धमतरी जिले के दुगली में 38 साल पहले 14 जुलाई को,देश के छटवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का दुगली में,हुआ था आगमन...आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं क्षेत्रवासी...

धमतरी जिले के दुगली में 38 साल पहले 14 जुलाई को,देश के छटवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का दुगली में,हुआ था आगमन...आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं क्षेत्रवासी...
धमतरी जिले के दुगली में 38 साल पहले 14 जुलाई को,देश के छटवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का दुगली में,हुआ था आगमन...आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं क्षेत्रवासी...

आदिवासी संस्कृति,और उनकी रहन-सहन को परखने एवं सहेजने की जिज्ञासा राजीव गांधी को दुगली लेकर आया

धमतरी/छत्तीसगढ़...

धमतरी जिले की ऐसा गांव,जिस गांव को ब्रिटिश शासन ने बसाया। जहां कभी ब्रिटिश शासनकाल में रायपुर से दुगली,नगरी,लिखमा तक ट्रेन लाईन बिछा रखे थे,जिस गांव का अपना एक बड़ा गौरवशाली इतिहास रहा है। नगरी विकासखण्ड के गांव दुगली ज़हां 38 साल पहले देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री के आगमन के साथ,जिनका नाम राजीव नगर दुगली हो गया।अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान जब देश के छठवें प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का आगमन दुगली में हुआ तो,क्षेत्र वासियों की दिमाग में बड़ी उम्मीदें जगी थी। लोगों की जेहन में क्षेत्र की चहुंमुखी विकास की कल्पना थी।मगर प्रधानमंत्री के आने के बाद भी दुगली क्षेत्र की न तकदीर बदली,और न ही तस्वीर,आज भी क्षेत्र के कई वर्षों की महत्वपूर्ण मांग,राजस्व परिवर्तित वनग्रामों को पूर्णतः राजस्व भूमि का,भूस्वामित्व का अधिकार,नगरी से दुगली तक सोंढूर नहर का विस्तार,दुगली में उच्च शैक्षणिक संस्थान,किसानों के लिए सहकारी बैंक,बिजली विभाग की सब स्टेशन,के लिए शासन प्रशासन के चौखट आए दिन खटखटाते नजर आते हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का दुरगामी सोच,विशेष पिछड़ी जनजाति,एवं आदिवासी संस्कृति को परखने की जिज्ञासा और आदिवासी समुदाय को विकास की धारा से जोडना ही,उनका उद्देश्य दुगली आगमन रहा है।मगर क्षेत्र के विशेष पिछड़ी जनजातियों का जैसा विकास की कल्पना लेकर आए थे वह हुआ नहीं।वहीं दुगली दौरा के दौरान उनकी धर्मपत्नी सोनिया गांधी अविभाजित मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा,पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह,सांसद पवन दीवान के साथ तत्कालीन विधायक अशोक सोम भी दौरे के दौरान साथ-साथ रहे थे। राजीव गांधी ने उनके स्वभाव के अनुरूप अपनी प्रोटोकॉल भूलकर ग्राम वासियों से फेस टू फेस हालचाल जाने थे,वन प्राथमिक शाला में स्कूली बच्चों से रूबरू भी हुए थे छात्र छात्राओं का हौसला बढ़ाए थे।जिस प्राथमिक शाला में राजीव गांधी का चरण पड़ा था वह शाला की प्रांगण बयां करता है कहां तक दुगली विकास के धारा से जुड़ा है।कमार आदिवासी परिवार के बीच जाकर उनकी हाल-चाल जाने थे।तब ऐसा लग रहा था राजीव ग्राम दुगली में विकास के गंगा बहेंगे।मगर उनके जाने के बाद राजीव ग्राम दुगली के विकास की गति में हमेशा-हमेशा के लिए विराम लग गया....

मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग राज्य होने के बाद पुनः छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत की सरकार आने के बाद 2019 में एक बार पुनः कांग्रेस ने राजीव ग्राम की सुध ली और उनकी याद में दुगली में राजीव गांधी का आदमकद मूर्ति अनावरण भी किया। छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी केबिनेट के मंत्रियों के साथ दुगली आकर ग्राम सुराज एवं वनाधिकार मंड़ाई कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।उस दौरान क्षेत्रवासियों को मुख्यमंत्री से क्षेत्र की विकास एवं राजीव गांधी की याद में बड़ा सौगात मिलने की उम्मीद था। मगर वनाधिकार मंड़ाई के साथ उम्मीद भी वहीं थम गया...

प्रधानमंत्री राजीव गांधी हमेशा देश के विकास की सोच रखते थे,और उन्ही जिज्ञासा ने वनांचल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र दुगली ग्राम तक वे आए थे,मगर उनके जाने के बाद 38 सालों में कभी राजीव ग्राम दुगली की किसी भी सरकार ने सुध नहीं ली।किसी क्षेत्र का विकास तब होता है जब उस क्षेत्र के आम जनता के हित में क्षेत्रीय स्तर पर विकास कार्य हो,सीताराम नेताम, ग्राम पटेल,आदिवासी समाज प्रमुख दुगली...

राजीव गोद ग्राम दुगली एवं क्षेत्र की विकास तब होगी जब क्षेत्र के किसान मजदूर वर्ग को सोंढूर नहर से किसानों को सिंचाई की सुविधा खरीब एवं रवि सीजन में मिलेगी और किसान अपने खेतों में दो फसली फसल उगा पाएंगे,आर्थिक स्थिति में सुधार आएगी। वहीं शासन प्रशासन की दोहरी नीति का शिकार,राजस्व परिवर्तित वनग्रामों को पूर्णतः राजस्व ग्राम एवं संवैधानिक अधिकार आखिर कब मिलेगी।,दुगली में उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थान कालेज,नहीं होने से 12वीं के बाद बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित होते रहे हैं। बिजली की समस्या हमेशा बनी रहती है सब स्टेशन कब बनेगी। किसानों को कृषि ऋण के लिए भटकना पड़ता है सहकारी बैंक बरसों की मांग रही है...सुरेन्द्र राज ध्रुव -जिला मिडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता सर्व आदिवासी समाज धमतरी