बेलरगाव में संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी का व्रत..माताओं ने भगवान शिव की विशेष पूजा...

बेलरगाव में संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी का व्रत..माताओं ने भगवान शिव की विशेष पूजा...

नगरी/बेलरगाव में संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना को लेकर हलषष्ठी पर्व शनिवार को बेलरगाव में मनाया गया.. महिलाओं ने व्रत रखकर सगरी में जल अर्पित किया और भगवान शिव की विशेष पूजा की। इसके बाद पसहर चावल और 6 प्रकार की भाजी सब्जी का सेवन कर उपवास तोड़ा...

 

 

हलषष्ठी पर्व बेलरगाव में धूमधाम के साथ मनाया गया। पूजा पाठ की तैयारी को लेकर महिलाएं सुबह से ही जुटी रहीं। बच्चों की सुख समृद्घि तथा दीर्घायु की कामना को लेकर माताओं ने व्रत रखा। हलषष्ठी के दिन को प्रमुख रुप से भगवान कार्तिकेय का जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर संतानधारी महिलाओं ने व्रत रखा और घरों के अलावा मंदिरों में भी पूजा पाठ का दौर सुबह से शाम तक चलता रहा। व्रती माताओं ने घर व मंदिर के सामने सगरी का निर्माण किया, जिसमें नदी, पर्वत की आकृति भी अंकित थी...

 

 कमरछठ पर्व पर संतान की लंबी आयु के लिए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन महिलाएं सुबह स्नान-ध्यान कर सामूहिक रुप से सगरी में जल अर्पित कर आरती करती हैं तथा संतान की लंबी उम्र की कामना की जाती है। कुछ जगह सगरी में छोटे बच्चों को डुबाकर निकालने के लिए परंपरा है।

हल की पूजा का प्रावधान

पंडितों के अनुसार भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म इसी दिन हुआ था। इस अवसर पर उनके साथ उनके हल व बैल की भी पूजा की जाती है। पूजा के बाद व्रत पारणा में भी हल से उपजे अन्न का उपयोग नहीं किया जाता। इसलिए कमरछठ व्रत रखने वाली माताएं बिना हल चली जमीन पर पैदा होने वाले पसहर चांवल,भाजी का सेवन कर उपवास तोड़ती हैं। भैंस का दूध, इससे बने दही,घी का ही सेवन किया जाता है।