यदि तुम सत्य जानते हो, तो सत्य तुम्हें मुक्त कर देगा,सत्य महान और परम शक्तिशाली होता है.

If you know the truth, the truth will set you

यदि तुम सत्य जानते हो, तो सत्य तुम्हें मुक्त कर देगा,सत्य महान और परम शक्तिशाली होता है.
यदि तुम सत्य जानते हो, तो सत्य तुम्हें मुक्त कर देगा,सत्य महान और परम शक्तिशाली होता है.

NBL, 30/09/2022, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG: If you know the truth, the truth will set you free, truth is great and most powerful.

आज झूठे लोगों से दुनिया भरे पड़े है, इस झूठ से आज लोग अपना विकास का स्तर बढ़ा रहे हैं, और यही झूठ पूरे विश्व में आज अपना मार्केट बना लिया है, जबकि सदियों पहले झूठ बोलने के लिए लोग अपने आप से सौ बार सोचते थे, की यह झूठ जनहित में है की जनअनहित मे है, करके तब कही वह व्यक्ति झूठ बोलने का शाहस करते थे, पढ़े आगे विस्तार से.... 

विश्व मे देवत्व का शक्ति बहुत ही कम स्तर पर रह गया है, और इनके मुख्य कारण है, सत्य का विलुप्त होना और झूठ का विकास होना आज झूठ का विकास लोगों के लिए विनाश का कारण बन रहे हैं, जो अकारण युद्ध होना अकारण महगाई बढ़ जाना अकारण बेरोजगारी बढ़ जाना, अकारण कही पर दंगा फसाद हो जाना, अकारण ही अच्छे खासे लोगों का जिंदगी अस्त व्यस्त हो जाना व नरक के समान हो जाना, जितने भी आज लोग असहज हो रहे हैं उसका मुख्य जड़ झूठ ही है। आज कम उम्र मे बीमार पड़ जाना व कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो जाना, कई लोगों का तो परिवार बिखर रहे हैं, पति पत्नी से, माँ बाप अपने संतान से और कई प्रकार के विपत्ति उन परिवार के जीवन मे आ रहे है और इन सबका श्रेय जाता हैं लोगों का झूठ बोलना और सत्य ना बोलकर सत्य के आड़ लेकर अपना मुँह छिपाना और अपने ही लोगों को धोखा देना इन झूठ बोलने के कारण ही आज जगह जगह क्राइम हो रहे हैं, संतुलन में नहीं है धरती व आजके इंसान इस झूठ के कारण कुछ भी हो सकता है लोगों के साथ। 

आज यही झूठ इतना हावी हो रहे हैं,की विश्व के कई देशो के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति का सम्मान देश के लोगों के द्वारा आज अपमान मे बदल रहे हैं, और इनका भी कारण है, देश को कर्जदार बना देना देश मे महगाई का होना देश मे बेरोजगारी का बढ़ना और इनका इस प्रकार के संकट आना मतलब वहाँ की सरकार झूठे व भ्रष्टाचारी है, अपने ही लोगों के बीच झूठ बोलकर देश बेच रहे हैं, अन्य देशों के हाथों में, आज कल आप लोगों ने देखा है, श्रीलंका देश का हाल महंगाई के मार से त्रस्त जनता अपने ही देश के सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए आगे आया बल्कि उनके सरकारी आवासो मे घुसकर हल्ला मचाने मे कामयाब रहे, यही हाल प्रायः प्रायः देशों में आज हो रहा है, कही युद्ध तो कही धर्म के नाम पर तो कही महगाई व बेरोजगारी के नाम पर कुछ ना कुछ विश्व के देशों में विनाश का खेल चल रहा है। 

जिनमें सत्य, ईमानदारी जैसे गुण मूल में होते हैं. हमेशा सत्य वचन कहने वाले को सत्यवादी कहा जाता हैं. भारत में राजा हरिश्चन्द्र को हर कोई जानता हैं जो अपनी सत्यवादिता के कारण अमर हो गया. जीवन की प्रत्येक परस्थिति चाहे वह हमारे अनुकूल हो या प्रतिकूल उसमें सत्य का साथ न छोड़ना ही सत्यता या सत्यवादिता कहलाता हैं। 

