मस्तूरी खुडूभाठा का ऐतिहासिक राम मंदिर जहां अंग्रेज भी करते थे पूजा अर्चना सरपंच कृष्णा यादव आखिर यहां क्यों बहा रहे रोज पसीना और 1940 से पूजा में लगे पंडित क्या कहते हैं जानें सब कुछ पढ़ें पूरी खबर




मस्तूरी खुडुभाठा का ऐतिहासिक मंदिर
मस्तूरी ब्लॉक के खुडूभाटा गांव में स्थित 1940 में निर्मित श्री राम जानकी मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है जहां अंग्रेज भी पूजा अर्चना करने पहुंचते थे उस समय में तत्कालीन महारानी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था जो आज भी यहां स्थित है जब यहां कुछ ग्रामीणों ने मंदिर के परिसर पर कब्जा कर लिया था किंतु जैसे ही कृष्णा यादव सरपंच बने उन्होंने इस मंदिर को संवारने का काम शुरू कर दिया पहले तो बेजा कब्जा धारी लोगों को हटाया गया फिर गांव के ही 1940 से पूजा करते आ रहे पंडित को यहां पूजा अर्चना करने के लिए लगाया गया पंडित जी बताते हैं कि यहां श्री राम लक्ष्मण और माता सीता की मूर्ति को पुरी से लाया गया था और यहां स्थापित किया गया पर बीते कुछ सालों से इस मंदिर में लोगों ने कब्जा कर लिया था पर कृष्ण यादव के सरपंच बनने के बाद यहां फिर से रौनक लौटी हैं मंदिर की जीर्णोद्धार किया जा रहा है मंदिर परिसर को समतल कर मंदिर की रंग रोगन कर यहां 22 जनवरी को भव्य पूजा अर्चना कर कलश यात्रा का भी आयोजन किया गया
क्या कहते हैं सरपंच कृष्णा यादव
इन्होंने बताया कि जब से वे सरपंच बने उन्होंने तभी से इस मंदिर की साफ सफाई से लेकर रंग रोगन और पूजा अर्चना करना शुरू किया है और वह बताते हैं कि गांव के हर मंदिर पर रोज पूजा हो ऐसी उनकी इच्छा है और हमारे लिए गर्व की बात है कि इतनी ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हमारे गांव में स्थित है हमारे पूर्वज बताते हैं कि यहां अंग्रेज घोड़े में बैठकर पूजा करने आया करते थे उस जमाने की यह मंदिर है इसको संरक्षित करना बहुत जरूरी हैं
हमारे देश भारत में राम भक्ति देशवासियों के रग रग में व्याप्त है यह किसी से छिपी नहीं है 22 जनवरी को अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही पूरे देश में दिवाली दशहरा सब कुछ एक साथ मनाया गया जहां देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों मेहमान शामिल हुए इस ऐतिहासिक दिन पर दुनिया भर की मीडिया भी यहां पहुंची हुई थी देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस दिन को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया कई कार्यक्रम आयोजित भी किए गए इसके साथ ही भारत के गांव से लेकर शहरों तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की पूजा अर्चना की गई वही छोटे बड़े सभी मंदिरों में साफ सफाई कर सजाया गया और वहां भी पूजा अर्चना की गई भंडारे का आयोजन कर प्रसाद भी वितरण किया गया अगर यह कहा जाए कि भारत देश में दिवाली के बाद कोई बड़ा त्यौहार मनाया गया तो वह 22 जनवरी ही था तो यह गलत नहीं होगा