कालिंदी इस्पात के विस्तार का जमकर हुआ विरोध अधिकारियों ने कहा रिपोर्ट राज्य सरकार को बना कर भेजेंगे और वहां से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जो निर्णय लिया जाएगा। उसी के हिसाब से काम किया जाएगा पढ़े पूरी खबर

कालिंदी इस्पात के विस्तार का जमकर हुआ विरोध अधिकारियों ने कहा रिपोर्ट राज्य सरकार को बना कर
भेजेंगे और वहां से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जो निर्णय लिया जाएगा। उसी के हिसाब से काम किया जाएगा पढ़े पूरी खबर
कालिंदी इस्पात के विस्तार का जमकर हुआ विरोध अधिकारियों ने कहा रिपोर्ट राज्य सरकार को बना कर भेजेंगे और वहां से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जो निर्णय लिया जाएगा। उसी के हिसाब से काम किया जाएगा पढ़े पूरी खबर

बिलासपुर मस्तूरी//कालिंदी स्पात का विस्तार किया जा रहा है। जीसी स्पात का उत्पादन छमता को बढ़ा कर तीन गुना बढ़ाया जा रहा है, जिसके लिए बुधवार को पर्यावरण जन सुनवाई की गई। इसका 90 फीसदी ग्रामीणों ने जम कर विरोध किया। स्पात से निकलने वाली जहरीली धुंआ से ग्रामीण लगातार प्रभावित है। इससे लोग को कई प्रकार की बीमारी हो रही है। जन सुनवाई के दौरान अधिकारियों को ग्रामीणों ने क्षेत्र में हो रही से समस्या, प्लांट से निकलने वाली जहरीली धुआं, नौकरी,शिक्षा, स्वस्थ और जल की समस्या से अवगत कराया गया। प्लांट चलाने के लिए संचालक ने जल स्रोत का कोई व्यवस्था नहीं की। भू-जल के ही बोर से पीने के पानी का उपयोग कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में लगातार जल स्तर नीचे जा रहा है। कई नल सूख गए है। प्लांट प्रबंधन ने किसानों की जमीन लेकर नौकरी भी नहीं दी है। इसकी वजह से लोग पलायन करने को मजबूर हैं। शासन ने कोरोना की चौथी लहर के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन जन सुनवाई में अधिकारियों और ग्रामीणों के द्वारा शासन के नियमों की धज्जियां भी उड़ाई गई। लगभग 95 फीसदी लोगों ने मास्क ही नहीं लगाए थे। जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि रिपोर्ट राज्य सरकार को बना कर भेजेंगे और वहां से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जो निर्णय लिया जाएगा उस हिसाब से काम किया जायेगा ! अब यहाँ सोचने वाली बात ये है की प्लांट को जनसुनवाई के पहले बंद कर के क्यों रखा गया था ऐसा तो कही भी नियम नहीं है पर अगर प्लांट चलती रहती तो जो बड़े अधिकारी आये थे उनको भी पता चल जाता की यहाँ से प्रदुषण कितना भारी होता है और यही वजह है की प्लांट बंद कर दिया गया था,आपको बताते चलें कि प्लांट से निकलने वाले काले धुएं की वजह से ना सिर्फ इंसान बल्कि पेड़ पौधे प्रकृति भी भारी प्रभावित हो रही है यह किसी से छिपी नहीं है यूं तो पेड़ पौधे के पत्ते हरे होते हैं पर प्लांट के आसपास के सारे पेड़ पौधे के पत्ते काले हो गए हैं जो वृक्ष हमें प्रदूषण से बचाता है वही वृक्ष इनके प्रदूषण का शिकार हो रहा है वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों ने आसपास के जनप्रतिनिधियों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधि हम लोगों के बीच में आकर अपनी वाहवाही लूटने के लिए अपने आप को पाक साफ साबित करने के लिए कहते हैं आप लोग जो बोलोगे वही होगा और मंच पर पहुंचकर कुछ और ही बोल रहे हैं इसको लेकर भी ग्रामीणों में आक्रोश है उन्होंने कहा कि अगले पंचायत चुनाव में उनको भी इसका जवाब मिल जाएगा ! ग्रामीणों ने पत्रकारों पर भी आरोप लगाया कि जन सुनवाई के दौरान भारी संख्या में पत्रकार आए थे पर दो चार ने ही खबर को छापने या दिखाने की हिम्मत दिखाई,यह तो स्पष्ट है कि प्लांट लगाने के लिए प्लांट प्रबंधन को गांव के मुखिया को ही संतुष्ट करने से काम नहीं बनेगी इसके लिए क्षेत्र के आम लोगो को भी अपने कार्यो से संतुष्ट करना होगा तब जाकर कहीं यह संभव हो पाएगा और ग्रामीणों के कड़े विरोध को देखकर प्रतीत नहीं होता कि यह किसी भी स्थिति में तैयार हो पाएंगे बहरहाल अब  प्लांट का विस्तार दूर की बात नजर आ रही है ? किसी जनप्रतिनिधि ने बेरोजगारी को लेकर कालिंदी इस्पात को घेरा तो किसी ने प्रदूषण को लेकर किसी ने प्रबंधन पर बात नहीं सुनने का आरोप भी लगाया दबे जुबान ही सही लेकिन विरोध तो सब ने किया है