आज निजी स्वार्थ के लिए भले व सत्य के राह में चलने वाले व्यक्ति को भी असत्य का मार्ग दिखाते हैं, कुछ झूठे लोग जो इनके तन व मन को भटकाने के लिए तरह तरह की चाल चलते हैं, आपको आगे बढ़ना है, तो एक नंबर मे नहीं दो नम्बरी इंसान बनना पड़ेगा आप भी झूठ का सहारा ले तो आपके पास भी अच्छा मकान अच्छा कार व अच्छे सुख सुविधा हों जायेगा आज हरीश चन्द्र का जमाना नहीं है, आज झूठे लोगों का बोलबाला है, और यही इन्ही झूठ का सहारा लेना व धारण करना आपके विनाश का कारण बनते हैं। क्योकि एक झूठ आपको सौ झूठ बोलवाते है, यानी की आप सौ पाप कर लिया, तो इसका दण्ड तो आपको भोगना ही पड़ेगा, चाहे आप बड़े बीमारी से या आप दुर्घटना से या आपके परिवार के कलह से कोई ना कोई कष्ट तो आपको उठाना ही पड़ेगा, और आपका झूठ की काली कमाई सब धरे पड़े रह जायेंगे इस वक्त आपको कोई सहारा देने वाले नहीं होंगें, उस बुरे वक्त में आप ईश्वर से क्षमा याचना करोगे की हे भगवान मुझे मुक्ति दो लेकिन भगवान उस वक्त आपका एक भी नहीं सुनेगा और आप तिल तिल तड़फ तड़फ करके जीवन जियोगे आपके जीते जी आपको नरक दिखायेगा, क्योकि आप झूठे हो आप अमानवीय व्यक्ति हो दूसरे को दुख देने वाले हो दिन हिन को लूटने वाले व्यक्ति हो, इसलिए इन सब कष्टों को भुगतो। उस वक्त आपके पद पावर धन वैभव का कोई मोल नहीं रह जायेगा, जिससे आप अपने कष्ट को कम कर सको। 

सत्यवादिता दृष्टि का प्रतिबिम्ब है, जान की प्रतिलिपि है, आत्मा की वाणी है। सत्यवादिता के लिए केवल निष्कपट मन चाहिए। एक झूठ के लिए हजारों झूठ बोलने पड़ते हैं, झूठ की लम्बी श्रृंखला मन में बैठानी पड़ती है।

इसी बात को शास्त्र ने समझाया है- सत्यं ब्रूयात, प्रियं ब्रूयात, न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्। अर्थात् सच बोलो, पर प्रिय यानी भली मंशे से सच बोलो; अप्रिय यानी बुरी मंशे से सच कभी न बोलो।

झूठ बोलनेवालों के प्रति लोगों का विश्वास उठ जाता है। उनकी उपेक्षा सर्वत्र होती है। उनकी उन्नति के द्वार बंद हो जाते हैं। कभी-कभी तो उन्हें अपनी बेशकीमती जिन्दगी से भी हाथ धोना पड़ता है। क्या आपने उस चरवाहे लड़के की कहानी नहीं सुनी है जो भेडिया आया, भेड़िया आया कहकर लोगों को उल्लू बनाता था? जो झूठ की मूठ पकड़कर दूसरों का शिकार करते हैं वे खुद ही शिकार हो जाते हैं।

सत्य सदा परिकल्पना से दृढ़-दृढ़त्तर होता है। इस पर ही संसार का ज्ञान-विज्ञान आधारित है। सारा मानव-समाज इसकी धुरी पर ही कायम है। जिस समाज में खाली झूठ-ही झूठ का प्रचलन हो, वह समाज कभी समाज रह न पाएगा। सत्य के पथ में भले खाइयाँ मिले, किन्तु उस पथ से विचलित होना ठीक नहीं है। सत्य के खिलाफ बोलना ईश्वर के खिलाफ बोलना है उसे दुःखित करना है। असत्य बोलनेवाले प्रभु के प्रिय तो होते नहीं, उलटे दंड के भागी बनते हैं। सत्य से बढ़कर कोई पुण्य नहीं और असत्य से बढ़कर कोई पाप नहीं।

आज हर तरफ देख लीजिये आप केवल झूठ ही झूठ दिखाई देगा चारों दिशाओ मे, धरती के कण कण में रच बस गया है ये झूठ अब हम सब महाविनाश के कगार पर खड़े है, अभी तो केवल टाइटल चल रहा है, अभी पुरा पिक्चर देखना बाकी है, विपदा विपत्ति अब आने वाले है, स्वयम प्रकृति आपको काल के गाल में समाहित कर देगा, पता भी नहीं चलेगा महाकाल कब लील गया आपको आप कर लो जितना भी चालाकी और बोल लो जितना भी झूठ , आपका झूठ को सत्य खा ही जायेगा।