CM भूपेश बोले- कका जिंदा है VIDEO: राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन, झारखंड सीएम सोरेन बने मेहमान, बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर थिरके संस्कृति मंत्री, देश-विदेश के कलाकारों ने जीता दिल, देखें वीडियो.....

Colorful conclusion of National Tribal Dance Festival, Jharkhand CM Soren and Chhattisgarh CM Bhupesh attends closing ceremony of NTDF-2022  रायपुर। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में ऐसे वर्ग को आगे बढ़ा रहे हैं जिनका सदियों से शोषण हुआ है। उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। मुझे इस मंच में आकर गौरव महसूस हो रहा है। हेमंत सोरेन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे।

CM भूपेश बोले- कका जिंदा है VIDEO: राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन, झारखंड सीएम सोरेन बने मेहमान, बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर थिरके संस्कृति मंत्री, देश-विदेश के कलाकारों ने जीता दिल, देखें वीडियो.....
CM भूपेश बोले- कका जिंदा है VIDEO: राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन, झारखंड सीएम सोरेन बने मेहमान, बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर थिरके संस्कृति मंत्री, देश-विदेश के कलाकारों ने जीता दिल, देखें वीडियो.....

Colorful conclusion of National Tribal Dance Festival, Jharkhand CM Soren and Chhattisgarh CM Bhupesh attends closing ceremony of NTDF-2022 

 

रायपुर। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में ऐसे वर्ग को आगे बढ़ा रहे हैं जिनका सदियों से शोषण हुआ है। उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। मुझे इस मंच में आकर गौरव महसूस हो रहा है। हेमंत सोरेन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे।

झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में इतनी समानता है कि दोनों राज्यों के कई ऐसे क्षेत्र है। जहां पता लगाना मुश्किल है कि यह क्षेत्र दोनों राज्यों में से किस राज्य का है। वास्तव में झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों भाई है। दोनों राज्य के लोगों के राज्यों के लोगों का एक-दूसरे के राज्य में आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से पूरे देश और दुनिया में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जो सदियों से संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष में इसी आयोजन में शामिल होने रायपुर आया था। यहीं की प्रेरणा से झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस मनाया, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी शिरकत की थी। श्री सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के जरिए यह संदेश देने का भी सफल प्रयास किया गया है कि जब तक सभी वर्गों का विकास नहीं होता तब तक देश का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है। इसे सहेज कर और इसकी खूबसूरती को बड़े फलक पर दिखाने के उद्देश्य से हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की। रात बारह बजे तक लोग इस सुंदर आयोजन को देखने बड़ी संख्या में जुटते रहे। उन्होंने कहा कि हमने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया। साथ ही 22 देश के आदिवासी कलाकार इस आयोजन में शिरकत करने के इच्छुक थे लेकिन समयसीमा को देखते हुए हमने केवल 10 देशों को स्वीकृति दी। इस आयोजन के माध्यम से लोगों ने जाना कि हमारी आदिवासी संस्कृति कितनी समृद्ध है। इनके नृत्यों के माध्यम से प्रकृति और लोकजीवन को सहेजने के सुंदर मूल्य जो सीखने को मिलते हैं वो सीख हमारे लिए अमूल्य है।

  

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टाल भी लगाए। इनमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी, उससे पता लगता है कि हमारी आदिवासी कला को जानने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं और यह कितनी समृद्ध लोककला है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम 22 साल से स्थापना दिवस मना रहे हैं। अब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी मना रहे हैं। इससे हमारी खुशी दोगुनी हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिरकत करने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन के साथ ही हम प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन भी कर रहे हैं। इसमें 20 लाख प्रतिभागियों ने अब तक हिस्सा लिया है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल हैं। 70 साल की बुजुर्ग महिलाएं भी फुगड़ी खेल रही हैं। सबको बचपन की यादें ताजा हो गई हैं। इन खेलों से मोबाइल से ध्यान हटा, यह भी बड़ी बात है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘‘बिहनिया‘‘ के नए अंक का विमोचन किया।

