कहने को लोहर्सी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घण्टे प्रसव सेवा उपलब्ध है पर ताज्जुब की बात है पिछले दो साल से एक भी डिलेवरी नहीं ग्रामीण सालो से हों रहे परेशान अब मंत्री जी से शिकायत करने की हों रही तैयारी पढ़े पूरी खबर

कहने को लोहर्सी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घण्टे प्रसव सेवा उपलब्ध है पर ताज्जुब की बात है पिछले दो साल से एक भी डिलेवरी नहीं ग्रामीण सालो से हों रहे परेशान अब मंत्री जी से शिकायत करने की हों रही तैयारी पढ़े पूरी खबर
कहने को लोहर्सी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घण्टे प्रसव सेवा उपलब्ध है पर ताज्जुब की बात है पिछले दो साल से एक भी डिलेवरी नहीं ग्रामीण सालो से हों रहे परेशान अब मंत्री जी से शिकायत करने की हों रही तैयारी पढ़े पूरी खबर

बिलासपुर//ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है उप स्वास्थ्य केंद्र लोहर्सी में स्टॉफ सिर्फ कहने के लिए और कागजो में ही दिखाई देता है यहाँ की स्टाफ वाले बताते है की यहाँ 24 घण्टे प्रसव सेवा उपलबब्ध है पर ये भी दिखावे के लिए ही आपको जानकर ताज्जुब होगा की यहाँ पिछले दो सालो से एक भी डिलेवरी नहीं कराइ गई है यहाँ कोई गलती से पहुंच भी जाता है तो उसे पचपेड़ी भेज दिया जाता है कहने को यहाँ तीन महिला स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत है 1 अनीता मरावी स्टाफ नर्स जो तीन दिन की छुट्टी ले कर गई थी पर कई महीने से ड्यूटी में नहीं पहुंच रही है 2 पुष्पा मिंज ए एन एम जो सालो से हॉस्पिटल में नहीं आई है ये भी जेचकी की छुट्टी ले कर गई जो दो साल से अधिक हों गया है 3 संगीता चेलके स्टाफ नर्स जो जेचकी की छुट्टी पर है अब भला सोचिये ग्रामीण करे तो क्या करे किसके पास जाये अगर सरकार अपनी पूरी ताकत के साथ महिलाओ के लिए काम कर रही है प्रत्येक सुविधा ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में भेजी जा रही है पर कुछ अधिकारीयों की लापरवाही से कही न कही पब्लिक के बीच सरकार की छवि ख़राब हों रही है सवाल ये है की जब कोई कर्मचारी इतने लम्बे समय तक गायब रहता है तो क्या जिम्मेदारों को पता भी नहीं रहता या इनको ऐसे ही छोड़ दिया जाता है की जाओ आप मजे करो चाहे पेसेंट परेशांन हों या तकलीफ झेलते रहे पर आप अपनी जिंदगी मजे से जियो क्या यही सिस्टम यहाँ लागु है ये पूरा मामला अब बड़ा हों चूका है लोहर्सी सरपंच कहते है की उन्होंने कई बार लोगो की समस्या को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्टाफ को बताया है पर उनकी नींद खुलने का नाम नहीं ले रही है अब वो इन सभी समस्याओ को लेकर सीधे स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत करने की बात कह रहे है ताकि लापरवाही करने वालो को उनकी सजा मिल सके यहाँ की समस्या को लेकर सरपंच ही नहीं बल्कि पुरे गांव वाले एकजुट हों गए है 


यही कारण है जिसके चलते ग्रामीणों को नीम हकीमों के पास इलाज कराने मजबूर होना पड़ता है  दिलचस्प यह है कि इन अस्पतालों में पर्याप्त मेडिसिन होने के बावजूद डॉक्टर्स प्राइवेट मेडिकल का पर्ची लिए बैठे रहते है और दवा के लिए गरीब परिवारों को महंगी दवाये लेने मजबूर किया जाता है ये पूरी कहानी आपको मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र में देखने मिल जाएगी !

वही इस पुरे मामले में मस्तूरी बी एम ओ नंदराज कंवर का कहना है की अनीता मरावी बिना बताये चली गई है जबकि पुष्पा मिंज दो सालो से बीच बीच में आकर 90-90 दिनों का छुट्टी ले कर जाती है वही संगीता भी छुट्टी पर है