IPS ‘भगोड़ा' घोषित: इस केस में चल रही जांच.... पूर्व पुलिस कमिश्नर भगोड़ा घोषित.... 30 दिन बाद जब्त होंगी प्रॉपर्टीज......




डेस्क। पूर्व कमिश्नर के खिलाफ जबरन वसूली के मामले में जांच चल रही है। आईपीएस फरार हैं और पुलिस की क्राइम ब्रांच को उनकी तलाश है। पूर्व कमिश्नर को एक मजिस्ट्रेट द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर अपने ही जाल में फंस गए है। मुंबई की किला कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है। भ्रष्टाचार और वसूली के कई मामलों में वे आरोपी थे। कई बार बुलाने के बावजूद वह मुंबई पुलिस और SIT टीम के सामने पेश नहीं हो रहे थे। हालांकि, उन्हें पिछले साल गोरेगांव में दर्ज रंगदारी के एक केस में फरार घोषित किया गया है। महाराष्ट्र गृह विभाग ने उन्हें फरार घोषित करने के लिए पिछले सप्ताह मुंबई की किला कोर्ट का रुख किया था।
स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर शेखर जगताप ने कहा-आज से 30 दिन के भीतर अगर परमबीर सामने नहीं आते हैं, तो उनकी प्रॉपर्टीज को जब्त करने का काम शुरू होगा। सूत्रों के मुताबिक, गृह विभाग ने मई से फरार चल रहे परमबीर को सस्पेंड करने का भी प्रस्ताव दिया है। गृह विभाग ने उनके खिलाफ एंटीलिया विस्फोटक मामले में चूक के लिए विभागीय जांच की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। पिछले साल मुंबई के एक बार ओनर विमल अग्रवाल ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, सचिन वाझे, सुमीत सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ बबलू और रियाज भाटी पर उनसे 9 लाख वसूलने का केस दर्ज करवाया था।
इस मामले में गोरेगांव पुलिस ने कई बार परमबीर को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद पहले उनके खिलाफ जमानती और फिर गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। विमल अग्रवाल का अंधेरी स्थित ओशिवरा इलाके में बीसीडी रेस्टोरंट एंड बार है। विमल अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि परमबीर सिंह ने बार चलाने के लिए उनसे नौ लाख रुपये और मोबाइल फोन रंगदारी के रूप में लिए थे। इस मामले की गहन छानबीन जारी है। इससे पहले गृह विभाग परमबीर के गायब रहने की जानकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो को भी दे दी थी। गौरतलब है कि परमबीर मई के महीने से स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर जाने के बाद से ही लापता हैं।