Indian Railway Payment Rule: रेलवे स्टेशन पर लागू होने जा रही यह नियम! खाद्य सामग्री नगद बेचने पर लगेगा एक लाख तक जुर्माना...
Indian Railway Payment Rule: This rule is going to be implemented at the railway station! Selling food items in cash will attract a fine of up to one lakh... Indian Railway Payment Rule: रेलवे स्टेशन पर लागू होने जा रही यह नियम! खाद्य सामग्री नगद बेचने पर लगेगा एक लाख तक जुर्माना.




Indian Railway Payment Rule :
रेलवे बोर्ड ने देशभर के रेलवे स्टेशन पर एक अगस्त से खानपान के भुगतान को कैशलेस करने का बड़ा फैसला लिया है। अब खानपान की बिक्री नगद नहीं होगी। ऐसा नहीं करने पर वेंडरों पर 10 हज़ार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
रेलवे स्टेशन पर वेंडर बोतलबंद पानी और जनता खाना (पूड़ी-सब्जी) के लिए अधिक रकम नहीं वसूल सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने देशभर के स्टेशन पर एक अगस्त से खानपान का भुगतान कैशलेस करने का फैसला किया है। यानी खानपान की बिक्री नकद नहीं होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर 10 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।
रेलवे बोर्ड ने इस बाबत 19 मई को सभी जोनल रेलवे और आईआरसीटीसी को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें उल्लेख है कि प्लेटफार्म पर खानपान सहित तमाम स्टाल सामग्री की बिक्री डिजिटल तरीके से करेंगे। इसके साथ रेल यात्रियों को कंप्यूटराइज्ड बिल देंगे। (Indian Railway Payment Rule)
बासी भोजन की शिकायत कर सकेंगे:
स्टेशन पर घटिया-बासी खाना, एक्सपाइयरी डेट के खाद्य पैकेट आदि बेचने पर यात्री उनकी लिखित शिकायत कर सकेंगे। वर्तमान में डिजिटल भुगतान और बिल के अभाव में यात्री अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं। इससे यात्रियों को शुद्ध व ताजा खाना सही कीमत पर मिलेगा। (Indian Railway Payment Rule)
ट्रेन में पहले से है यह व्यवस्था:
कई बार सुनने में आया है कि वेंडर पानी की बोतल और जनता खाना (पूड़ी-सब्जी) 15 के बजाय 20 रुपये में बेचते हैं। इस रोक लगेगा। रेलवे बोर्ड ने चार साल पहले ट्रेन में खाद्य सामग्री की बिक्री के लिए डिजिटल भुगतान अनिवार्य कर दिया था। इसमें नो बिल-नो पेमेंट का प्रावधान है। इसके दूसरे चरण में स्टेशनों पर यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। (Indian Railway Payment Rule)
फैसला अव्यवहारिक : रविंद्र गुप्ता:
रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता ने रेलवे बोर्ड के इस फैसले का अव्यवहारिक बताया है। उनका तर्क है कि जहां से ट्रेन चलती है, वहां यह योजना सफल है। (Indian Railway Payment Rule)