रावण को मार डाला, लेकिन अपने भीतर के रावण को कब मारोगे, जो रावण से भी बदतर है?
Killed Ravana, but when will you kill




NBL, 04/10/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.Raipur CG: Killed Ravana, but when will you kill the Ravana within you, who is worse than Ravana?
हर साल रावण को हम मारते हैं, लेकिन क्या रावण मरता है?क्योकि एक रावण को त्रेतायुग में श्री राम प्रभु ने मार दिया था, लेकिन इस कलयुग मे कौन सा रावण को मारते हैं, और कौन है " राम " जो रावण को मार सकता है, इस कलयुग में आज त्रेता युग के रावण से भी बदतर है आज के कलियुगी रावण, पढ़े आगे विस्तार से...
त्रेतायुग के रावण तो ज्ञानी ध्यानी था और उनके लिए कोई असम्भव नहीं था, जिस भी वस्तु या इंसान या देव दानव जो भी हो वह चाह लिया रावण ने उसको पाया, छल बल कपट से लेकिन पाया जरूर लेकिन उसका उपयोग नही किया जबरदस्ती लेकिन आज के कलियुगी रावण तो झट पट उपयोग कर लेते हैं, चोरी चकारी, ब्लात्कारी और बहुत से उपयोग और बहुत कुछ है इनके, जो त्रेता युग के रावण से भी अधिक खतरनाक है कलियुगी रावण , हर घर, घर - घर रावण है, कोई दहेज लेने वाले रावण तो कोई क्लेश करने वाले रावण कोई राजनीति के आड़ लेकर जनता को लूटने वाले रावण कोई धर्म के आड़ लेकर बाबा बनकर बहु बेटी के अस्मत लूटने वाले रावण, अब किस किस तरह के रावण का मै बखान करू व्यापार में रावण राजनीति में रावण मंदिर मस्जिद में रावण, कहा कहा रावण नहीं बैठा है देश के अंदर कोने कोने में छिपा है कलियुगी रावण। अपने अंदर मे छुपे रावण को पहले मारो तो ही उस रावण को तुम मारना। इन्ही प्रतिक को बरकरार रखने के लिए उस त्रेता युग के रावण के बुराई को देखते हुए, श्री राम प्रभु ने रावण को मारा ताकि इस बुराई के अंत को हर युग में सबक लेकर अपने अंदर में छुपे बुराई को मार सके इसलिए रावण को हर साल मारने का प्रथा बरकरार है। त्रेता युग के रावण के अंदर एक अच्छा गुण देखने को मिला सीता माँ की हरण तो किया कुछ गलत मानसिकता से लेकिन रावण उसे अपने लंका के कोई भी कमरे मे जगह नहीं दिया और अपने वन के पवित्र स्थान अशोक वाटिका में स्थान दिया खुले आसमान में, ताकि रावण के काली करतूतें इतिहास में दर्ज रहे और दुनिया जान सके की सीता माँ की हरण रावण ने तो किया लेकिन उनके साथ कोई अन्याय अनीति या जबरदस्ती उनके साथ ब्लात्कार नहीं किया, भले ही डराया धमकाया रावण ने और रावण का मनसा कुछ अलग ही था सीता माँ ही मुझे मोक्ष दिला सकती है, और मेरे नाश केवल और केवल विष्णु अवतार श्री राम जी ही कर सकता है, इसलिए इतना बड़ा कृत्य किया है, रावण ने और अपने कुल को तार दिया ऐसा रावण को हम कैसे कहे की त्रेता युग के रावण बहुत ही बेकार है करके, जबकि कलियुगी रावण तो निजी सुख को देखते हुए अन्य लोगों को दुख पहुँचाती है, जिसके अंदर ममता, दया, धर्म, न्याय, मानवता कुछ भी अटल व सार्थक नहीं रहते, और चले त्रेता युग के रावण को मारने, अपने आप के अंदर छुपी बुराई भयानक रावण को तो पहले मारो।