दिल्ली G20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश नाम "INDIA" की जगह देश का मूल नाम "BHARAT" कहकर संबोधित किया और विश्व नेताओं को भारत की सनातन विरासत के बारे में बताते हुए उनके दिल और दिमाग में सनातन संस्कृति की अलख जगा दी।
n Delhi G20, Prime Minister Narendra Modi




NBL, 10/09/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: In Delhi G20, Prime Minister Narendra Modi addressed the country by calling its original name "BHARAT" instead of the British name "INDIA" and while telling the world leaders about India's eternal heritage, it awakened the spark of Sanatan culture in their hearts and minds. पढ़े विस्तार से....
भारत अपने पुरानी सनातन संस्कृति विश्व प्रख्यात विरासत को अपने गोद में रचाए बसाए है, जिसको भारत के पूर्व नेताओं ने सदियों से विश्व के नजरों से छुपाये हुए थे, जिसको पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली G20/2023 समिट में आए महाशक्ति शाली देश विश्व के दिग्गज नेताओं को अपने भारतीय मूल सनातन संस्कृति धरोहरों के बारे में बड़े सरल शब्दों में पीएम मोदी ने बताएं जिसके बारे में वह विदेशी नेताओं ने पहले कभी नहीं सुना था नही देखा था। जैसे 427 ईस्वी में नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी, इसे दुनिया का पहला रिहाइशी विश्वविद्यालय कहा जाता है,जो लंदन के ओक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय से 500 साल पुरानी है हमारे भारत के नालंदा विश्वविद्यालय जो बिहार राज्य में स्थित है।
जो दूसरे देशों से आये विद्यार्थी भी पढ़ते थे कुल एक साथ 10 हजार विद्यार्थी पढ़ते थे, जिसे मुगल मुस्लिम आक्रान्ताओ ने तहस नहस कर नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में आग लगा दी और इतने सारे ज्ञान वर्धक पुस्तक थे की तीन महीने तक धू धू करके जलते रहे जो भारत के नालंदा विश्वविद्यालय विश्व के पहला विश्वविद्यालय था यही से पता चल गया इन विश्व के दिग्गज नेताओं को की भारत कितना विकसित देश था, जो शून्य का अविष्कार करने वाले ब्रह्मगुप्त से पहले भारत के महान गणितज्ञ और ज्योतिषी आर्यभट्ट ने शून्य का प्रयोग किया था इसलिए कई लोग आर्यभट्ट को भी शून्य का जनक मानते थे, वह ज्ञानी इसी नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ाई किया था।
भारतीय सनातन संस्कृति में एक से बढ़ कर एक विरासत आज भी अडिग होकर खड़ी हुई हैं, जिस विरासत के रहस्यों को विज्ञान भी सुलझाने में असमर्थ हैं, जैसे भारत के ओडिसा राज्य में स्थित कोणार्क मंदिर जो सूर्य देव का मंदिर कहा जाता है जिसका निर्माण 13वीं सदी में गंगा वंश के राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था। कोणार्क मंदिर के गुंबद में मैग्नेटिक पत्थर लगा हुआ था जिससे समुद्र में चलने वाले पानी जहाज के लिए घातक था इसलिए उस मैग्नेटिक गुंबद को मंदिर से विदेशी आक्रान्ताओ द्वारा हटा दी गई जो कोणार्क मंदिर समय का सटीक गणना आज भी प्रदर्शित करते है उनके लगे शिला चक्र पहिया सूर्य के सात घोड़ों के समान सात शिला चक्र में खड़े होकर आज भी कोणार्क सूर्य मंदिर समय का सटीक ज्ञान पर्यटक को दे रहा है गाईड के माध्यम से। उसी का उल्लेख पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन को दे रहा था जिसे देखकर और सुनकर राष्ट्रपति जो बाईडेन आश्चर्य चकित हो गया वाकई में भारत के हर सनातन संस्कृति के विरासत रहस्यों से भरे हुए है और इसके बारे में जानना चाहिए हर एक विश्व के पर्यटको को और विश्व के हर एक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा।
वैसा ही मंडपम G20 सभागार के सामने नटराज का मूर्ति लगा हुआ है जो अपने आप में सनातन संस्कृति को दर्शा रहे है शिव सत्य है और शिव सुंदर है और शिव ही विश्व ब्रम्हांड का कल्याण चाहता है, सनातन धर्म संस्कृति संपूर्ण विश्व को अपना परिवार मानते है, बसुधैव कुटुंबकम का भाव रखते है। सनातन संस्कृति में ही विश्व का कल्याण हो विश्व के देवताओं की जय हो बोलते हैं, आज दिल्ली में जो हो रहा है G20 वह सफल इसलिए हो रहा है क्योकि पीएम नरेंद्र मोदी ने सनातन धर्म संस्कृति का समावेश किया है अपने इस विशाल कार्यक्रम में और सनातन संस्कृति के बदोलत सब संभव हो रहा है। जो पीएम नरेंद्र मोदी के विरोधी सपने में भी नही सोचा था कि इतने बड़े बड़े शक्ति शाली देश के राष्ट्रीय अध्यक्षो के द्वारा भारत के पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के हर एक बातों से सहमत हो जायेंगे 73 प्रावधानों का समर्थन करेंगे जो आज तक किसी भी G20 समिट में नही हुआ वह सब भारत ने कर दिखाया यहाँ तक रूस युक्रेन युद्ध का जिक्र भी हुआ लेकिन अपने मित्र देश रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन व उनके देश रूस के नाम लिए बैगेर युक्रेन युद्ध को रोकने की सहमति बनी शांति रूप से यह भी भारत की बुद्धि मत्ता का एक सभ्य परिचय है, जो पीएम नरेंद्र मोदी सरकार किसी को नाराज ना करते हुए सहमति ले ली, सब भोले बाबा की कृपा है।
जब तक हम अपने देश के मूल भारतीय संस्कृति को नही बतायेंगे तो कहा से जान पाएंगे अन्य विदेशी ताकतवर देश पहले पूर्व की भारत सरकार ताजमहल व मुगल शासको के द्वारा बनवाये गए विरासत को दिखाते व उनके बारे में बताते थे, जिससे भारत का सामर्थ्य फीका पड़ जाता था और हम भारतीय सनातन संस्कृति के विशाल विस्तार के बारे में अवगत नही करा पाते थे इससे विदेशी ताकतवर देश को एहसास नही हो पाता था कि भारत में एक से बढ़के एक सनातन संस्कृति का रूप भारत में खड़े होकर खुद से गवाही दे रहा है कि हम विकास शील उन्नत शील भारत थे और आज भी है। इसलिए पहले भारत को हिन भावना से देखते थे विदेशी ताकतवर देश लेकिन आज पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा भारत के सदियों से बने विकास विरासत नीव को दिखा भी रहे है और बता भी रहे हैं सनातन संस्कृति के धरोहरों को और आश्चर्यचकित हो गया है इन विदेशी ताकतवर देश के नेता इतना पुरातन भारतीय संस्कृति को देश दुनिया के सामने क्यों छुपाया क्यों सामने नही किया अपने सामर्थ्य को भारत जो आज पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा भारत के सामर्थ्य का पता चल रहा है।दुनिया के ताकतवर देशों को अब पता चला विदेशी नेताओं को की आज भारत चन्द्रयान 3 के माध्यम से चन्द्रमा पर सफल लैंडिंग किया यानी की भारत आर्थिक स्थिति से मजबूत है और भारत के साथ व्यापार करना घाटे का सौदा नही होगा भारत गरीब देश नही है भारत सामर्थ्य वान देश है।