देश में लागू हुआ तीन नए क्रिमिनल कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं 6 धाराओं को किया गया निरस्त और इतनी धाराएं जोड़ी गई जानें नए कानून से जुड़ी पूरी बातें पढ़े पूरी ख़बर




देश में तीन नए क्रिमिनल कानून आज यानी 1 जुलाई से लागू हो गए. तीन नए क्रिमिनल कानून के तहत देश में पहली एफआईआर दर्ज भी हो गई हैं दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस थाने में सोमवार को भारतीय न्याय संहिता के तहत यह एफआईआर दर्ज हुई है.
ये तीन नए कानून हुए लागू
दरअसल,आज से तीन नए क्रिमिनल कानूनों के लागू होने के साथ ही औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया. देश में भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता (इंडियन पीनल कोड), दंड प्रक्रिया संहिता (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (इंडियन एविडेंस एक्ट) की जगह ले चुके हैं.
रविवार रात बारह बजे से यानी एक जुलाई की तारीख शुरू होने के बाद घटित हुए सभी अपराध नये कानून में दर्ज किये जाएंगे। एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो रहे हैं
भारतीय साक्ष्य अधिनियम ( BSA) में कुल 170 धाराएं हैं. अब तक इंडियन एविडेंस ऐक्ट में कुल 167 धाराएं थीं. नए कानून में 6 धाराओं को निरस्त किया गया है. इसमें 2 नई धाराएं और 6 उप-धाराओं को जोड़ा गया है
नए कानून आधुनिक न्याय प्रणाली लाएंगे,जिसमें जीरो एफआईआर, पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण,एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से समन और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे
(1) गैंग रेप मामलों में अब 20 साल या या आजीवन कारावास की सजा
(2) 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के मामले में आजीवन कारावास या मृत्यु दंड
(3) झूठे वादे या पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में शामिल
(4) मृत्यु दंड की सजा को भी आजीवन कारावास में बदल सकेंगे
(5) आजीवन कारावास की सजा को 7 वर्ष तक की सजा में बदला जा सकेगा ।