मस्तूरी जनपद पंचायत का एकमात्र ऐसा गांव जहां ना तो आंगनबाड़ी भवन है और ना ही पंचायत भवन पेड़ के निचे बैठक करने को है मजबूर अधिकारियों के ढुलमुल रवैये ने खड़े कर दिए हैं कई सवाल जाने उस गांव का नाम पढ़ें पूरी खबर




बिलासपुर//मस्तूरी जनपद पंचायत का एक ऐसा ग्राम पंचायत जहां ना तो आंगनबाड़ी भवन है और ना ही ग्राम पंचायत भवन पिछले कई वर्षों से लगातार सरपंचों के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि यहां किसी तरह से आंगनबाड़ी भवन व पंचायत भवन का निर्माण हो जाए पर अधिकारियों की ढुलमुल रवैया ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं वर्तमान सरपंच रामायण साहू बताते हैं कि इसकी जानकारी कई बार विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को लिखित व मौखिक रूप से दिया गया है बावजूद इसके अभी तक कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला आपको बताते चलें कि मानिकचौरी में तीन आंगनबाड़ी केंद्र वर्तमान में संचालित हो रहे हैं और तीनों ही आंगनबाड़ी केंद्र प्राइवेट घरों में किराए से चलाई जा रही है खासकर बारिश के दिनों में इन बच्चों और सहायिका कार्यकर्ताओं की समस्या और बढ़ जाती है जब बारिश का पानी अंदर टीपकने लगता है पर शासन प्रशासन में बैठे अधिकारी कर्मचारी लगातार इन समस्याओं को दरकिनार कर रहे हैं अगर बात करें ग्राम पंचायत भवन की तो यहां भी चुने हुए जनप्रतिनिधियों सरपंच पंचो व सचिव को अगर पंचायत की मीटिंग लेनी हो तो किसी प्राइवेट भवन या पेड़ के निचे लेना पड़ता है इन सभी समस्याओं को ग्रामीणों ने अब मुद्दा बना लिया और आने वाले चुनाव में यहां के लोग इसे बढ़-चढ़कर उठाने वाले हैं वही ग्राम पंचायत के सरपंच रामायण साहू बताते हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव का भी ग्रामीण बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के पहले इनकी समस्याएं दूर होती है या यूं ही लंबित रह जाती है