National News: भारत मे जितने भी चिड़िया घर है,और पिनजरे मे कैद रखे हुए पशु व पक्षी असहज व दुखी दिखाई देती है।

National News: All the bird houses in India, and the animals and birds imprisoned in cages look uncomfortable and sad.

National News: भारत मे जितने भी चिड़िया घर है,और पिनजरे मे कैद रखे हुए पशु व पक्षी असहज व दुखी दिखाई देती है।

NBL,. 25/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,..Raipur CG: आज का न्युज चिड़िया घरों में कैद पशु व पक्षीयो के लिए है जो बेजुबान होकर भी हम लोगों को किसी न किसी इसारे से बता रहे हैं, की मै इस चिड़िया घरों के पिंजरे मे दुखी हूँ, पढ़े विस्तार से...। 

पशु व पक्षीयो का सरक्षन करना व सुरक्षा देना देश व देशवासियो का मूल कर्तव्य है, और इसे निभाना भी चाहिए, लेकिन आज इन पशु व पक्षीयो का शोषण करने वाले की कमी इस देश मे भरे पड़े हैं। जो आज कई बेजुबान जानवार को मारकर अपने पेट वह मुंह का स्वाद को पुरा कर रहे हैं, जो आये दिन आपको अखबार के माध्यम से पढ़ने व टीवी व सोशल मीडिया के माध्यम से देखने को यदा कदा मिल ही जाती है, लेकिन देश मे पशु पक्षियों की प्रेमीयो की भी कमी नही है, जो उनके ख्याल रखते हैं जैसे शहर मे घूम रहे अवारा पशु को रोटी व फल या अन्य खाने की सामग्रि से उनके भूख मिटाते हुए देखने को मिल भी जाती है, और खासकर कोरोना काल में पशुओ के लिए जो भोजन व पानी की व्यवस्था की उन भाइ व बहनो को दिल से धन्यवाद। 

आज बहुत से पक्षी प्रेमी लोग अपने घरों के छतो मे या पेड़ों मे सिखहर बनाके टांगते है ,पानी व भोजन को और उनके भूख व प्यास बुझा कर पुण्य का फल प्राप्त करने के लिए एक अपनी मानवीय व्यवहार को प्रस्तुत करते हैं। 

लेकिन आज दुःख तब लगता है, जब आप उस आजाद पक्षी व पशुओ को पिंजरे मे कैद हुए देखते हैं, तब। वह इसारे मे कुछ बया करती है, लेकिन उसके दर्द को हम समझ नही पाते उल्टा उसे खिलोने जैसे उनके साथ व्यवहार करते है उनको छेड़ते है। और मजा लेते हैं, लेकिन जरा अपने आप से पूछो और महसूस करो काश मै इस पिंजरे मे होता और मुझे लोग छेड़ते तो मै इंसान उस छेड़ने वाले व्यक्ति को क्या बोलकर उसको चुप कराते व उनको गाली गलौज करते ये लोग मुझे चैन से सोने ( आराम) व खाने पीने नही देते हुए बोलते। लेकिन बेजुबान पशु व पक्षी करे तो करे क्या उनकी मजबुरी है उनको झेलना पड़ता है, और हम इंसान उनके साथ गलत व्यवहार करते हुए नही थकते। 

क्या यह चिड़िया घर हम इंसानों के लिए इंटरटेनमेंट की जगह बन गया है, जो अपने मन को बहलाने के लिए उन बेजुबान पशु व पक्षियों को अपने आनंद लेने की जरिया बना कर क्या हम इंसान लोग अच्छा कर रहे हैं, जरा इस पर विचार अपने अंतरमन से व मानवीय मानवता संवेदनाओ से जरा सोच विचार कर देखिये तो ही इन बेजुबान पशु व पक्षियों के प्रति प्रेम व उदार भाव की कुछ अंश आपको देखने व समझने को मिलेगी अन्यथा आप हम निष्ठुर है। 

अगर आप इन बेजुबान पशु व पक्षियों के प्रति प्रेम भाव निष्ठा रखते है तो देश मे जितने भी चिड़िया घर है उनको केवल उनके संरक्षण व सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थान समझे और उनको देखने व इंटरटेनमेंट के लिए लोगों से टिकट वसूले जा रहे है, और बड़े पैमाने पर लोग वहा जा रहे है और उन बेजुबान जानवार को चैन से बैठने व खाने पीने नही दे रहे हैं, उनका बहिष्कार होनी चाहिए और केवल पढ़ने वाले बच्चों के लिए बीच बीच मे खोले जाएं उनके पाठ्यक्रम के अनुसार उनको जानने व समझने के लिए और उनके सुरक्षा व उनके प्रति प्रेम की भावना बना रहे इस विषय पर स्कूलों मे चर्चा बच्चों से होनी चाहिए स्कूल के टीचर्स के माध्यम से।