 

इस मौके पर गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से हमारी आदिवासी संस्कृति को सहेजने का बड़ा काम राज्य शासन द्वारा हुआ है। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने इस मौके पर कहा कि लोगों ने महोत्सव का भरपूर आनंद लिया और इससे हमारी समृद्ध आदिवासी संस्कृति की झलक एक बड़े मंच में दिख रही है। इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ विभागीय प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। 

 

समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद, विधायक धनेन्द्र साहू, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, पीसीसीएफ संजय शुक्ला, पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. एवं संचालक संस्कृति विवेक आचार्य मौजूद थे।

फसल कटाई की श्रेणी में पहला स्थान छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पुरस्कार भी इस अवसर पर दिये गये। फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार असम को दिया गया।

 

विवाह संस्कार में पहला स्थान सिक्किम को- विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम के तमांग सेलो नृत्य को, दूसरा स्थान ओडिशा के घुड़सा नृत्य को और तीसरा स्थान झारखंड के डमकच नृत्य को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम को और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार गुजरात के सिद्धी धमाल नृत्य को दिया गया।

 

कृषि विभाग की प्रदर्शनी को पहला स्थान- इस मौके पर विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी पुरस्कृत की गई। पहला स्थान कृषि विभाग को, दूसरा स्थान ऊर्जा विभाग को और तीसरा स्थान वन विभाग को मिला। सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में पहला पुरस्कार बाल्को, दूसरा पुरस्कार एनएमडीसी तथा तीसरा पुरस्कार एनटीपीसी को मिला।

 

 

बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर थिरके संस्कृति मंत्री एवं जनप्रतिनिधिगण

 

तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया। तीन दिवसीय महोत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया। तो वहीं विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम को, दूसरा स्थान ओडिशा को और तीसरा स्थान झारखंड को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया।

 

पुरुस्कार वितरण के बाद देश के साथ-साथ विदेशों से आये कलाकारों का नृत्य हुआ। आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक पेश की है। छत्तीसगढ़ में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। गुलाबी ठंड के बीच राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आए लोग देर रात तक जमे रहे हैं। गीत, संगीत और नृत्य ने अतिथियों को कार्यक्रम में डटे रहने के लिए मजबूर किया। आदिवासी कलाकारों ने नृत्य के जरिए पूरे कार्यक्रम में समां बांध दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम का लुत्फ उठाया है। इस दौरान देश-विदेश से आए आदिवासी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी है। रसियन दल ने वरेन्का नृत्य के साथ शानदार शुरुआत की, इस नृत्य के जरिए रूसी संस्कृति को प्रस्तुत किया गया। रशियन कलाकारों ने गालिया और कोसेंग सूट नृत्य की प्रस्तुति दी। कोसेंग नृत्य विजय के बाद अपनी परंपरा और शौर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है। रशियन कलाकारों ने प्रेम, संगीत, परिधान और परंपरा चारो एक ही डांस में और शारीरिक संतुलन का अद्भूत प्रदर्शन किए। आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिक्किम के कलाकारों द्वारा तमांग सेलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी। पारंपरिक अवसर और अनुष्ठानों में किये जाने वाले इस नृत्य से दर्शकों में उत्साह भर दिया। टोगो से आये कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर अनोखी प्रस्तुति दी। फसल कटाई के अवसर पर किए जाने वाले श्रेणी में छत्तीसगढ़ के जिस नृत्य दल को करमा नृत्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ उसकी प्रस्तुति देखकर दर्शको में उत्साह दिखा। फ्यूज़न डांस में देश-विदेश के कलाकारों के साथ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के साथ साथ जनप्रतिनिधियों ने बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर नाचे।

 

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में करीब 4 हजार किलोमीटर दूर सर्बिया से आये कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कौशल को देख दर्शक काफी उत्साहित हूये। सर्बिया के कलाकार ट्रेडिशनल डांस का प्रदर्शन किए। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 में अंतिम प्रस्तुति के रूप में मोजांबिक के कलाकार अपनी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी।