बिलासपुर पुलिस की सहयोग से मस्तूरी के सोंठी जंगल में हुए तेंदुए की शिकार के पांच आरोपी गिरफ्तार हाई टेंशन तार से किया गया था शिकार शिकार के लिए लगाए गए तार की चपेट में आकर लोग भी गवा चुके हैं अपनी जान पर जंगल के जिम्मेदार अभी भी गहरी निद्रा में आये दिन रहते हैं नदारत पढ़े पूरी खबर




बिलासपुर में तेंदुए का शिकार करने वाले पांच शिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, आरोपियों जंगली सुअर का शिकार करने के लिए करंट लगाए थे। लेकिन,
गलती से तेंदुए करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। बाद में देखने पर उन्हें पता चला कि जंगली सुअर के बजाए तेंदुआ फंस गया है और उसकी मौत हो गई है। इसके
बाद उन्होंने दांत और पंजा को काट लिया और भाग निकले थे। मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 7 फरवरी को वन परिक्षेत्र सोंठी सर्किल के बिटकुला बीट के
कक्ष क्रमांक 12 के घानाकछार जंगल के नाले में तेंदुए का शव मिला था। सूचना पर वन विभाग के अफसरों ने घटना स्थल पहुंच कर जांच की और तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम
कराया। तब पता चला कि तेंदुए की मौत करंट से हुई है। जाहिर है कि शिकारियों ने शिकार के लिए करंट लगाया था। इसके बाद से वन विभाग की टीम ग्रामीणो से
पूछताछ कर शिकारियों की तलाश में जुट गई थी। लेकिन, उन्हें कोई
सफलता नहीं मिली। तब SP पारुल माथुर से मदद मांगी और
सीपत थाने की टीम को जांच में लगाया गया। पुलिस ने जांच
के दौरान महज तीन दिन में ही शिकारियों को पकड़ लिया
पुलिस की पूछताछ में गांव वालों से सूचना मिली कि ग्राम
निरतु में रहने वाला संतोष कुमार धनुहार पिता सगन साथ
धनुहार (35 साल) और नंदकुमार पटेल पिता बिसालिक राम
पटेल (50 साल) जंगली सुअर का शिकार करने के लिए
करंट लगाए थे। उन्हें पकड़कर पूछताछ करने पर पता चला
कि उनके साथ गांव के ही तीजराम पटेल उर्फ भकाचंद पिता
लच्छीराम पटेल (58 साल), कोरबा के छिंदपानी निवासी
समारू उर्फ संजय धनुहार पिता लटीराम धनुहार (35 साल)
और फूल सिंह यादव पिता मंजरू यादव (70 साल) ने
मिलकर तेंदुए का शिकार किया । इन ग्रामीणों ने बताया कि
उन्हें जंगली सुअर का शिकार करने के लिए करंट लगाया था।
लेकिन, गलती से तेंदुआ करंट की चपेट में आ गया। इसके
बाद उन्होंने दांत निकाल लिए और पंजों को काट दिया। उनके
पास से दांत, पंजा और वारदात के प्रयुक्त औजार जब्त किया
गया है जंगली सुअर का शिकार किया अब पकड़े गए जांच के दौरान पता चला कि ग्राम अदराली निवासी बलदेव
सिंह पिता अंजोर सिंह और रहस राम पटेल पिता सोहनू पटेल ने मिलकर जंगली सुअर का शिकार करने के लिए कुछ दिन पहले करंट लगाया था। उन्होंने जंगली सुअर का शिकार भी
किया था। उनके घर की तलाशी लेकर टीम ने जंगली सुअर के अवशेष जब्त किए। उन्हें भी टीम ने गिरफ्तार किया है। जंगल में बेधड़क हो रहा शिकार, देखने भी नहीं जाते वनकर्मी
सीपत और सोंठी सर्किल में जंगली सुअर के साथ ही अन्य वन्य प्राणियों की शिकार की गई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सीपत क्षेत्र में दो साल पहले जंगली सुअर का शिकार करने
वाला ग्रामीण खुद करंट की चपेट में आ गया था और उसकी
मौत हो गई थी। इस तरह से जंगल में लगातार करंट लगाकर
शिकार किया जा रहा है। लेकिन, वनकर्मी यहां देखने भी
नहीं जाते। तेंदुए की लाश नहीं मिलती, तब वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को शिकार की भनक भी नही लग पाती पार्टी होती है, तब जाते हैं अफसर बताया जा रहा है कि वन विभाग के अफसर यहां जंगल में
आए दिन पार्टी करते हैं। जब पार्टी होती है, तभी उनका जंगल भ्रमण और निरीक्षण होता है। जिस दिन तेंदुए की
शिकार की गई थी। उसके एक दिन पहले नवपदस्थ प्रभारी
डिप्टी रेंजर हफीज खान ने जंगल में पार्टी का आयोजन किया था। जिसमें वन विभाग के अधिकरी भी शामिल हुए थे।लेकिन, उन्हें न तो जंगली सुअर के शिकार की भनक लगी और न ही तेंदुए के शव का पता चला। बिलासपुर के जंगल में तेंदुए का शिकार:चारों पंजे काटकर नाखून उखाड़े,दांत भी तोड़कर ले गए; 2 दिन पुराना शव,अंगों
की तस्करी करने की आशंका
11 KV हाईटेंशन तार में ऐसे लगाते हैं करंट पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि 11Kv
हाईटेंशन तार से करंट लगाते हैं। दो से तीन किलोमीटर दूर तार लगाकर ग्रामीण जंगल में छोड़ देते हैं। इसके बाद सभी खंभे के पास आकर ताकते रहते हैं। जंगली जानवर जब
तार की जद में आते हैं और करंट लगता है तो खंभे के पास
शॉर्टसर्किट जैसे स्पार्किंग होती है और उन्हें पता लग जाता है
कि करंट में कोई जानवर फंस गया है। फिर खंभे से तार को निकालकर जानवर को ढूंढने जंगल की ओर तार के अंतिम छोर तक जाते हैं।