विधानसभा में उठे पूर्व मंत्री का बयान के प्रति जिला सर्व आदिवासी समाज ने निंदा प्रस्ताव किया...सार्वजनिक रूप से छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज से मांगे माफी.....

विधानसभा में उठे पूर्व मंत्री का बयान के प्रति जिला सर्व आदिवासी समाज ने निंदा प्रस्ताव किया...सार्वजनिक रूप से छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज से मांगे माफी.....
विधानसभा में उठे पूर्व मंत्री का बयान के प्रति जिला सर्व आदिवासी समाज ने निंदा प्रस्ताव किया...सार्वजनिक रूप से छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज से मांगे माफी.....

छत्तीसगढ़ धमतरी...छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और वर्तमान कुरूद विधायक व्दारा नौ अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के संबंध में विधानसभा में सवाल उठाए। विधायक अजय चंद्राकर ने जिस तरह से विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश के संबंध में जिन शब्दों के साथ अपनी बात सदन में रखे थे वह अमर्यादित थे उससे सर्व आदिवासी समाज जिला धमतरी को आघात पहुंचा है और इन शब्दों की कड़ी एवं तीव्र निंदा करता है। विश्व आदिवासी दिवस में पूर्व में पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड माननीय अर्जुन मुंडा जी वर्तमान केंद्रीय मंत्री आदिम जाति कल्याण विभाग के मुख्य अतिथि में कार्यक्रम कुरूद में हुआ था जिसमें उनका सहयोग था इसके उपरांत कुरूद में जिला स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम पिछले वर्ष हुआ है जिसमें भी वे शामिल थे उसके उपरांत आज दुर्भावना पूर्वक आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासी समाज के लिए आपका यह शब्द नितांत पूर्वाग्रह और आदिवासियों के प्रति घृणा की स्थिति को दर्शाता है आदिवासी समाज आज भी संविधान की प्रदत्त अधिकार एवं शासकीय सुविधाओं से वंचित है जब तक इन शब्दों के प्रति आप सार्वजनिक रूप से आदिवासी समाज के समक्ष माफी नहीं मांगेंगे तब तक आदिवासी समाज जिला धमतरी इसका विरोध करता रहेगा,आगे आपके आतिथ्य में कार्यक्रम मनाने का सर्व आदिवासी समाज परहेज करेगा। शायद आप यह नहीं चाहते कि विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश हमारे लिए घोषित किया जाए ताकि हम इस दिवस को मनाने से चुके.....

कार्यकारी जिलाध्यक्ष महेश रावटे ने कहा पूर्व मंत्री ने जो बात कही है उन बातों का मैं खंडन करता हूं उन्होंने कहा विश्व आदिवासी दिवस उन देशों में मनाया जाता है जहां आदिवासी समाज संकटग्रस्त है मैं पूरे दावे के साथ कहता हूं की आजादी के 75 वर्ष बाद भी आदिवासी समाज मूलभूत प्राथमिक व्यवस्था से वंचित है जिसमें संचार,परिवहन,चिकित्सा एवं बिजली व्यवस्था तक भी कई क्षेत्रों में अभी तक नहीं पहुंच पाया है और लगभग 50 प्रतिशत आबादी इसी अभावग्रस्त जिंदगी से गुजर रहे हैं। आज आदिवासी समाज नक्सल ग्रस्त क्षेत्रों में फंसा हुआ है जहां निर्दोष आदिवासियों को गोली से मार दिया जाता है,आज देश का समाचार निकाल कर देख लो पांच से छह करोड़ आदिवासी विस्थापित हुए हैं जिनका न केंद्र न राज्य सरकार आज तक सुध,नहीं लिया है। आज भी विस्थापन का दंश झेल रहे हैं व्यवस्थापन भी सही ढंग से नहीं हुआ है। अभी भी ट्राईवल क्षेत्र के आदिवासी भटक रहे हैं इन गंभीर समस्याओं को छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि विधानसभा पर आज तक नहीं उठाए......

वहीं सर्व आदिवासी समाज धमतरी युवा प्रभाग जिलाध्यक्ष प्रमोद कुंजाम ने भी विरोध जताते हुए कहा।आदिवासी समाज के प्रति पूर्व मंत्री की सोच जगजाहिर हो चुकी है इनकी जितना निंदा की जाए उतना ही कम है आगे ये भी कहा आज भी समाज की 54 प्रतिशत आबादी गरीबी, कुपोषण,अशिक्षा,स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में जी रहे हैं वहीं पूर्व मंत्री का बयान सरासर झुठा है.....

जिला सर्व आदिवासी समाज की महिला प्रभाग की जिलाध्यक्ष अनीता ठाकुर ने भी विरोध जताते हुए कहा अभाव एवं उपेक्षा के चलते आदिवासी समाज की छत्तीसगढ़ में 2001 की जनगणना अनुसार 32% थी मगर आज 2021 में 28.5% बताया जा रहा है जो रिपोर्ट वास्तव में आदिवासी समाज के प्रति संवेदनशील नहीं दर्शीती।