धार्मिक रीति रिवाज एवं मंत्रोच्चार के बीच व्रतधारी महिलाओं द्वारा हरितालिका व्रत पर की गई विशेष पूजा अर्चना।




नया भारत//सितेश सिरदार
जयनगर कंदरई बरपारा एवं आसपास के क्षेत्रों में धार्मिक रीति रिवाजों एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्रतधारी महिलाओं द्वारा हरितालिका तीज पर्व पर आराध्य देव भगवान शिव एवं पार्वती की पूजा उपासना करते हुवे अपने पति के उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना भगवान शिव एवं पार्वती से की गई ।
इस दरमियान व्रतधारी महिलाओं द्वारा सम्मिलित रूप से मंदिरों एवं अपने निवास स्थलों में हरितालिका तीज पर्व पर नये वस्त्रों एवं आभूषणों से सुसज्जित होकर पूजा अर्चना की गई ।
व्रतधारी महिलाओं द्वारा बताया गया की हरितालिका तीज पर्व तप की महट्टाएवं माता पार्वती के शिव अर्धांगनी बनने का पर्व है । तीज पर्व महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है । तीज हरितालिका पर्व पर शाम से ही मंदिरों एवं अन्य पूजा स्थलों पर व्रतधारी महिलाओं का हुजूम लगना प्रारम्भ हो गया था । हरितालिका तीज का पूजा कराने वाले पुरोहित पंडित द्वारा बताया गया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी व्रतधारी महिलाओं द्वारा धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ उक्त त्योहार मनाया जा रहा है । पंडित द्वारा बताया गया कि हरितालिका तीज पर्व के पूजा का मुहूर्त अनुसार पूजा पाठ किया गया।
मान्यता हैं सौभाग्यवती महिलाएं अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां अपने इच्छित वर पति को पाने के लिए यह व्रत करती हैं। ऐसा माना जाता है सबसे पहले यह व्रत माता पार्वती ने सबसे पहले भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था।