IPS Sucees Story: पिता ने देखा बेटी को पुलिस बनाने का सपना, बेटी ने IPS बनकर पूरा किया पिता का ख्वाब, जानिए IPS लकी चौहान की कहानी...
IAS Sucees Story: Father saw the dream of making daughter a police, daughter fulfilled her father's dream by becoming an IPS, know the story of IPS Lucky Chauhan... IAS Sucees Story: पिता ने देखा बेटी को पुलिस बनाने का सपना, बेटी ने IPS बनकर पूरा किया पिता का ख्वाब, जानिए IPS लकी चौहान की कहानी...




IAS Sucees Stories:
आईपीएस लकी चौहान (IPS Lucky Chauhan) त्रिपुरा कैडर की अधिकारी हैं और वर्तमान में त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में एक एसपी के रूप में तैनात हैं. लकी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाली हैं और बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी छात्र थी. उनके पिता ने बचपन में एक ऐसी बात कही थी जिसकी वजह से वह छोटी बच्ची से ही आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती थीं. (IAS Sucees Stories)
बचपन से ही IAS बनने का था जुनून
लकी का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा नामक गांव में हुआ था. उनके पिता रोहताश सिंह चौहान पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं. जबकि उनकी मां सुमन लता चौहान शिक्षिका हैं. उसके पिता के अनुसार लकी बचपन से ही होनहार छात्रा थीं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लकी ने एक प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया था जब वह नर्सरी क्लास में थीं. (IAS Sucees Stories)
पिता की बात को सुनकर सपने को किया फॉलो
यह देख उसके पिता ने उसे एसपी या डीएम बनने को कहा. यह सलाह उसके दिमाग में रहती थी और जब भी कोई उससे उसके सपनों के बारे में पूछता था तो वह अपने पिता की कही हुई बात का जवाब देती थी. लकी ने 12वीं में साइंस को चुना. इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी लिटरेचर और इतिहास में स्नातक किया. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, लकी ने सहायक कल्याण प्रशासक के रूप में काम करना शुरू किया. हालांकि उनका सपना आईपीएस ऑफिसर बनने का था. (IAS Sucees Stories)
अभी त्रिपुरा के गोमती जिले में हैं तैनात
लकी ने अपनी सरकारी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी. उसने कड़ी मेहनत की और आखिरकार तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद उसका चयन हो गया. लकी ने वर्ष 2012 में अखिल भारतीय रैंक 246 हासिल की और आईपीएस अधिकारी बन गईं. लकी को उनके प्रशिक्षण के दौरान उनके प्रदर्शन के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा त्रिपुरा कैडर दिया गया था. (IAS Sucees Stories)