सेवानिवृत्त होकर घर पहूंचे फौजी का ग्रामीणो ने किया शानदार अभिनंदन..35 साल के आर्मी के जवान बंसत कुमार सोरी ने 17 साल देश सेवा में समर्पण की.. रिटायरमेंट फौजी जवान का अभूतपूर्व अभिनंदन, दुगली थाना प्रभारी ने भी सेल्यूट किया..




रिटायरमेंट फौजी जवान का अभूतपूर्व अभिनंदन, दुगली थाना प्रभारी ने भी सेल्यूट किया...
धमतरी जिले के दुगली वनांचल क्षेत्र के दिनकरपुर के भारतीय सुरक्षा बल के जवान बसंत कुमार सोरी 2 अक्टुबर को सेवा निवृत्त होकर जब गाँव पहुंचे तो पुरा गांव के साथ क्षेत्र के आदिवासी समाज,जनप्रतिनिधि और मित्र सलामी के साथ अभिनंदन करने पहुंचे।जवान बंसत कुमार सोरी किसान पुत्र हैं उनके परिवार में एक बड़ा भाई देवचंद सोरी किसान हैं और छोटा भाई आर्मी के जवान थे।बसंत सोरी का प्राथमिक शिक्षा गृहग्राम दिनकरपुर में हुआ है और हाई और हाईयर सेकेंडरी स्कूल की शिक्षा राजीव नगर दुगली में पूरी हुई है।बारहवीं पास होते ही इंडियन आर्मी में सन 2004 में सलेक्शन हुए थे।और नाशिक में प्रारंभिक सेना की ट्रेनिंग पूरी किया।बसंत सोरी बचपन से ही देश सेवा करने की संकल्प लिए थे।
उन्होंने अपनी सेवाकाल में हिंदुस्तान के गुजरात,राजिस्थान असम,नाशिक,जम्मू काश्मीर,पंजाब,देहरादून,में सेवा दिया और सिक्किम से 17 साल की देश सेवा उपरांत सेवानिवृत्त हुए।जब दुगली क्षेत्र में गांव में करीबीयों को पता चला कि हमारे आर्मी के जवान सेवाकाल पूरा कर वापस आ रहे हैं,ग्रामवासियों ने 2 अक्टूबर के दिन सुबह से ही अभिनंदन की तैयारी में जुटे थे।और आदिवासी परंपरा अनुसार मांदरी की थाप में ग्रामीणों ने अभिनंदन किया।उनके परम मित्र शहीद निर्मल सिंह नेताम की स्मारक पहुंचकर फौजी जवान ने श्रद्धाजँलि अर्पित कर शहीद को भावभीनी सलामी भी दी।इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बच्चों के साथ परिवार जनों ने आरती उतारकर स्वागत किया।इस अवसर पर आदिवासी समाज के समाजिकजनों के साथ दुगली थाना के थाना प्रभारी डी.के.कुर्रे एस.आई.घनश्याम वर्मा के साथ ड्यूटी पर रहे सिपाहियों ने भी जवान को सलामी देकर अभिनंदन किया।बसंत सोरी ने क्षेत्र के कुल देवी माता अंगारमोती और ग्राम की देवी शितला मंदिर पहुँचकर सह परिवार सेवा अर्जी किया।वहीं ग्रामवासियों ने दुगली कौव्हाबाहरा से लेकर दिनकरपुर तक रैली की माध्यम से बाजा गाजा के साथ स्वागत किया गया।गाँव में अभिनंदन सभा भी रखा गया।इस दौरान फौजी जवान ने ग्राम वासियों के साथ अपने दोस्तों को संबोधन के दौरान जीवन की कठिन दौर का बखान किया।देश सेवा से छोडकर आना खुशी और दुख भी बताया।अपनो को छोड़कर आना दुख बताया तो अपनो के बीच आना खुशी बताया साथ ही यह संदेश दिया जब देश सेवा की बात आती है,तो ऊँच नीच भेदभाव,जाति,धर्म को परे रहकर हर एक जाति, समुदाय के साथ देश की सुरक्षा करना वास्तव में अपनी जीवन की सबसे बड़ी सीख और देश प्रेम को हमेशा दिल में रखने की प्रेरणा बताए।कहते हैं जब देश के जवान पूरा दिन और रात सीमाओं पर सुरक्षा लिए डटे होते हैं तब जाके हम अपने घरों में चैन की नींद सो पाते हैं।सम्मान कार्यक्रम के दौरान, आदिवासी समाज के क्षेत्र के मुखिया मयाराम नागवंशी,मकसूदन ध्रुव,मानसाय मरकाम,जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम,जनपद सदस्य बंशीलाल सोरी,सरपंच महेंद्र नेताम मनईकेरा,शिवप्रसाद नेताम कौव्हाबाहरा,उपसरपंच कबिलास नेताम,बुधराम नेताम,मोहन मरकाम, पंचराम नेताम,हरि मंडावी, दिनदयाल कोड़ोपी,मुनेश नेताम,मिलापराम नेताम,अघनूराम मरकाम, सुकूराम मरकाम, सूकलाल मरकाम,अघन्तू मरकाम,जयकुमार मरकाम,महेश नेताम,मुन्नालाल नेताम,भरत कोड़ोपी, हरिकलाल नेताम,आत्माराम मंडावी, पूनीत नेताम,लोकेशकुमार सोरी,धिरसिंग नेताम,भूपेन्द्र मरकाम, अघन्तू मरकाम,खूबलाल मरकाम,सुरेन्द्र राज ध्रुव, सोहनलाल मरकाम, शंकरलाल नेताम सहित पूरे ग्राम वासीयों ने फौजी जवान का अभूतपूर्व अभिनंदन किया।