जयरामनगर खैरा में अगर एक और नया चुना पत्थर खदान खुला तो किसानो के लिए होगा अभिशाप जहा लगना है खदान वही आसपास के कई किसान अभी से होने लगे चिंतित सताने लगा फसल बर्बाद होने का डर ~अनिता नरोत्तम साहू




जयरामनगर में हुए चुना पत्थर उत्खनन खदान के जन सुनवाई में क्षेत्र के कई गावों से चुन कर आए जनपद सदस्य क्षेत्र क्र,10 के अनिता नरोत्तम साहू ने जमकर विरोध किया उन्होंने ना सिर्फ विरोध लिया बल्कि लिखित लेटर भी अधिकारियों को सौपा है जिसमे पुरी डिटेल में बिंदु वार ढंग से बताया गया है की कैसे खदान खुलने से ग्रामीणों को बल्कि किसानो को इससे भारी समस्या होगी। चलिए समझते है उन्होंने अपने लिखित विरोध में क्या क्या अधिकारियों को बताने की कोशिश की है। खैरा में मेसर्स कान्हा मिनरल्स प्रोपा.मुकेश कुमार विधानी द्वारा खसरा नं. 720, 721, 722 / 8,733,734 / 1,734, 734 1 2 37345,
एवं 734/6 कुल क्षेत्रफल 2.995 हेक्टेयर में चूना पत्थर गौण खनिज उत्खनन एवं क्रेसर प्लांट स्थापना
किया जा रहा है। उक्त स्थापना से सम्बंधित हमारा आपत्ति एवं विरोध निम्न कारणों से हैं: 1. यह कि प्रस्तावित सयंत्र की भूमि राजस्व रिकार्ड में धारणाधिकारी कृषि भूमि है, जो कि
नियमानुसार अवैध है। किसी भी कृषि भूमि बिना व्यपवर्तन किये उद्योग स्थापित करना
अवैधानिक हैं ।
2.यह कि, प्रस्तावित भूमि के आसपास कृषि भूमि है, जो गांव में निवासरत किसानो का एकमात्र
जीविका का साधन है। उद्योग स्थापित होने से आसपास की भूमि पर कृषि कर पाना असंभव है
जो की गरीब किसानो की अपूर्णीय क्षति है। कई परिवारों के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो
जायेगी |
3. यह कि, संयंत्र की प्रस्तावित भूमि शासन द्वारा निर्धारित मानक यथा आवासीय / शासकीय भवन
/ राष्ट्रीय राज्यमार्ग / एवं राज्यमार्ग से मात्र 200 मीटर दूरी से कम है जबकि उत्खनन कार्य में
ब्लास्टिंग किया जाना है जो की बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं।
4. यह कि, क्रेसर उद्योगों से निकलने वाला धूल-डस्ट से जन जीवन को खतरा होता है तथा बहुत
अधिक वायु प्रदुषण होता है। इस कारण इस सयंत्र की मद में आने वाले परिवारों का जीना दूभर
हो जायेगा | किसी उद्योगपति को लाभ दिलाने के लिये पूर्व से निवासरत जनजीवन को क्षति
पहुचाना न्यायसंगत नहीं हैं।
5. यह प्रस्तावित एवं जन के लिए हाद है। यदि प्रस्तावित
को स्वीकृत दी जाती है तो किसानों सहित जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को अत्यधिक हानि होगी जिसकी क्षति या जाना असंभव है।
6. यह कि उक्त गंभीर होते हुए भी सयंत्र स्थापना दिया जाता है तो भविष्य के दुष्परिणाम
के लिए कृत देने वाले संबंधित अधिकारी की सम्पूर्ण जवाबदारी होगी। आपको बताते चले कि ऐसे खदानों के कारण ही आज खैरा का स्टेडियम जो क्षेत्र का एक मात्र खिलाड़ियों का खेल खेलने का जगह है जो लाखो की लागत से बना है आज वो भी जगह जगह से क्रेक हो रहा है दूसरा एग्जांपल मस्तुरी स्थित शासकीय महाविद्यालय है जहां हैवी ब्लास्टिंग से ना सिर्फ बिल्डिग क्रैक हो रहा है बल्कि इन्ही के वजह से रोड आज चलने लायक नहि है किसके लिए आज महाविद्यालय के बच्चे आए दिन किसी न किसी को रोड के लिए ज्ञापन सौप रहें है तो क्या यहा एक और खदान लगन चाहिए ये एक बड़ा सवाल है अब देखा होगा की प्रशासनिक अधिकारी किसकी सुनते है जानना लाजमी होगा की खैरा में आपको ऐसे कई घर मिल जायेंगे जो ब्लास्टिंग के कारण क्रैक हो गए है बावजूद इसे क्या एक और खदान की जरूरत है l
अतः माननीय से मेरा आग्रह है कि उपरोक्त उल्लेखित संयंत्र के लोकहित एवं पर्यावरण के प्रतिक होने के कारण स्थापना पर रोक लगाने की महान दया करेंगे।