पहचान भीड़ में चलने से नहीं अपितु कुछ और कर गुजरने से होती है छ.ग.का पहला साईकल राईडर योगेश मरकाम ने कहा...11 महिने में 17000 कि.मी.हिन्दुस्तान के 28 राज्यों में साइकल से सफर कर ग्रीन इंडिया क्लीन इंडिया का संदेश दिया...

पहचान भीड़ में चलने से नहीं अपितु कुछ और कर गुजरने से होती है छ.ग.का पहला साईकल राईडर योगेश मरकाम ने कहा...11 महिने में 17000 कि.मी.हिन्दुस्तान के 28 राज्यों में साइकल से सफर कर ग्रीन इंडिया क्लीन इंडिया का संदेश दिया...
पहचान भीड़ में चलने से नहीं अपितु कुछ और कर गुजरने से होती है छ.ग.का पहला साईकल राईडर योगेश मरकाम ने कहा...11 महिने में 17000 कि.मी.हिन्दुस्तान के 28 राज्यों में साइकल से सफर कर ग्रीन इंडिया क्लीन इंडिया का संदेश दिया...

सुरेन्द राज ध्रुव...

छत्तीसगढ़ धमतरी/नगरी....कहते हैं जब इंसान के दिल में जूनून और जज्बा हो तो दूनिया का कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं..इस बात को चरितार्थ किया धमतरी जिला मुख्यालय से सैकड़ों कि.मी.दूर में बसा वनांचल वासी नवयुवक योगेश मरकाम ने,26 मार्च 2022 को अपनी जाँब को छोड़कर साइकल से भारत भ्रमण कर पूरे हिन्दूस्तान को ग्रीन इंडिया और क्लीन इंडिया का संदेश दिया।सालभर बाद 3 मार्च 2023 को सकुशल अपनी गृहग्राम लिखमा पहुंचा।जिला मुख्यालय से लेकर दुगली,नगरी,बेलर,बोराई,घुटकेल और लिखमा में होनहार युवक का शानदार स्वागत हुआ। नक्सल प्रभावित लिखमा निवासी 24 साल के नवयुवक योगेश मरकाम जिन्होंने दुर्ग भिलाई में हेल्थ वर्कर की नौकरी छोड़कर साइकिल से 17000 किलोमीटर तयकर भारत भ्रमण किया। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यहां के पर्यटन स्थलों के बारे में देशवासियों को अवगत कराने के उद्देश्य से साल भर विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय संदेश दिया। साइकिल से ही भारत घूमने का मकसद पेट्रोल की खपत कम करने व प्रदूषण का स्तर कम करने के साथ प्रकृति को संरक्षित और सुरक्षित रखने की संदेश बताया। वहीं योगेश मरकाम ने बताया कि करीब 100 किलोमीटर प्रति दिन की यात्रा साइकिल के माध्यम से सफर कर मिशन में कामयाब हुए।उनकी युवासोच को देखकर स्थानीय लोगों के साथ समाजसेवी,जनप्रतिनिधियों ने उनकी हिम्मत और जज्बे को सलाम किया भावभरा सम्मान दिया।योगेश मरकाम के पिता चैतराम और माता अनीता मरकाम पेसे से किसान हैं और लिखमा गाँव के पुजारी भी हैं। लिखमा से 26 मार्च 2022 को शुरू की गई थी यात्रा सबसे पहले तेलगाना और दक्षिण भारत की ओर गए साल भर में 28 राज्यों की 17000 किलोमीटर की यात्रा की है यात्रा करने ₹7500 की नई साइकिल खरीदी मिजोरम में 35 किलोमीटर पहाड़ी पैदल तय किया लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें इसलिए वे देश का तिरंगा अपने साइकिल पर लहराए हुए यात्रा पूरी की योगेश ने बातचीत के दौरान बताया कि वैसे तो कोई दिक्कत नहीं आई रहने खाने की काफी असुविधा हुई भ्रमण के दौरान साथ रहने का टेंट खाने-पीने के जरूरी सामान साइकिल लेकर चलते थे लेकिन इस 1 वर्ष की यात्रा के दौरान कभी-कभी इन चीजों के अभाव में लोगों का सहयोग भी नहीं मिला और लोगों ने कभी असहयोग रवैया भी अपनाया जो काफी उन्हें दुख पहुंचा पर हिम्मत से मिशन से जुड़ा रहा नतीजा कामयाबी हासिल हो गई अहमदाबाद में तबीयत खराब हुई थी तो 3 दिन यात्रा रोक रोक दिया था

 योगेश ने देश के 28 राज्यों का किया भ्रमण....

 26 मार्च 2022 के योगेश मरकाम घर से भारत भ्रमण पर निकले छत्तीसगढ़ से तेलगाना आंध्र प्रदेश तमिलनाडु केरला,कर्नाटक,गोवा महाराष्ट्र,गुजरात,राजस्थान हरियाणा,पंजाब,जम्मू कश्मीर,उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश,बिहार पश्चिमबंगाल,असम अरुणाचल प्रदेश,नागालैंड मणिपुर,मिजोरम,त्रिपुरा मेघालय,सिक्किम झारखंड,ओडिशा से रायपुर पहुंचे धमतरी से नगरी होते 3 मार्च को अपना गृहग्राम लिखमा पहुंचें।

 योगेश मरकाम के इस जज्बे को सलाम करता है नया भारत...

बातचीत में बताया ऐसा जूनून कहाँ से पैदा हुआ उनके अंदर तो उन्होंने बताया बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने की ठान लिया था।बारहवीं तक शिक्षा पूरी करने के पश्चात दुर्ग भिलाई में सेवा नर्सिंग में जाँब के दौरान गुगल से जब सर्च किया कि छ.ग.वासी क्या नहीं कर पाए हैं उन्होंने आल इंडिया साइकल राईडर को सर्च किया तो छ.ग.का नामोनिशान नहीं था वहीं से उन्होंने संकल्प लिया और मार्च 2022 को नेशनल संदेश लेकर अपने गृहग्राम से निकल पड़े।

मार्गदर्शक..अपने माता पिता के साथ बोराई क्षेत्र के युवानेता जो रिश्ते में योगेश के चाचा लगते हैं जिला पंचायत सदस्य धमतरी मनोज साक्षी को बताया जिन्होंने बढ़चढ़कर उन्हें सहयोग प्रदान किया।