ओडिशा बालासोर ट्रेन हादसे में विपक्षी दलों की राजनीति क्या दुख की घड़ी में राजनीति करना उचित है?

Politics of opposition parties in Odisha Balasore train

ओडिशा बालासोर ट्रेन हादसे में विपक्षी दलों की राजनीति क्या दुख की घड़ी में राजनीति करना उचित है?
ओडिशा बालासोर ट्रेन हादसे में विपक्षी दलों की राजनीति क्या दुख की घड़ी में राजनीति करना उचित है?

NBL, 05/06/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Politics of opposition parties in Odisha Balasore train accident Is it appropriate to do politics in the hour of grief?

ओडिसा बालासोर रेल हादसे बहुत ही हृदय विदारक घटना है, जो बहुत से लोगों की जान चली गई और बहुत से यात्री घायल अवस्था में है जो अपने आप से जूझ रही है, कई ऐसे यात्रीयो का अता पता नहीं है, कई तो दुखद दुर्घटना को देखकर अपने आप से उबर नहीं पा रहे हैं, इतना बड़ा रेल दुर्घटना को देखते हुए भी देश के विपक्षी दलों के नेताओं को सियासत सूझी हुई है, जबकि इस दुर्घटना को लेकर पीएम मोदी और उनके मंत्री मंडल सजग प्रहरी बन कर रात और दिन इन रेल हादसे में घायल अवस्था लोगों की सेवा कर रहे हैं, साथ ही खराब रेल्वे ट्रैक का युद्ध स्तर से सुधार किया जा रहा है और स्वयं रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव उन सब कामों को खड़े होकर खुद वाच कर रहे हैं, ताकि देश के अन्य रेल रुटिन को बाधित होने से जल्द से जल्द सुचारू रूप से शुरू किया जाय  ताकि देश के रेल यात्री गण अपने गंतव्य स्थानों  तक पहुँच सके। 

ओडिसा सीएम नवीन पटनायक हर एक पल पल का अपडेट ले रहे हैं इन रेल दुर्घटना ग्रस्त यात्रियों की और बिगड़े हुए रेल्व ट्रैक का सुधार की भी नाहीं और कोई भी तथ्यों को छुपा रहे हैं बल्कि सीएम पूर्ण ईमानदारी के साथ बता रहे हैं रेल यात्रियों के घटना और दुर्घटना के नुकसान के बारे में नही इस दुख के घडी पर कोई राजनीतिक सियासत कर रहे हैं ओडिसा सीएम नवीन पटनायक यही उनका सबसे बड़े व अच्छे छवि का प्रमाण है, भारत में यही एक मात्र सीएम है जो कभी भी टीवी चैनल पर आकर सियासत नहीं करते और ओडिसा राज्य के बिगड़े हालातो में सुधार किया और अपने राज्य का सुपर सीएम है नवीन पटनायक जो ओडिसा राज्य के लोकतंत्र इनके उपर दिल से भरोसा करते हैं, सीएम पटनायक अपने काम से काम रखता है, बेफिजूल बातों को लेकर उलझा नहीं करते ।

लेकिन आज अपने घरों में या अपने राज्य के भीतर बैठ कर इस रेल दुर्घटना को लेकर देश के अंदर व देश के बाहर देश के विपक्षी दलों के राजनीतिक नेताओं द्वारा सियासत की जा रही है जो इस दुखद दुर्घटना में आहत पहुँचे लोगों के लिए मरहम नहीं है, जबकि इन विपक्षी दलों के नेताओं को उस दुर्घटना स्थल पर जाकर इन दुर्घटना ग्रस्त लोगों की हालचाल व इनके उचित देखभाल की जायजा लेने चाहिए या खुद इन नेताओं को सहयोग करनी चाहिए सेवा भाव से जैसे ओडिसा बालासोर के ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस रेल दुर्घटना के प्रत्येक यात्रियों का सेवा भाव से सहयोग किया और अपने सच्चे देशभक्त नागरिक होने का परिचय दिया इसे आप सुपर हीरो बोल सकते हैं, लेकिन देश के नेता सुपर हीरो कब बनेंगे जो देश के लोकतंत्र की रीढ़ है इस दुखद समय में ही तो पहचान होती है कौन अपना है और कौन पराया है। 

इतना बड़ा रेल दुर्घटना का जिम्मेदार कौन है या रेल्वे सिग्नल या कोई टेक्निकल प्रॉब्लम्स से हुई या यह सब कुछ किसी की सोची समझी साज़िश है, यह सब बारीकी से जाँच होने के बाद ही पता चल पायेगा, अचानक डीसीजन लेना या लीपा पोती करना यह एक दम से उचित नहीं है, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी रेल दुर्घटना ग्राउंड में जाकर जायजा लिया और उच्च स्तरीय जांच का आदेश भी दिया जो सब कुछ सामने आ जाए इस रेल दुर्घटना का मुख्यकारण क्या है, इन सब प्रोसेस के बाद ही पता चल पायेगा कौन है असली गुनाहगार। 

देश के विपक्षी दलों के नेताओं के बोलने से देश के रेल मंत्री इस्तीफा नही दे देगा यह सब बोलना देश के राजनीतिक विपक्षी दलों की नेताओं की सबसे बड़ी कमजोरी है, और यह सब इसलिए मै बोल रहा, क्योकि वर्तमान रेल मंत्री इस्तीफ़ा दे दिया और नया रेल मंत्री बन गया तो इतना बड़ा रेल हादसे को समझने में टाईम लगेगा और इस नाकामी पर फिर राजनीतिक सियासत होगी तो इस इस्तीफ़ा मांगने व देने वाले बातों को अर्थ हिन बात मै मानता हूँ, और इस दुखद घटना पर विपक्ष की राजनीति करना उचित नहीं है, क्योकि दुर्घटना कई कारणों से हो सकती है, इसलिए इस विषय पर राजनीति उचित नहीं, उचित राजनीति करना है तो घायलो का सेवा करो उनका हाल चाल व उनके दुखद परिवारों को ढांडस दो सब कुछ अच्छा हो जायेगा हम सब आपके साथ है करके, ना की रेल मंत्री व पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर सियासत करो ये सब आप लोग करते रहना ये सियासत करना आप नेताओं की मूल अधिकार है, लेकिन इस वक्त सब मिलजुलकर सेवा करो बाद में राजनीति करो।