रय विलेख निष्पादित करने तथा विक्रय प्रतिफल प्राप्त करने का अधिकार भी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को होगा। यदि किसी पूर्व आबंटिती द्वारा विक्रयशुदा भूखण्ड की राशि भुगतान हेतु शेष है, तो छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल उक्त राशि प्राप्त करने का अधिकारी होगा। गृह निर्माण मंडल प्रोजेक्ट के विकास कार्य की प्रगति और भूखण्डों के विक्रय से प्राप्त राशि के संबंध में मासिक प्रतिवेदन रेरा और कलेक्टर रायपुर को भेजेगा। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल प्राक्कलन और कार्य योजना के अनुरूप निर्धारित समयावधि में प्रोजेक्ट का विकास कार्य पूर्ण करने के बाद रख-रखाव के उद्देश्य से इस प्रोजेक्ट का हस्तांतरण वहां की रहवासी समिति को करेगा।