9 साल की बच्ची से लेकर 100 साल तक की बुजुर्ग से किया रेप: इंसान नहीं 'गिद्ध'!.... 100 महिलाओं के शवों के साथ की गंदी हरकत.... महिलाओं और बच्चों की लाशों से बनाए संबंध.... लड़कियों की हत्या भी की थी...  पढ़िए कत्ल, लाश और सेक्स की वारदात.....

9 साल की बच्ची से लेकर 100 साल तक की बुजुर्ग से किया रेप: इंसान नहीं 'गिद्ध'!.... 100 महिलाओं के शवों के साथ की गंदी हरकत.... महिलाओं और बच्चों की लाशों से बनाए संबंध.... लड़कियों की हत्या भी की थी...  पढ़िए कत्ल, लाश और सेक्स की वारदात.....

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डेस्क। 100 से ज्यादा शवों से रेप व 2 हत्याएं करने के आरोपी साइको रेपिस्ट को इंगलैंड की अदालत ने अब जिंदगी भर के लिए जेल भेज दिया है। डेविड फुलर नामक यह अपराधी महिलाओं की डैडबॉडी से रेप करता था। उसने 2 महिलाओं की हत्या भी की थी। इसके बाद उन्हें भी अपनी हवस का शिकार बनाया था। ब्रिटेन के अस्पताल में काम करने वाले एक शख्स को महिलाओं की लाशों से रेप करने और दो जीवित युवतियों का रेप के बाद मर्डर करने के आरोप में दोषी पाया गया। इसके लिए उसे ब्रिटेन के मेडस्टोन क्राउन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। 67 वर्षीय डेविड फुलर नामक इस शख्स ने वैसे तो 100 से ज्यादा महिलाओं की लाशों से रेप किया था। 

लेकिन कोर्ट में उसे 51 अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें 44 मामले लाशों से छेड़छाड़ के हैं। उसने 10 सालों तक यह कुकर्म किया। डेविड ने साल 1987 में 25 साल की वेंडी नेल और 20 साल की कैरोलीन पीयर्स का रेप कर हत्या भी की थी। जब पिछले साल 3 दिसंबर 2020 में पुलिस जांच करते हुए डेविड के घर पहुंची तो उन्हें यौन शोषण से जुड़ी हजारों तस्वीरें मिलीं। हैरानी तो तब हुई जब पुलिस टीम को मुर्दाघर में लाशों से संबंध बनाते हुए उसकी कई तस्वीरें दिखीं। कुछ तस्वीरों को तो उसने पीड़ितों के नाम वाले फोल्डर्स में सेव कर रखा था। 

पुलिस ने बताया कि फुलर ने 2008 और नवंबर 2020 के बीच 99 लाशों से छेड़छाड़ की थी। उस दौरान, फुलर ने केंट, ससेक्स और ट्यूनब्रिज वेल्स अस्पतालों में काम किया था। हालांकि, जांच अधिकारी केवल 78 लाशों की पहचान करने में सक्षम थे, जिनके साथ फुलर ने कुकृत्य किया था। बताया गया कि फुलर लाशों के साथ संबंध बनाने के बाद बाकायदा उस घटना को याद रखने के लिए अपनी डायरी में नोट करता था। उसने अपने यौन हमलों की एक विस्तृत डायरी बना रखी थी। जांचकर्ताओं ने कहा कि फुलर अस्पतालों में नाइट शिफ्ट में काम करता था। दूसरे कर्मचारियों के जाने के बाद वह चुपके से मुर्दाघर जाता था। यह केस ब्रिटेन के इतिहास में पहला ऐसा केस बन गया था, जो इतने लंबे समय तक अनसुलझा रहा।