फिल्मी कहानी से कम नहीं है मीना की दास्तान...

फिल्मी कहानी से कम नहीं है मीना की दास्तान...

भीलवाड़ा। जिले के मांडल थाना क्षेत्र के करेड़ा ग्राम की मीना की कहानी भी एक फ़िल्म की कहानी से कम नही है, 5 वर्ष की उम्र में लापता हुई 12 वर्ष बाद पुनः लौट आयी, बस अपने पिता और गांव के नाम की याद को दिलकी गहराइयों में लिखा रखा था, जिसके कारण फिर लौट आयी मीना। करेड़ा कस्बे से 12 साल पहले लापता हुई बच्ची फिर अपने माता-पिता, भाई-बहन व परिवार से मिली बच्ची को देख कर माता पिता व परिवार जनों की आंखों से आँसू निकल आये, बच्ची 12 साल से दिल्ली में एक एनजीओ में रह रही थी थाना अधिकारी सुरेंद्र कुमार गोदारा ने बताया की करेड़ा निवासी बक्षु गाडरी की 5 वर्ष की पुत्री मीना 12 जुलाई 2009 में घर के बाहर खेल रही इस दौरान उसे कोई बहला फुसला कर अपने साथ ले गया। जिसकी गुमशुदगी दर्ज की गई थी व तलाश की मगर कही पता नही चला वही परिजनों ने मीना की तलाश कस्बे सहित आसपास के गांव जिले व अन्य राज्य मे करीब 3 वर्ष तक काफी तकाश की पर मीना का कही पता नही चला। 

मीना दिल्ली में एनजीओ में रह कर कर रही थी पढ़ाई, 10 वी की दी परीक्षा

करेड़ा थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार गोदारा ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व दिल्ली पुलिस से मीना के बारे में जानकारी मिली, मीना नवम्बर 2009 से  दिल्ली में  किलकारी रेम्बो एनजीओ में रह रही थी, जब एनजीओ में गई तब उसे यही पता था कि वो करेडा की रहने वाली है और उसका नाम मीना व पिता का नाम बक्षु था, जिसके आधार पर पुलिस ने मीना के परिजनों को ढूंढने का प्रयास किया पर मगर सफलता नही मिली ओर मीना ने 12 वर्ष एनजीओ में 105 बालिकाओं के साथ रह कर पढ़ाई की व इस वर्ष 10वी की परीक्षा पास की वही इस बीच 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुमसुदा बालिकाओं के मामले में एफआईआर दर्ज हुई, जिस पर पुलिस पुनः परिजनों की तलाश की, जिस पर उन्हें इस बार सफलता मिली ओर करेड़ा पुलिस के साथ मीना के माता पिता को दिल्ली भेजा गया तो वहाँ पर दोनों ने एक दूसरे की पहचान की जिस पर आज मीना को उनके माता पिता व परिवार मिल गया व माता पिता को बिछड़ी बेटी मिल गई।